बिहार : मुजफ्फरपुर में माले कार्यालय पर हमला सुनियोजित साजिश का नतीजा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 12 अगस्त 2020

बिहार : मुजफ्फरपुर में माले कार्यालय पर हमला सुनियोजित साजिश का नतीजा

  • अभी तक हमलावरों की गिरफ्तारी क्यों नहीं, मिठनपुर थाना प्रभारी को बर्खास्त करो: माले
  • भाकपा-माले की राज्यस्तरीय टीम मुजफ्फरपुर रवाना, हमले के पीछे भाजपा.
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पटना 12 अगस्त, मुजफ्फरपुर में भाकपा-माले के टाउन कार्यालय पर विगत दो दिनों से लगातार जारी जानलेवा हमले के बावजूद अभी तक किसी भी हमलावर की गिरफ्तारी नहीं होने पर माले राज्य सचिव कुणाल ने गहरा रोष व्यक्त किया है. कहा कि भाजपा-जदयू राजनीतिक कारणों से माले को निशाना बना रही हैं. नगर विकास मंत्री व मुजफ्फरपुर के स्थानीय भाजपा विधायक सुरेश शर्मा के खिलाफ वहां शहर को जलजमाव से मुक्ति के लिए लगतार आंदोलन चल रहा है, उसी की खुन्नस में अपराधियों को आगे करके माले कार्यालय पर हमला करवाया गया है. आज भाकपा-माले की उच्चस्तरीय टीम मुजफ्फरपुर गई है. इस टीम में पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य काॅ. धीरेन्द्र झा, केंद्रीय कमिटी की सदस्य व ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी तथा दरौली विधायक सत्यदेव राम शामिल हैं. यह टीम पूरे घटनाक्रम का जायजा लेगी. इस बीच मुजफ्फरपुर के पार्टी जिला सचिव काॅ. कृष्णमोहन ने बताया कि कार्यालय पर हमला करने वाले अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी, मिठनपुर थाना प्रभारी को अविलंब बर्खास्त करने जिन्होंने हमलावरों को गिरफ्तार करने की बजाए भाकपा-माले के गरीब आधारों में छापेमारी, मार-पीट व गाली गलौज की घटना को अंजाम दिया और माले कार्यालय के साथ ही स्थानीय पार्टी समर्थकों की सुरक्षा की गारंटी के सवाल पर समाहरणालय पर धरना दिया गया और मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा गया.

विदित हो कि मुजफ्फरपुर शहर के वार्ड नंबर 47 के मानीघाट में माले का टाउन कार्यालय लंबे समय से कार्यरत है. आफिस के ठीक पीछे 25-30 माले समर्थक गरीबों के घर हैं, लेकिन उनका कोई रास्ता नहीं है. रास्ता को लेकर लंबे समय से लड़ाई चल रही थी. विगत 10 अगस्त को इसी मसले पर माले कार्यालय में ही पंचइती हुई और 5 फीट रास्ता दिए जाने पर सहमति बनी. इसका पंचनामा बनाने का भी फैसला कर लिया गया. लेकिन अचानक शाम 6 बजे भाजपा से जुड़े 35-40 दबंग शराब पीकर पार्टी नेताओं की हत्या करने की नीयत से आॅफिस में घुस आए और कहने लगे कि पंचनामा नहीं माना जाएगा. यहां माले का नहीं बल्कि भाजपा का झंडा लगेगा. उस वक्त वहां माले नेता सूरज कुमार सिंह व सुरेश ठाकुर तथा सुरेश ठाकुर के 15 वर्षीय पुत्र रीषि ठाकुर उपस्थित थे. उनलोगों के साथ गाली-गलौज व मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया. पोस्टर व झंडे फाड़ दिए. रीषि ठाकुर को गला दबाकर मारने की कोशिश की गई. सुरेश ठाकुर की पीठ पर राॅड से हमला किया गया. सूरज कुमार सिंह को भी बुरी तरह पीटा गया. हमलावरों में संजय महतो, पंकज कुमार, मुन्ना महतो आदि प्रमुख नाम हैं. स्थानीय लोगों के जुटने के बाद अपराधी लोग भागे. इसकी शिकायत उसी दिन स्थानीय मिठनपुरा थाने में की गई, लेकिन थाना ने कोई कार्रवाई नहीं की. 11 अगस्त की सुबह 9 बजे एक बार फिर से हमलावरों ने हरवे-हथियार के साथ पार्टी कार्यालय पर हमला बोल दिया. मिठनुपरा थाना के आने के बाद वहां से हमलावर भागे लेकिन उसी दिन रात्रि में 12.30 बजे से लेकर 3 बजे तक स्थानीय पुलिस पदाधिकारयिों के साथ ही बजरंग दल व अपराधियों ने संयुक्त रूप से पार्टी समर्थक घरों पर हमले किए, महिलाओं के साथ बदतमीजी की, रेप करने की धमकी दी, बर्बर तरीके से पिटाई करके लोगों को घायल कर दिया. प्रशासन-अपराधी गठजोड़ द्वारा यह संयुक्त हमला कई सवाल खड़े करता है. माले कार्यालय पर हमला करने वाले अपराधियों को गिरफ्तार करने की बजाए मिठनपुरा थाना प्रभारी के नेतृत्व में गरीबों के घरों में आतंक मचाया गया. इससे साफ जाहिर होता है कि इन लोगों को भाजपा के बड़े नेताओं का संरक्षण हासिल है. माले कार्यालय, माले के गरीब आधारों के अलावा शहर में इंकलाबी नौजवान सभा के नेता राहुल कुमार सिंह पर भी कातिलाना हमला किया गया. भाकपा-माले ने कहा है कि बिहार की भाजपा-जदयू सरकार अपने जनविरोधी चरित्र के कारण जनता में अलोकप्रिय हो चुकी है. जनता का आक्रोश फूट पड़ा है. इसलिए ये लोग अब प्रशासन व अपराधी गठजोड़ को आगे करके हमपर हमला करवा रही हैं. लेकिन इन हमलों से हमारा आंदोलन कमजोर नहीं होने वाला है. ऐसे हमलों को लगातार झेलते व सहते हुए ही बिहार में हमने गरीबांे के आंदोलन का निर्माण किया है.

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