40 लाख नागरीकों के जीवन व 50 लाख करोड़ की संपत्ति रक्षा करनी होगी : श्याम सुंदर राठी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 19 मार्च 2021

40 लाख नागरीकों के जीवन व 50 लाख करोड़ की संपत्ति रक्षा करनी होगी : श्याम सुंदर राठी

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नई दिल्ली। जाने माने पर्यावरण एवं भू - जल वैज्ञानिक श्रीमान श्याम सुंदर राठी और ग्राम उदय फाउंडेशन के अध्यक्ष संजीव तिवाड़ी केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष सौमित्र हलधर जी से मुलक़ात कर सर्वकालीन महानतम वैज्ञानिक श्याम सुंदर राठी के शोध ग्रंथ "न्यू कॉन्सेप्ट ऑफ़ मेगा साइंस " प्रदान करके अपने जीवन के शोध व पर्यावरण और जल समस्या के निदान के लिए कई नई तकनीक अपनाने के शोधपरक विचार साझा किये। केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष सौमित्र हलधर के साथ 2 घंटों तक महत्वपर्ण वार्तालाप में श्याम सुंदर राठी ने अपने शोध के माध्यम से 40 लाख भारतीयों का जीवन और देश की 50 लाख करोड़ की सम्पत्ति नष्ट होने का कारण वह बचाने की व्यवस्था को बहुत बारीकी से समझाया। आप दोनों ने केन्द्रीय जल आयोग के अध्यक्ष से अनुरोध किया कि सार्वजनिक व्यवस्था 5000 साल पुरानी जल भंडारण, विद्युत उत्पादन वह जल वितरण प्रणाली का सम्पूर्ण परिवर्तन करें। प्रकृति वर्षा ऋतु में पर्याप्त पानी देती है मगर नदी बांध योजनाओं की कमजोर जल भण्डारण क्षमता के कारण हमारी आवश्यकताओं से 3000 गुना पानी हम समुद्र में बहा रहे हैं और जल समस्याओं से जूझ रहे हैं। जल की शक्ति से हमारी आवश्यकता की खरबों खरब गुनी बिजली बन सकती है मगर नदी बांध योजना का मोह इसमें बाधक है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था नदी बांध योजना का अंधा मोह वह भेड़ चाल छोड़ कर 21वी शताब्दी का उदभावन टैंक टेक्नोलॉजी अपनाएं तथा अरविन्द कुमार विद्युत उत्पादन प्रणाली से पनबिजली उत्पादन कर कुछ सप्ताह में देश के लिए 10 पैसे प्रति यूनिट की लागत से पर्याप्त बिजली उत्पादन करे।


गौरतलब है कि देश में प्रतिवर्ष 40 लाख लोगों का बहुमूल्य जीवन और 50 लाख करोड़ की सम्पत्ति ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण, बाढ़, गन्दा वह जहरीले पीने के पानी, सूखा आदि की भेंट चढ़ जाती हैं। व्यवस्था सरकार के सहयोग से मात्र 3 वर्षो की छोटी सी अवधि में इन कारणों से तबाह हो रहे 40 लाख बहुमूल्य जीवन और 50 लाख करोड़ की सम्पत्ति में से 80 प्रतिशत  बचा सकती है तथा सबके लिए शुद्ध पानी और किसानों के लिए 100 प्रतिशत जल सेंचन की व्यवस्था बैठा सकती है। जल की कमी सिर्फ अंधविश्वास है और अवैज्ञानिक नदी बांध योजना के कारण पुरा विश्व पानी की कमी के अंधविश्वास में डूबा हुआ है। जल हमारे लिए अक्षय ऊर्जा और खरबों खरब बिजली बनाने का स्रोत हैं मगर जल की शक्तियों को लेकर चारों तरफ़ अन्धकार वह अंधविश्वास छाया हुआ है और हम पर्याप्त पनबिजली बनाने में असफल हैं। पर्यावरण वैज्ञानिक श्याम सुंदर राठी की शोध वह पुस्तक "न्यू कॉन्सेप्ट ऑफ़ मेगा साइंस " इन अंधविश्वासों को दूर कर वैज्ञानिक विधि से जल भण्डारण, विद्युत उत्पादन, वितरण आदि को सुगमता पूर्वक अंजाम देगी। 






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