किसानो की प्रमुख समस्याओ को विधायक भार्गव ने पूरी ताकत से विधानसभा में रखा।
विदिशाः- विदिशा विधायक शशांक भार्गव को दिनांक 15.03.2021 को बजट सत्र में किसानो के हित में बोलने का अवसर प्राप्त हुआ, उक्त अवसर पर विधायक शशांक भार्गव ने किसानो के हित में पूरे सशक्त भाव से किसानो का पक्ष रखते हुए कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है एवं 70 प्रतिशत आवादी खेती पर निर्भर है, इस लिए सरकार चाहे किसी की हो पूर्व में चुनी हुई कांग्रेस सरकार द्वारा किसानो के ़ऋण माफी की घोषणा की गई थी। प्रजातंत्र में कोई भी सरकार यदि निर्णय लेती है तो आने वाली सरकार उसका पालन करती है लेकिन बजट में दो लाख रूपये तक के ऋण माफ करने का कोई प्रावधान नही किया गया है। म.प्र. सरकार किसानो के ऋण माफ करने की प्रक्रिया का पालन करे, विदिशा जिले में प्राकृतिक आपदा आने पर किसानो भाईयो द्वारा अल्पकालीन ऋण जमा नही करने से कन्वर्जन कर दिया था और तीन साल की किश्ते बना दी गई थी। माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देंश पर लेकिन आज किश्तो की वापसी हो रही है तो हमारे यहाॅ 11 से 14 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूला जा रहा है जबकि मा. मुख्यमंत्री जी ने उस समय 0 प्रतिशत पर ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की थी फिर किसानो के साथ अन्याय क्यो? इस संबंध में भी विधायक भार्गव ने कृषि मंत्री से कहा कि किसानों द्वारा जो किश्त जमा की जा रही है, उन पर कोई ब्याज न लगे ऐसे आदेश शीघ्र दिये जाये। उन्होने कहा कि विदिशा जिले के 14 हजार लगभग किसान भाई है अभी भी ऐेसे है जिन्होने बीमे की राशि जमा की लेकिन बैंक कृषि विभाग को जमा नही कर पाया, जिससे 14 हजार किसान बीमें की राशि पाने से वंचित हुए जिसे के संबंध में कलेक्टर विदिशा द्वार आदेश दिये की जिस बैंक की गलती है उसके अधिकारी अथवा बैक राशि की भरपाई करेगे, लेकिन उक्त भरपाई अभी तक नही हो पाई ऐसे किसानो की भरपाई का बजट में प्रावधान करे या फिर बैंको से दिलवाये। इसीक्रम में विधायक भार्गव ने कहा कि वर्ष 2019-20 और 2020-21 में प्राकृतिक आपदा में विदिशा जिले में जो खरीफ की फसल नष्ट हुई थी, उसमें एक बार 25 प्रतिशत और एक बार 33 प्रतिशत मुआवजा मिला है दोनो ही सालो का मुआवजा हमारे जिले के किसानो का बांकी है, इसका भी बजट में प्रावधान किया जाये। विधायक भार्गव ने विधानसभा में पूरे पुरजोर तरीके से मांग की कृषि विज्ञान केन्द्र जिसके लिए विदिशा मे जमीन आवंटन हो चुकी है इसकी स्थापना हेतु बजट में प्रावधान किया जाये। उन्होने नवीन कृषि मण्डी जो की 3 साल पहले से बनकर तैयार है, लेकिन लालफीताशाही के हस्तक्षेप के चलते मण्डी बोर्ड व्यापरियो को प्लाट उपलब्ध नही करा पा रहा है। इसीक्रम में विधायक भार्गव ने मांग की पूर्व में कृषि उपज मण्डी परिसर में किसानो को सस्ती दरो में भोजन की व्यवस्था थी, जो बंद हो गई है जिसे पुनः चालू किया जाये किसानों के लिए जो विश्राम गृह है उनमें बेड का प्रावधान किया जाये एवं म.प्र. समस्त मण्डीयों में विश्राम गृह का प्रावधान किया जाये, उनके द्वारा कृषि उपकरणों, को जी.एस.टी. से मुक्त रखा जाये की भी मांग की एवं ट्रेक्टर ट्राली, हार्वेस्टर को आर.टी.ओ पंजीयन से मुक्त रखे जाने की बात भी रखीे, साथ ही उन्होंने कहा कि सभी छोटे बडे किसान अपने खेतों पर भण्डार गृह बनाना चाहते है, लेकिन सरकार ने खेत के उपर भण्डार गृह बनाने के लिये कोई अनुदान नहंी देती इसका प्रावधान किया जाये। विधायक भार्गव की खेत पर गोदाम बनाने का सभापति महोदय द्वारा भी उक्त सुझाव को मान्य करते हुये कहा कि भार्गव जी बहुत अच्छा सुझाव दिया है कि सभी विधायक इसमें एक राह है, खेत पर कोई किसान मकान बनाकर रहता है तो उसको टेक्स देना पडता है, इसका भी परिक्षण किया जाये, साथ ही उन्होंने ऋण पुस्तिका के माध्यम से किसान को कितने लीटर डीजल कृषि कार्य हेतु आवश्यकता है, उस पर सब्सिडी दिये जाने की मांग भी रखी। किसानो के हित में उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य की खरीदी के बारे में कहा कि 3-4 विभागों को खरीदी के लिये जोडा गया है, जिनमें आपस मेें सामंजस्य नहीं होने से किसानो ंका माल समय पर एवं ढीक ढंग से नहीं तुल पाता खरीदी के समय एक विभाग बारदाना देता है एक तौल करता है एक विभाग क्वालिटी कन्ट्रोल करता है सोसायटियों पर खरीदी केन्द्रो पर सामंजस्य नहीं होता, कभी बोरी खत्म हो जाता है, कभी गुण नियंत्रक नहीं होता तो कभी ट्रांसर्पोटर गाडी नहीं लगाता जिसका खामयाजा किसानो ंको उठाना पडता है। उन्होंने कहा कि विदिशा जिले में किसी लालफीताशाही के चलते सरकार का 4500 टन गेहूॅ भींग गया था, जिसको सस्ती दरों पर बेचा गया था। उन्होने कहा कि पिछले साल खरीदी की अव्यवस्थाआंे के चलते करीब 2000 किसानों का माल विक्रय नहीं हो पाया था। पोर्टल बंद होने की बात कह कर स्टाफ बाले कह देते थे कि यहाॅ चले जाओ वहाॅ चले जाओ। उन्होने प्राईवेट गोदाम में रखे हुुये माल पर भी कहा कि एफसीआई द्वारा एक प्रतिशत बढकस गेन लिया जाता है, जिसका कोई हिसाब भारत सरकार अथवा राज्य सरकार को देखने नहीं मिला है, एक प्रतिशत गेन लेने की बजह से बजन पूरा करने के लिये गोदाम संचालक कुछ ऐसी प्रक्रियाए भी करते है जिसमे कि गेहूॅ का बजन बढ जाये इसका दुष्परिणाम यह होता है कि राशन की दुकानों पर गरीब लोगों को खराब ओर सडा गेहूॅ वितरण हो रहा है। इस संबंध में भी कार्यवाही की जाये।
गृह प्रवेशम कार्यक्रम आज
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 18 मार्च गुरूवार को गृह प्रवेश कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। धार जिले में प्रातः 11 बजे से आयोजित ग्रामोदय वर्चुअल कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह तथा ग्रामीण विकास एवं कृषि व किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ओर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वर्चुअल लोकार्पण किया जाएगा उनमें प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के 1.25 लाख से अधिक आवासो में हितग्राहियों का गृह प्रवेश इसके अलावा 1294 खेल मैदान, 6000 सामुदायिक स्वच्छता परिसर, 500 ग्राम पंचायत भवन तथा 1912 शांतिधाम शामिल है। पीएम आवास योजना के हितग्राहियों को 2000 करोड की किश्त राशि का वितरण भी किया जाएगा। जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नीतू माथुर ने बताया कि विदिशा जिले में 5102 आवासो में हितग्राहियों का गृह प्रवेश कराया जाएगा इसके अलावा वर्चुअल लोकार्पण कार्यक्रम के माध्यम से जिले में जिन कार्यो का लोकार्पण किया जाएगा उनमें 45 पंचायत भवन, 07 शांति धाम और 05 खेल मैदान भी शामिल है।
उद्योग समस्याओं के निदान हेतु विशेष पहल
कलेक्टर ने निर्माण कार्यो का जायजा लिया
एक दिन में 321 नलो में टोंटियां लगाई
कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा दिए गए निर्देशो के अनुपालन में जिले में नलो में टोंटी लगाओ अभियान का क्रियान्वयन किया जा रहा है। नटेरन जनपद पंचायत के अंतर्गत अभियान के तहत बुधवार 17 मार्च को सम्पादित कार्यो की जानकारी देते हुए जनपद सीईओ ने बताया कि एक दिन में 321 नवीन टोंटियां लगाने का कार्य किया गया है। उपरोक्त कार्य ग्राम पंचायत साडेर, हीरापुर, सेउ, भरनाखेडा, नादिया, रावन, नटेरन, वर्धा, बरखेडाजागीर, डंगरबाडा, बिछिया, करमेढी में सम्पादित किया गया हैं
संस्कृत की श्रेष्ठ कृतियों के पुरस्कार के लिए पुस्तकें और आवेदन आमंत्रित
संस्कृति विभाग द्वारा संस्कृत की श्रेष्ठ कृतियों को पुरस्कृत करने की योजना के अन्तर्गत एक जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2020 के मध्य प्रकाशित संस्कृत की श्रेष्ठ पुस्तकों के लिये म.प्र.संस्कृति परिषद कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा अ.भा.कालिदास संस्कृत पुरस्कार एवं प्रादेशिक राजशेखर, भोज एवं व्यास पुरस्कारों के लिये लेखकों से आवेदन आमंत्रित किये गये हैं, जिनकी अंतिम तिथि 31 मार्च 2021 घोषित की गई है। देशभर के अधिक से अधिक लेखकों, प्रकाशकों तक जानकारी पहुँचे तथा पुरस्कार के लिए अधिक आवेदन प्राप्त हो इसके लिये अकादमी प्रयत्नशील है। उल्लेखनीय है कि पुरस्कार में एक लाख रुपये का अ.भा. कालिदास पुरस्कार तथा रु. 51 हजार रुपये के तीन प्रादेशिक पुरस्कारों के लिये पुस्तकें आमंत्रित की जा रही हैं। पुस्तकों के लेखक अथवा प्रकाशक अपने आवेदन के साथ पुस्तक की तीन प्रतियां 31 मार्च तक अकादमी को प्रेषित कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी के लिये अकादमी की वेब साइटूूणंसपकेंंबंकमउलण्बवउ देखी जा सकती है।
श्रमोदय आवासीय विद्यालय प्रवेश परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन अब 25 मार्च तक
मध्यप्रदेश भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के पुत्र एवं पुत्रियों को शिक्षा देने के लिए संचालित श्रमोदय आवासीय विद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन श्रमोदय विद्यालय के पोर्टल पर ऑनलाईन करने की अंतिम तिथि 25 मार्च 2021 है। पूर्व में यह तिथि 12 मार्च 2021 थी। जिसे बढ़ाकर अब 25 मार्च कर दी गई है।
खेती संबंधी बंटाई अनुबंध की कॉपी तहसीलदार को देना अनिवार्य
सामान्य तौर से कृषकों और भू-स्वामियों द्वारा अपनी भूमि अन्य व्यक्तियों को देकर खेती कराई जाती है। जिसे सामान्य तौर पर बंटाई, सिकमी, अन्य स्थानीय नामों से जाना जाता है। तत्संबंध में मध्यप्रदेश भूमि स्वामी एवं बंटाईदारों के हित संरक्षण अधिनियम 2016 के अनुरूप भूमि बंटाई पर दिए जाने की मान्यता प्रदान की गई है। हित संरक्षण अधिनियम भूमि स्वामी एवं बंटाईदार दोनों के हितों का संरक्षण करता है। अब कोई भी भूमि स्वामी अपनी भूमि बटाई पर देने या किसी व्यक्ति द्वारा बटाई पर लेने की वैधानिकता तभी मानी जाएगी, जब दोनों पक्षों के द्वारा मध्यप्रदेश भूमि स्वामी बंटाईदारों के हित संरक्षण अधिनियम 2016 के नियम चार के तहत अनुबंध निष्पादित किया गया हो और एक प्रति संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार को उपलब्ध कराई हो। कोई भी बंटाईदार, भूमि बंटाई पर लेकर यदि वह फसल क्षति की देय राहत राशि, बीमा राशि और कृषि उपज का उपार्जन के लिए दावा करता है, तो शासन द्वारा तभी स्वीकार माना जाएगा जब भूमि स्वामी और बंटाईदार के मध्य उपरोक्त अधिनियम के अंतर्गत अनुबंध निष्पादित हुआ हो अन्यथा विधिवत अनुबंध के अभाव में उपरोक्त हित लाभ दिया जाना संभव नही होगा।
सातवें वेतनमान के एरियर की तीसरी किश्त के भुगतान के आदेश जारी’
शासकीय सेवकों के हित में सातवें वेतनमान की तीसरी किश्त के एरियर की शेष 75 प्रतिशत राशि का नगद भुगतान करने के आदेश राज्य शासन ने जारी कर दिये हैं । पूर्व में राज्य शासन द्वारा एरियर की तृतीय और अंतिम किश्त की 25 प्रतिशत राशि का नगद भुगतान शासकीय सेवकों को किया गया था । समस्त शासकीय सेवकों को सातवें वेतनमान के एरियर्स की तृतीय और अंतिम किश्त की शेष 75 प्रतिशत राशि का नियमानुसार अनिवार्य कटौत्रे पश्चात नगद भुगतान किया जायेगा। राष्ट्रीय पेंशन योजना के अभिदाता सदस्यों को देय राशि का अंशदाता तथा शासन के नियमानुसार अंशदान उपरान्त देय राशि का नगद भुगतान किया जायेगा।
तीन समीक्षा बैठक आज आयोजित
कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वार गुरूवार 18 मार्च को नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में तीन समीक्षा बैठक आयोजित की गई है जिसमें दोपहर 12.30 बजे से उत्कृष्ट विद्यालय के संचालन हेतु गठित समिति की इसके अलावा दोपहर तीन बजे से कृषि उद्यानिकी पशु पालन, मत्स्य उद्योग संघ की समीक्षा तथा सायं चार बजे से नगरीय निकायो के कार्यो की समीक्षा बैठक आयोजित की गई है।
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