ह्रदय रोगियों व्यायाम करें !! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 30 मई 2009

ह्रदय रोगियों व्यायाम करें !!

किसी को भी ये पता चले कि वो ह्रदयरोगी बन गया है तो उसे गहरा आघात पंहुचेगा...और सालों से चिकित्सक ये मानते आ रहे थे कि किसी भी ऐसे व्यायाम से बचना चाहिये जिससे ह्रदय पर ज़ोर पड़ता हो...लेकिन नये अध्ययन से पता चला है कि विशेषज्ञों की देख-रेख में किये गये व्यायाम से हालत सुधर सकती है...

जब लीज़े कोलमैन को पता चला कि वो ह्रदय रोगी हैं तो उन्हें ज्यादा भागदौड़ से बचने की सलाह दी गई...वो कहती हैं "मुझे कोई भी काम करने में दिल पर दबाव पड़ने का डर बना रहता था"...लेकिन उन्होंने धीमे-धीमे पैदल चलने की क्षमता को बढ़ाया...कोलमैन जैसे ही पचास लाख ह्रदय रोगी अकेले अमेरिका में हैं...जबकि दुनिया भर में इनकी संख्या 1 करोड़ पचास लाख है...लेकिन इनकी संख्या में जोरदार वृद्धि ने अमेरिका के ह्रदय, फेफड़े और रक्त संस्थान को ह्रदय रोग को "नयी महामारी" घोषित करने पर विवश कर दिया...

उत्तरी कैरोलॉइना स्थित ड्यूक विश्वविद्यालय के कॉर्थिन फ्लिन के अनुसार "ह्रदय रोग ऐसी अवस्था है जिसमें ह्रदय शरीर की आवश्यकतानुसार रक्त पंप नहीं कर पाता है"।

लीज़े कोलमैन थकान, सांस उखड़ना और पैरों में सूजन जैसे कुछ लक्षणों के उपचार के लिए दवाइयां खा रही हैं...वो 2300 लोगों पर किये जा रहे एक ऐसे अध्ययन में भी शामिल हैं...जिसमें ह्रदय रोगियों पर व्यायाम के असर का पता लगाने की कोशिश की जा रही है...इन लोगों को दो समूहों में बांटा गया है...एक समूह को नियंत्रित व्यायाम कराया जा रहा है...तथा दूसरे समूह को व्यायाम नहीं करना है....और इन दोनों समूहों पर इस प्रक्रिया के परिणामों का 30 महीने बाद तक अध्य्यन किया गया।

डॉ। क्रिस्टोफ़र ओ'कॉनर और काथरिन फ्लिन इसके मखिया थे...डॉ. क्रिस्टोफ़र बताते हैं कि परीक्षण से स्पष्ट हो गया कि ह्रदय रोगियों के लिए नियंत्रित व्यायाम सुरक्षित है दूसरा...इससे अस्पताल में भर्ती होने और रोगियों की मृत्यु होने के मामलों में कई आयी.

"जो रोगी व्यायाम कर रहे थे उन्होंने उन लोगों की तुलना में बेहतरी की बात मानी जो केवल दवाओं और साधारण देखभाल के भरोसे थे...हालांकि बेहतरी मामूली थी...लेकिन ये दीर्घकालिक थे..."

शोधकर्ताओं ने माना कि जिस समूह को व्यायाम करने के लिए कहा गया था...उसमें से केवल आधे लोग ही शोध खत्म होने के बाद व्यायाम कर रहे थे...बाकियों ने छोड़ दिया था...लीज़े कोलमैन कहती हैं कि वो व्यायाम के बाद बेहतर महसूस करती हैं...

साभार :- वॉइस ऑफ़ इंडिया

कोई टिप्पणी नहीं: