पटना। दीघा रेल लाइन पर फोरलेन बनेगा। रेलवे ने रेलखंड की जमीन को राज्य सरकार को देने का दिशा निर्देश दे दिया है। इसके एवज में सरकार भी दूसरी जगह जमीन देने का भरोसा दे दी है। इस तरह की खबर फैलते ही रेलखंड के किनारे रहने वाले आवासीय भूमिहीनों के होश फाख्ता हो गया। अब गरीबों के पास कहां जाए कहां न जाए की स्थिति बन गयी है।
जब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। तब आजादी के पूर्व अंग्रेजों के द्वारा इस्तेमाल होने वाले रेलखंड को तत्कालीन रेलमंत्री ने दुरूस्त कराकर छुकछुक-रूकरूक रेलगाड़ी चलवा दिए। इनके आदेश से पूर्व मध्य रेल ने शहीद सवारी नामक गाड़ी शुरू कर दिए। पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों ने पटना-दीघा रेलखंड नाम रखा। मात्र 5 रू0 में हड़ताली मोड़ और 8 रू0 में पटना घाट तक पहुंचा जा सकता। वह भी आपकी मर्जी टिकट ले अथवा बेटिकट यात्रा करें।
सुबह में अप पटना घाट से शुरू होकर दीघा हॉल्ट तक पहुंती। कुछ समय ठहराव करने के बाद डाउन बनकर दीघा हॉल्ट से आर ब्लॉक हॉल्ट तक जाती। फिर दोपहर में आर ब्लॉक हॉल्ट से अप होकर दीघा हॉल्ट जाती और डाउन बनकर पटना घाट तक जाती। आर ब्लॉक, सचिवालय, हड़ताली मोड़, पुनाईचक, शिवपुरा,राजीव नगर और अंत में दीघा हॉल्ट। यहीं सिलसिला जारी रहा।
यह दीघा हॉल्ट का नजारा है। दीघा हॉल्ट पर ही महुआ और मिठ्ठा का शराब बेचा जाता है। यहीं पर गिलास से गिलास और जाम से जाम टकराया जाता है। हर शाम हसीन और हर रात दिलों का धड़कन तेज करने वाली हो जाती। इस हॉल्ट पर गंदगी का अम्बार है। भारी संख्या में लोग पटना-दीघा रेलखंड के किनारे रहते हैं। काफी दिनों से रहते आ रहे हैं।
यह बात लोगों को मालूम है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फरवरी 2010 में पहली बार तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी को पत्र भेजकर दीघा रेल लाइन की जमीन राज्य सरकार को सौंपने की मांग की। यह बताया कि इस रेल लाइन से रेलवे को नुकसान उठाना पड़ रहा है। साथ ही जमीन के बदले रेलवे को जमीन दी जाएगी। सरकार ने रेलवे मंत्रालय को कई जगहों पर जमीन उपलब्ध करायी परन्तु बात नहीं बनी। अब रेलवे ने हाजीपुर में स्कूल व कर्मचारियों के आवास निर्माण के लिए जमीन मांगी। सरकार ने विचार करने का भरोसा दिया ।
दूसरी ओर पूर्व मध्य रेलवे परियोजना से विस्थापित होने वालों को सरकार के द्वारा पुनर्वासित करने करने कोई भरोसा नहीं दिया जा रहा है। चुलाई चक, अभिमन्यु नगर, शबरी कॉलोनी, टेशलाल वर्मा नगर, दीघा बिन्दटोली, आर.ब्लॉक से दीघा हॉल्ट तक के बीच में रहने वालों को पुनर्वास करने की जरूरत है। सबसे बुरा हाल उड़ान टोला के महादलित मुसहर समुदाय का है जो कई जगह से और कई बार विस्थापित होने के बाद रेलवे खंड पर बसे हैं।
दीघा हॉल्ट पर दीघा मुसहरी के विकास मित्र सुधीर कुमार खड़े हैं। इनके कंधे पर महादलित मुसहर समुदाय के लोगों को विकास करने का दायित्व है। इनका कहना है कि राजीव गांधी आवास योजना के तहत आवेदन लिखकर अधिकारियों को बढ़ा दिया गया है। अब देखन है कि आवास योजना का सपना कब पूरा हो सकेगा।
आलोक कुमार
बिहार

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें