महामना के बाद अब सर सैय्यद को भी भारत रत्न दिये जाने की उठी मांग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 27 दिसंबर 2014

महामना के बाद अब सर सैय्यद को भी भारत रत्न दिये जाने की उठी मांग

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काशी हिन्दू विश्वविद्यालय .बीएचयू. के संस्थापक महामना मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न की उपाधि दिये जाने के बाद अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय .अमुवि. के संस्थापक सर सैय्यद अहमद खां को भी इस सम्मान से नवाजे जाने की मुहिम यहां के छात्रों ने तेज कर दी है। अमुवि के कुछ छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इस विश्वविद्यालय के संस्थापक को भी देश के र्सवोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजे जाने का अनुरोध किया है। छात्रों ने कहा कि उनकी इस मांग को महामना को भारत रत्न से नवाजे जाने के परिप्रेक्ष्य में नहीं लिया जाना चाहिए तथा बिना किसी राजनीति के एक और हकदार को यह सम्मान दिया जाना चाहिए। सर सैय्यद अल्पसंख्यक फाउन्डेशन के दो हजार पंजीकृत छात्रों ने सरकार से कहा कि सरकार को पूरी ईमानदारी से वस्तुस्थिति का आकलन करके अमुवि के संस्थापक को भारत रत्न देना चाहिए।

फाउण्डेशन के सदस्य ने आज यहां बताया कि महामना को भारत रत्न दिये जाने से अमुवि में खुशी मनायी गयी। उन्होंने कहा कि सर सैय्यद के शिक्षा के क्षेत्र में दिये गये योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। सर सैय्यद की शिक्षा के क्षेत्र में देश के लिये की गयी सेवाों और समाज के उत्थान के वास्ते उनके योगदान को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए। सर सैय्यद को देश का र्सवोच्च सम्मान दिलाने के लिए अमुवि के 10 हजार छात्रों ने पिछले छह माह से एक हस्ताक्षर अभियान चलाया हुआ है। प्रधानमंत्री को कल भेजे अपने पत्र में कहा है कि सर सैय्यद अहमद खां का देश की आजादी.समाज कल्याण तथा शिक्षा क्षेत्र में अद्वितीय योगदान रहा है।शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। पत्र में कहा गया है कि सामाजिक सद्भाव को बढाने के लिए सर सैय्यद ने बहुत योगदान दिया है।सर सैय्यद ने कहा था..भारत एक सुन्दर दुल्हन की तरह है जिसके हिन्दू और मुसलमान दो भाई हैं।

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