अपनी गाढ़ी कमाई का निवेश करते समय अक्सर हम सेल्स एजेंट्स के लच्छेदार बातों में आ जाते है और गलत जगह पर निवेश कर डालते है। निवेश पूर्व ज्यादातर निवेशक ना तो स्कीम के बारे में तथ्य इकठ्ठा करते और ना ही इसके बारे में सोचते भी है और यक़ीनन एजेंट्स के झांसे में आ जाते है। निवेश हमेशा हमें भविष्य की जरूरतों को देखते हुए करना चाहिए। निवेश पूर्व हमारे आमदनी, खर्चे और भविष्य के जिम्मेदारियों का विश्लेषण होना चाहिए। इसे हम फाइनेंसियल हेल्थ चेकउप भी बोलते है। इसमें यह भी आता है कि हमारा वर्त्तमान निवेश सही जगह पर है या नहीं, अगर नहीं तो उस निवेशित रकम का बेहतर निवेश कहाँ हो सकता है ? फाइनेंसियल प्लानर हमारी भविष्य की प्लानिंग करते समय इन सब बातों का ध्यान रखता है। जैसे कि हमारी वर्त्तमान आय और खर्चे का क्या अनुपात है। साथ ही आने वाली भविष्य की जिम्मेदारियां जैसे बच्चों के उच्च शिक्षा में होने वाला खर्च, बच्चों की शादी में होने वाला खर्च, अहम् होता है। रूपये में अवमूल्यन के कारण जितनी रकम में आज हमारे खर्चें ऐशो आराम से चल रहे है आने वाले दिनों में ये रकम कम पड़ेगी। फाइनेंसियल प्लानर इन बातों का भी ध्यान रखता है कि रिटारमेंट के बाद भी हमारी इनकम उचित अनुपात में होती रहे। ऐसा ना होने पर हमें तमाम परेशानिओं का सामना करना पड़ सकता है। रिटारमेंट के बाद उम्र बढ़ने के साथ ही हम शारिरीक रूप से असमर्थ होने लगते है, हम कठिन परिश्रम नहीं कर पाते है और ना ही हमारा शरीर इन सब कामों के लिए लिए हमें अनुमति देता है।
इन सब परिस्थितिओं के देखते हुए यह जरुरी है कि हमारी गाढ़ी कमाई का निवेश सही जगह पर हो और ये सब एक सक्षम फाइनेंसियल प्लानर की मदद से ही सम्भव हो सकता है। सेल्स एजेंट्स के विपरीत हमें फाइनेंसियल प्लानर कम तादाद में मिलते है और उनकी एक उचित फीस भी होती है। ध्यान रखें एक फाइनेंसियल प्लानर आपके निवेशित रकम पर कमीशन नहीं खाता है। यह एक जानकार व्यक्ति होता है। दूसरे शब्दों में हम फाइनेंसियल प्लानर को फाइनेंसियल डॉक्टर भी बोलते है। यकीन मानिये किसी भी मायने में इनका महत्व किसी डॉक्टर से कम नहीं होता। वहीँ सेल्स एजेंट अपना टारगेट पूरा करने के लिए लच्छेदार बातें करते है और अपनी जाल में फसाकर मनचाहा फाइनेंसियल प्रोडक्ट आपको बेंच देते है भले ही उस फाइनेंसियल प्रोडक्ट की आपको जरुरत हो या नहीं। इन सब कामों के लिए सम्बंधित कम्पनियाँ उन्हें मोटी वेतन देती है या कमीशन। जब हमें इस बात का एहसास होता है कि हमने गलत स्कीम में पैसा निवेश कर दिया तब हाथ मलने के सिवा कुछ नहीं बचता।
कुछ ही साल पहले तक तमाम सर्वे करने वाली कम्पनियाँ जैसे स्पीक एशिया, राम सर्वे की तरह सैकड़ो कम्पनियाँ ने देश के कोने-कोने में अपना जाल फैला रखा था जो सर्वे के बदले मोटा रिटर्न देने का वादा करती थी। कोई कंपनी 4 महीने में पैसा दुगना कर रही थी, कोई 6 महीने में तो कोई 8 महीने में। इन सब कम्पनियों का क्या हुआ सब हमारे और आपके सामने है। ज्यादातर निवेशकों की खून पसीने की कमाई लेकर ये कम्पनियाँ नौ दो ग्यारह हो गईं और आजतक निवेशकों के पास हाथ मलने के सिवा कोई चारा नहीं है।
आज जरुरत है कि अपनी गाढ़ी कमाई का निवेश करने से पहले हम किसी अच्छे फाइनेंसियल प्लानर की मदद ले किसी सेल्स एजेंट का नहीं जो सिर्फ अपना टारगेट पूरा करने या कमीशन पाने के लिए आपको सलाह देता है। ऐसे एजेंट्स को पहचानिये और इनसे बचिए।
राजीव सिंह
संपर्क : 9580436435

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