मोदी जनता से किए वादे को भूल गये : शरद यादव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 26 दिसंबर 2014

मोदी जनता से किए वादे को भूल गये : शरद यादव

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वरिष्ठ समाजवादी नेता एवं जनता दल यूनाईटेड के अध्यक्ष शरद यादव ने आज यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो वादे करके सत्ता में आए है उन्हे भूलकर दूसरे कामों में लगे हुए है देश का मतदाता बैचेन है और उसकी बैचेनी के मद्देनजर सरकार चलाना शेर की सवारी करने जैसा है। श्री यादव ने यहां पत्रकारों से चर्चा में कहा कि पिछले 67 सालों से देश की जनता के मुख्य मसले अधूरे पडे हैं और मतदाताओं में भारी बैचेनी है। इसी बैचेनी के कारण मतदाता जल्दी जल्दी बदलाव कर रहा है आज के युग में सरकार चलाना शेर की सवारी करने जैसा है यदि मतदाताओं से किए गए वादे पूरे नहीं हुए तो मतदाता फौरन सबक सिखा देता है। 

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्होने चुनाव में जनता से जो वादे किए थे वे उन्हे भूल गए है किसानों को फसल की लागत का डेढ गुना मूल्य देने की बात कही थी लेकिन मात्र तीन फीसदी वृद्धि की गई। इसी तरह युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था लेकिन उस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। झारखण्ड और जम्मू काश्मीर के चुनाव नतीजों पर सीधी टिप्पणी से बचते हुए श्री यादव ने झारखण्ड को भी अपनी बात से जोड दिया उन्होने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड में भाजपा को 40 प्रतिशत मत मिले थे जबकि अभी विधानसभा चुनाव में मात्र 30 प्रतिशत के करीब मत मिले है। इस तरह मतों में दस प्रतिशत की कमी आई है। यह कमी मतदाताओं की नाराजगी का द्योतक है।

श्री यादव ने विदेशी पूंजी निवेश पर प्रहार करते हुए कहा कि पूरी तरह विदेशी पूंजी के भरोसे देश नहीं चल सकता देश में कई उद्योगपति है जिनमें क्षमताएं हैं लेकिन नरेन्द्र मोदी ने अब तक जो भी काम किए है वे सिर् देश में विदेशी पूंजी लाने के रास्ते साफ करने के लिए किए गए हैं। बीमा क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश के लिए अध्यादेश लाने की निन्दा करते हुए श्री यादव ने कहा कि संसद सत्र समाप्त होने के बाद अध्यादेश लाकर विदेशी पूंजी लाने की व्यवस्था की जा रही है यह अच्छी बात नहीं है। अध्यादेश विशेष परिस्थिति में लाए जाने चाहिये। 

मोदी के स्वच्छता अभियान और सुशासन दिवस के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि क्या ये मुद्दे मोदी के चुनावी घोषणापत्र में थे। देश में गरीबी बेरोजगारी जैसे मुख्य मुद्दों को छोडकर अन्य बातें की जा रही है यह उचित नहीं है। धर्मान्तरण के मुद्दे पर पूछे गए प्रश्नों को भी श्री यादव ने टाल दिया और कहा कि जब तक हिन्दू धर्म में जाति व्यवस्था है इस समस्या का हल नहीं हो सकता। जाति प्रथा के कारण ही लोग हिन्दू धर्म छोड कर गए हैं अब उन्हे वापस लाएंगे तो किस जाति में रखेंगे।

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