एक्शन 2015 अभियान : तत्काल कदम उठाने की मांग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


बुधवार, 30 दिसंबर 2015

एक्शन 2015 अभियान : तत्काल कदम उठाने की मांग

action-against-poverty-global-warming-un-equality
दिल्लीः दुनिया भर के लाखों नागरिकों ने गरीबी, असमानता और जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने को लेकर तत्काल कदम उठाने की मांग अपनी सरकारों से की। एक्शन 2015 अभियान के समर्थन में 157 देशों के 2,200 संगठनों के समूह के अलावा नामचीन हस्तियंां वन डायरेक्शन, मलाला यूसुफजई, आर्कबिशप एमरिटस डेसमंड टूटू, जाॅर्डन की क्वीन रानिया, बोनो, बेन एफलेक, बिल और मेलिंडा गेट्स और मो इब्राहिम शामिल हैं। भारत में मई मोबिलाइजेशन: पोस्टकार्ड अभियानके अतंगर्त भारत मे मोबिलाइजेशन अभियान के तहत चार लाख से अधिक भारतीयों ने पोस्टकार्ड भेजे और अन्य सोलह लाख लोगों ने आॅनलाइन अभियान में हिस्सा लिया। इस संदेश से दलितों और आदिवासियों जैसे पिछड़े तबकों, बच्चों, युवाओं, वयस्कों और महिलाओं द्वारा सीधे प्रधानमंत्री से अपील करने और यह सुनिश्चित करने के लिए आयोजित किया गया कि उनकी मांग सभी निर्णायकों द्वारा सुनी जाए। कई संगठनों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में रैलियों और जनसभाओं का आयोजन लोगों और धरती के लिए समान, न्यायपूर्ण और सुरक्षित भविष्य के एक समान संदेश के साथ किया। 

अभियान का समर्थन कार्यकर्ता और अभिनेत्री गुल पनाग ने किया जिन्होंने एक्शन 2015 के बारे में ट्वीट किया और कहा, ’’3 लाख बच्चों को अपनी जिंदगी के पहले ही दिन अपनी जान गंवानी पड़ती है। नई वैश्विक व्यवस्था में महिलाओं और बच्चों के लिए एक बदलाव होना चाहिए। हम अभी से सही राह पर आगे बढ़ने का विकल्प चुन सकते हैं या फिर आने वाली पीढ़ियों के लिए पछतावे का। मैं बदलाव के साथ हूं, आपका क्या मानना है?’’-गुल पनाग। 105 देशों में 2,50,000 से भी अधिक लोगों ने सड़कों पर उतरकर सरकारों से स्थायी विकास के लिए स्वीकार किए गए वैश्विक लक्ष्यों को लागू करने की मांग की और गरीबी, असमानता और जलवायु परिवर्तन से मुक्त भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने की गुजारिश की। 

कोई टिप्पणी नहीं: