श्रीहरिकोटा, आँध्र प्रदेश 20 जून भारतीय अंतरिक्ष अनुसांधान संगठन (इसरो) के ऐतिहासिक प्रक्षेपण की उल्टी गिनती आज सुबह 9.26 मिनट पर शुरू हो गई। ध्रुवीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी34 का प्रक्षेपण बुधवार सुबह 9.26 मिनट पर होना है। इस यान से इसरो के कार्टोसैट-2 उपग्रह समेत रिकॉर्ड 20 उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़े जाने हैं। इसरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि सुबह 9.26 बजे 48 घंटे की उल्टी गिनती शुरू होने के बाद से प्रक्षेपण यान के चौथे चरण के लिए मोनो मिथाइल हाइड्राजाइन (एमएमएच) भरने का काम दोपहर 12.06 बजे पूरा कर लिया गया था।
शाम तक चौथे चरण के लिए मिक्स्ड ऑक्साइड्स ऑफ नाइट्रोजन (एमओएन-3) भरने का काम भी पूरा हो चुका था। पीएसएलवी में चार चरण होते हैं। चौथे चरण में एमएमएच और एमओएन का इस्तेमाल तरल ईंधन के रूप में किया जाता है। 727.5 किलोग्राम वजन वाले कार्टोसैट-2 के अलावा दो उपग्रह भारतीय विश्वविद्यालयों/शिक्षण संस्थानों के भी हैं जबकि शेष 17 विदेशी उपग्रह अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और इंडोनेशिया के हैं। सभी 20 उपग्रहों का कुल वजन 1288 किलोग्राम के करीब है। इन उपग्रहों को 505 किलोमीटर की ऊँचाई वाले सौर समचालित (सिंक्रोनस) कक्षा में स्थापित किया जायेगा। प्रक्षेपण यहाँ स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से होना है।
इसरो ने इससे पहले वर्ष 2008 में 10 उपग्रह एक साथ अंतरिक्ष में छोड़े थे। कई उपग्रह एक साथ छोड़ने में सबसे बड़ी सावधानी यह रखनी होती है कि सभी उपग्रहों को यथेष्ट कक्षा में समुचित समयांतराल पर इस प्रकार छोड़ा जाये कि वे एक-दूसरे से टकरायें नहीं। 20 उपग्रह एक साथ छोड़कर इसरो अंतरिक्ष प्रक्षेपण में अपनी दक्षता का एक और प्रमाण देने के काफी करीब है।

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