डाल्टनगंज 19 जून, बिहार में शराबबंदी की लगातार हो रही सराहना और मिल रही सफलता के बाद बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के केन्द्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने झारखंड में भी शराबबंदी अभियान छेड़ दिया है। शराबबंदी को लेकर रविवार को डाल्टनगंज के शिवाजी मैदान में महिलाओं का सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें बतौर मुख्य अतिथि बिहार के मुख्यमंत्री श्री कुमार और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भाग लिया। श्री कुमार ने कहा कि शराब पर पूर्णतः प्रतिबंध से ही देश का समुचित विकास संभव है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री पूरे देश में 21 जून को योग दिवस मना रहे हैं लेकिन यह तभी संभव है जब शराबबंदी होगी। योग दिखावे की नहीं अपनाने की जरूरत है।
योग साधना का विषय है। उन्होंने कहा कि उनके अभियान का इतना असर होगा कि बिहार की तरह झारखंड में भी शराबबंदी करनी पड़ेगी। इसके लिए खासकर महिलाओं का सहयोग जरूरी है। उन्होंने बताया कि शराबबंदी से बिहार को चार हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है लेकिन नुकसान की चिंता नहीं है बल्कि राज्य के लोग इस नुकसान से खुश है। शराबबंदी से बिहार में युवा और महिलाएं खुशहाल हैं। पिछले दिनों झारखंड के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बिहार के पड़ोसी जिले में शराबबंदी की मांग की तो रघुवर दास ने खासकर पलामू जिले में शराब का कोटा 50 प्रतिशत जबकि बीयर का कोटा 30 प्रतिशत बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश और झारखंड के क्षेत्रों में शराबबंदी को लेकर महिलाओं का आन्दोलन काफी आगे बढ़ चुका है। जल्द ही यह आन्दोलन और तेज पकड़ेगा और मजबूरन यूपी और झारखंड में सरकार को शराबबंदी कानून लागू करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि झारखंड में आदिवासिययों को शराब के नाम पर बदनाम किया जा रहा है जबकि इस राज्य में शराबबंदी आन्दोलन दिशोम गुरू शिबू सोरेन ने छेड़ा था। मौके पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बिहार की तरह झारखंड में शराबबंदी करा कर ही दम लेंगे। उन्होंने शराब के कारण राज्य के युवा व मजदूर वर्ग के लोगों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। प्रदेश की रघुवर सरकार रिमार्ट के सहारे चल रही है। उसे इस तरह की परेशानी नजर नहीं आती। इस सरकार ने अभी तक मंत्रीपरिषद भी पूरी नहीं कर पायी है। उन्होंने कहा कि शराब के कारण खासकर महिलाएं काफी परेशान हैं।

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