पटना 20 जून, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को सेक्युलर और योग को साम्प्रदायिक साबित करने की राजनीति पर उतर आये। श्री मोदी ने यहां कहा कि श्री नीतीश कुमार शराबबंदी को सेक्युलर और योग को साम्प्रदायिक साबित करने पर उतर आये। वे बहस चला रहे हैं कि पहले शराबबंदी हो या पहले योगाभ्यास । यह सवाल ऐसा है जैसे कि पहले तैराकी सीखी जाए या पहले नदी में उतरा जाए । उन्होंने कहा कि छोटे मन से काम करने पर ऐसे ही फितूर दिमाग में आते हैं। भाजपा नेता ने कहा कि योग मानवता को हजारों साल पुरानी भारतीय संस्कृति का अमूल्य उपहार है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र ने पहल की और 170 से अधिक देशों ने योग को अपनाया। बिहार के मुंगेर में स्थापित स्वामी सत्यानंद के आश्रम में देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग योग सीखने आते हैं।
श्री मोदी ने कहा कि बिहार की प्रतिष्ठा से जुड़े मुंगेर आश्रम ने भी विश्व योग दिवस (21जून) पर योगाभ्यास का आयोजन किया है। यह भाजपा का कोई कार्यक्रम नहीं है, फिर भी श्री नीतीश कुमार और श्री लालू प्रसाद यादव योग के विरुद्ध अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं। उन्हें अपने बयानों से बिहार और इसकी भूमि पर योग शिक्षा देने वाले गुरुओं का अपमान करने के कारण सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि शराबबंदी की तरह योग भी सभी धर्मों के लोगों के लिए समान रूप से कल्याणकारी हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योग दिवस पर चाहे जितनी टीका-टिप्पणी कर लें, 21 जून को इस बार भी बिहार के लाखों लोग सार्वजनिक रूप से योग दिवस मनाकर राज्य सरकार की क्षुद्र मानसिकता का प्रतिकार करेंगे।

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