कुछ महीने पहले विधान सभा के प्रेस रूम में सीएम नीतीश कुमार के विश्वस्त व भाजपा के एक विधायक ने अनौपचारिक चर्चा में कहा था कि तुम्हारे बारे में मुख्यमंत्री बोल रहे थे कि तुम उनके (सीएम) खिलाफ लिखते हो। आज मुख्यमंत्री ने खुद लगभग इसी बात की पुष्टि करते हुए कहा कि आप उसी पार्टी (राजद) के हैं न।
विधान सभा की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित होने के बाद हम लॉबी का चक्कर मारते हुए करीब पौने एक बजे मुख्यमंत्री के चैंबर में पहुंचे। कुछ विधायक और पत्रकारों के साथ सीएम चर्चा में व्यस्त थे। जगह देखकर हम भी बैठ लिये। इस दौरान माले के दो विधायक आवासहीन लोगों के लिए आवास दिलाने की बात मुख्यमंत्री से कर रहे थे। सीएम ने कहा कि सरकारी योजनाओं के तहत आवास हीन लोगों को आवास दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांव में भी बिजली और सड़क पहुंच गयी है। हालात बदल रहे हैं। इसलिए प्रयास किया जाना चाहिए कि गांवों से शहरों की ओर पलायन रुके। इसके बाद सीएम के समक्ष रालोसपा के विधायक ने गुप्ताधाम के लिए सड़क बनवाने समेत कुछ प्रस्ताव रखा। सीएम ने पहाड़ों के कटाव का प्रसंग शुरू किया और वन विभाग के प्रावधानों की चर्चा भी की। इसके साथ ही कहा कि वन व पर्यावरण मंत्री सुशील मोदी से इस संबंध में बातचीत करनी चाहिए।
इसके बाद बातों का नया प्रसंग शुरू हुआ। नये प्रसंग में सीएम मुख्य विरोधी दल राजद को टारगेट करना चाहते थे। सीएम ने अपनी बात शुरू करने से पहले हमारी ओर ताकते हुए कहा- ‘बाबू तुम भी सुन लो, तुम भी उसी पर्टिया (राजद) के हो ना।’ इसके बाद सीएम ने पुराने दिनों की याद करते हुए कहा- जब हम लोकसभा में थे, तब वे लोग (राजद) एमपी लैड की योजनाओं में अपना नाम लिखवा देते थे और एमपीलैड की चर्चा गायब कर देते थे। जबकि शिलापट्ट पर एमपीलैड की चर्चा करना अपेक्षित थी। बात आगे बढ़ी। सीएम शराबबंदी पर लौटे। उन्होंने कहा कि हम तीन बात की चर्चा कहीं भी करते हैं। बाल विवाह, दहेज प्रथा और शराबबंदी। इन सबके लिए सिर्फ कानून से काम नहीं चलेगा, इसके लिए सामाजिक जागरूकता भी जरूरी है। बिहार में शराबबंदी के फायदों को देखने और समझने के लिए दूसरे राज्यों से लोग आ रहे हैं। इसका जबरदस्त फायदा हो रहा है। यदि बिहार में शराबबंदी लंबे समय तक जारी रही तो इसके पक्ष में देशव्यापी माहौल बनेगा। देश भर में शराबबंदी की मांग उठने लगेगी।
सीएम ने चीन यात्रा की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि चीन के गांवों में जो सरकारी आवास बनाये जा रहे हैं, वे काफी छोटे-छोटे हैं। उसकी तुलना में भारत में बनने वाले सरकारी आवास काफी अच्छे और बड़े हैं। सीएम ने मोबाइल के बढ़ते इस्तेमाल पर भी चिंता जतायी। इसके इस्तेमाल का बच्चों पर बुरा असर पड़ रहा है। बच्चे परिवार से कटते जा रहे हैं। माता-पिता भी बच्चों को इंगेज करने के लिए मोबाइल थमा देते हैं। विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन नामांकन को लेकर हो रही परेशानी के संबंध में सीएम ने कहा कि नयी-नयी तकनीकी आयी है तो थोड़ी परेशानी आ सकती है। इसको दूर करने का प्रयास भी किया जा रहा है। इस दौरान कई विधायक आते-जाते रहे और सीएम उनकी समस्याओं के समाधान का भरोसा भी दिलाते रहे।
करीब पौने दो बजे सीएम ने यह कहते हुए बैठकी विसर्जित की कि थोड़ा खाना खा लें, 2 बजे से सदन में भी जाना है। हम भी वहां से निकले और विधान परिषद के प्रेस कक्ष में गये। भूख तो हमें भी लगी थी। स्टाफ ने बताया कि चावल नहीं है, फराठा और दाल होगी। इसके बाद हम भी खाकर बाहर निकल लिये।
--- वीरेंद्र यादव, विधान सभा स्थित सीएम चैंबर की बतरस ---

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