मधुबनी : SSB के मशरूम फार्मिंग, वर्मी कम्पोस्ट पिसिकल्चर उत्पादन प्रशिक्षण हुआ पूरा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 6 फ़रवरी 2023

मधुबनी : SSB के मशरूम फार्मिंग, वर्मी कम्पोस्ट पिसिकल्चर उत्पादन प्रशिक्षण हुआ पूरा

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मधुबनी, 18वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय राजनगर के अंतर्गत झलौंन में सात दिवसीय मशरूम फार्मिंग, वर्मी कम्पोस्ट पिसिकल्चर उत्पादन हेतू किया गया प्रशिक्षण समापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मधुबनी जिले के लदनियां प्रखंड स्थित भारत-नेपाल सीमा पर तैनात 18वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय राजनगर के कार्यवाहक कमांडेन्ट शैलेन्द्र कुमार पांडेय के निर्देशानुसार सहायक कमांडेन्ट रोहित बंसल के नेतृत्व में रामा फाउंडेशन, बेनीपट्टी(मधुबनी) के द्वारा वर्ष- 2022-23 के अंतर्गत सीमा क्षेत्र में जीवन यापन करने वाले लोगों को नागरिक कल्याण के तहत मशरूम फार्मिंग, वर्मी कम्पोस्ट पिसिकल्चर  उत्पादन हेतू प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 1 जनवरी से लेकर 6 जनवरी 2023 तक सुचारू रूप से चलाई गई और यह प्रशिक्षण पूर्ण होने पर प्रशिक्षित युवकों को मशरूम फार्मिंग, वर्मी कम्पोस्ट पिसिकल्चर  उत्पादन हेतू किया मशरूम उत्पादन से संबंधित प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। जिससे मशरूम फार्मिंग, वर्मी कम्पोस्ट पिसिकल्चर उत्पादन हेतू किया के उत्पादन करने में अपना स्वरोजगार को बढ़ाने में कारगर साबित होगा। वही इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीमा क्षेत्र के  34 बेरोजगार युवकों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और एसएसबी के द्वारा नागरिक कल्याण के तहत सीमा क्षेत्र बसे बेरोजगार युवकों एवं युवतियों ने इस प्रशिक्षण से लाभान्वित होकर इस मशरूम फार्मिंग, वर्मी कम्पोस्ट पिसिकल्चर उत्पादन हेतू किया कि उत्पादन से अपने बेरोजगारी को दूर करेंगे। इस कार्यक्रम के अवसर पर 18वीं वाहिनी एसएसबी के सहायक कमांडेन्ट रोहित बंसल ने कार्यक्रम में उपस्थित एवं प्रशिक्षण में भाग ले रहे सभी बेरोजगार युवकों अभिभावकों एवं स्थानीय पदाधिकारियों एवं अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस कौशल विकास कार्यक्रम को चलाने का मेरा मुख्य उद्देश्य है, देश के सीमावर्ती क्षेत्रों के युवकों को स्वावलंबी बनाना हैं, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि विगत वर्षों में 18वीं वाहिनी एसएसबी समय-समय पर आयोजित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत अलग-अलग कोर्स कराये जा चुके है, जिसमे लाभान्वित सीमावर्ती क्षेत्रों के युवकों को अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार मिला है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अनवरत रूप से जन सरोकार तथा आम जनता के हित के लिए सदैव प्रयत्नशील रही हैं। वहीं फाउंडेशन के जिला कॉर्डिनेटर प्रकाश यादव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके द्वारा दिये गए मशरूम, फार्मिंग, वर्मी कम्पोस्ट पिसिकल्चर खेती प्रशिक्षण कोर्स में शामिल युवकों भविष्य मे अच्छा रोजगार मिल सकेगा। वहीं बीटीएम विजय शंकर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके द्वारा दिये गए मशरूमफार्मिंग, वर्मी कम्पोस्ट, पिसिकल्चर खेती प्रशिक्षण कोर्स में शामिल युवकों को भविष्य मे अच्छा रोजगार मिल सकेगा। सीमा क्षेत्र में जीवन यापन कर रहे छात्र/छात्राओं को यह प्रशिक्षण सरकारी सेवा में नियुक्त होने से बंचित रह जाते है, उनके लिए यह अभियान मिल का पत्थर साबित हो सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस जागरूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य यह है कि बॉर्डर क्षेत्र में अपना जीवन यापन के लिए सरकार के द्वारा प्रतिबंधित पदार्थों को तस्करी करने के लिए मजबूर होते हैं। तो इस दबे-कुचले परिवार जो मजबूर होते है, जिन्हें अपने बच्चों के भविष्य के लिए धन के अभाव में पढ़ाई के जगह तस्करी जैसे अपराध करने के लिए कदम उठाने पर उताबले होते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि एसएसबी का हमेशा से मोटो रहा है "सेवा, सुरक्षा और बन्धुत्व" यह अभियान शिक्षा ग्रहण करने वाले लड़के नहीं बल्कि बॉर्डर क्षेत्र में गुजर-बसर कर रहे पूरे सामाज के लिए बरदान साबित हो सकती हैं। इस अवसर पर 18वीं वाहिनी एसएसबी (एफ) कंपनी पिपराही के कंपनी कमांडर निरीक्षक अंकुर कुमार मिश्रा, रामा फाउंडेशन के जिला कॉर्डिनेटर प्रकाश यादव  प्रशिक्षक कृषि सलाहकार देवनाथ यादव, प्रशिक्षक शिव कुमार कृषि समन्वय, बीटीएम विजय शंकर समेत सैकड़ों अन्य ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

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