बेतिया : ओ जाने वाले हो सके तो लौट आना.. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 5 जुलाई 2023

बेतिया : ओ जाने वाले हो सके तो लौट आना..

  • और कोमा से निकले बिना प्रभु के प्यारे हो गए सीए प्रशांत प्रकाश  

 

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चुहड़ी. बेतिया धर्मप्रांत में है चुहड़ी पल्ली.इस पल्ली में रहते हैं प्रशांत प्रकाश (30 साल).पटना जेसुइट के चार्टर्ड अकाउंटेंट  (सीए) हैं.गोरखपुर स्थित सिटी हॉस्पिटल में भर्ती थे.आज सिटी हॉस्पिटल में दोपहर 01.55 में अंतिम सांस ली.वे मेनिनजाइटिस रोग से ग्रसित थे. मालूम हो कि पटना जेसुइट सोसाइटी (पीजेएस) एक धर्मार्थ संगठन है.जिसका पूरे बिहार और यूपी में शैक्षिक और सामाजिक सेवा संस्थानों का एक बड़ा नेटवर्क है. ज्यादातर दलितों, आदिवासियों और हाशिए पर रहने वाले समुदायों से जुड़ा हुआ है.  इसी धर्मार्थ संगठन में प्रशांत प्रकाश आंतरिक लेखा परीक्षक के पद पर 16.05. 2018 से कार्यरत थे.चुहड़ी पल्ली के रहने वाले थे प्रशांत प्रकाश.दो साल पहले प्रिंसी रॉबर्ट से विवाह हुई थी.बहुत ही गर्व से प्रिया कुमारी कहती हैं कि प्रशांत मेरा भाई है. उसका बर्थ डे 30 सितम्बर को है.हमलोग शानदार से प्रशांत भाई का जन्मदिन मनाते थे.इतना कहकर सिसकने लगी .बाबू हमलोगों को छोड़कर चले गए.बाबू 13 दिनों से हॉस्पिटल में कोमा में थे.बेहाल पत्नी ,मां रानी प्रकाश और पिता प्रकाश जेम्स थे.


बाबू के द्वारा चिट्ठी न कोई सन्देश

जाने वो कौन सा देश

जहाँ तुम चले गए

   

बताया जाता है कि मेनिनजाइटिस रोग हो जाने से मस्तिष्क में सूजन  हो जाता है.जिसके कारण उनको आईसीयू में भर्ती किया गया था.दवा और दुआ करने के बाद भी पटना जेसुइट के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) प्रशांत प्रकाश को बचाया नहीं जा सका.बताया जाता है कि दो साल पहले प्रशांत प्रकाश का विवाह प्रिंसी के साथ हुआ था. गोरखपुर से निधन की खबर आग की तरह बेतिया और चुहड़ी गांव में पसर गयी.चुहड़ी गांव में मातम छा गया है.पड़ोसी आकाश सेंसिल ने कहा कि दाऊद के वंशज येसु मसीह को बराबर याद रखिए. जो मेरे सुसमाचार के अनुसार मृतकों में से जी उठे हैं. इसी विश्वास के साथ हे प्रभु ! आप प्रशांत भैया की आत्मा को शांति प्रदान करें. आमीन. बड़ी उम्मीद से सीए प्रशांत प्रकाश को गोरखपुर इलाज करवाने ले गए थे.13 दिनों के बाद नाउम्मीद होकर चुहड़ी लौटे.शाम साढ़े सात बजे प्रशांत प्रकाश का पार्थिव शरीर पहुंचा.चुहड़ी गांव में मातम पूर्ण माहौल.पार्थिव शरीर को देखने के लिए पूरा घर लोगों से भर गया. सभी के आंखो आंसू से भर गए.परिजनों के साथ साथ गांव के लोग भी रोने लगे. करीब 200 की संख्या में लोग पहुंचे थे.

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