पटना : राजद का कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 24 अप्रैल 2025

पटना : राजद का कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित

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पटना (रजनीश के झा)। आज दिनांक 24 अप्रैल, 2025 को बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय के कर्पूरी सभागार में पंचायती राज दिवस के अवसर पर बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल पंचायती राज प्रकोष्ठ की ओर से विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेन्द्र प्रसाद विद्यार्थी जी ने की जबकि संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष देवकुमार यादव ने किया, तथा मुख्य अतिथि श्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी उपस्थित थे। बिहार में अफसरों के माध्यम से सरकार पंचायत प्रतिनिधियों को डराने का काम कर रही है और उनके हक और अधिकार को छीनने का कार्य किया जा रहा है। सरकार नहीं चाहती है कि पंचायतों को मजबूत किया जाये। पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार को छीनकर सरकार पंचायती राज व्यवस्था को कमजोर करना चाहती है। इसके खिलाफ पंचायत प्रतिनिधियों ने धरना प्रदर्शन भी किया लेकिन मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों को डरा-धमकाकर प्रधानमंत्री की सभा में आने के लिए मजबूर कर दिया गया। इसके लिए पंचायती राज विभाग की ओर से कार्यक्रम में शामिल होने के लिए चिट्ठी जारी कर फरमान सुनाया गया है और डराने-धमकाने की लगातार कार्रवाई हो रही है। बिहार में बेरोजगारी और पलायन की स्थिति सबसे अधिक है। 20 वर्षों में बिहार सरकार और 11 वर्षों में केन्द्र की सरकार ने बिहार के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार किया है और बिहार के साथ हकमारी की है। बिहार में प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है और पलायन सबसे अधिक है। न कल-कारखाना है और न ही उद्योग-धंधे हैं। किसानों की आय भी सबसे कम है। बिहार के लिए केन्द्र सरकार ने विशेष राज्य के दर्जे का चैप्टर क्लोज कर दिया है और बिहार को आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही है और न ही विशेष पैकेज दिया जा रहा है, जिस कारण बिहार नीति आयोग के रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे फिसड्डी राज है। बिहार के साथ 20 सालों में किस तरह का व्यवहार किया गया है ये स्पष्ट रूप से दिखता है। बिहार में लोग परिवर्तन चाहते हैं और 20 साल पुरानी खटारा सरकार से लोग मुक्ति चाहते हैं। इन्होंने मिसाल देते हुए कहा कि किसान भी वही बीज पसन्द करते हैं जो रोपने के बाद बेहतर फसल दे। बिहार की जनता यह चाहती है कि उनके सुख-दुख में जो शामिल हो उसी के साथ खड़े रहे, क्योंकि बिहार के प्रति केन्द्र का व्यवहार किस तरह का है यह इसी से समझा जा सकता है कि बिहार नेे सबसे अधिक एमपी देकर केन्द्र में एनडीए सरकार बनवाया लेकिन बिहार की जगह गुजरात को सारी राशि दी जा रही है। ये नरेन्द्र मोदी की बिहार के प्रति सोंच का स्पष्ट झलक है।

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