कर्मियों के लॉगबुक की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि कार्यालयों में लॉग बुक का संबधित पदाधिकारी नियमित रूप से जाँच करे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि समय से संचिकाओं को प्रस्तुत नही करने वाले सहायकों पर करवाई करे। उन्होंने कहा कि सभी शाखा के प्रभारी पदाधिकारी अपने संबंधित शाखा का नियमित जांच करे साथ ही लॉग बुक सहित सभी महत्वपूर्ण पंजीयों के संधारण पर पूरा ध्यान दें। मुख्यमंत्री जनता दरबार एवं जिला स्तरीय जनता दरबार में प्राप्त आवेदनों की निष्पादन की समीक्षा के क्रम में राजस्व,शिक्षा एवं आईसीडीएस में सबसे अधिक आवेदन लंबित पाए गए। जिलाधिकारी ने उपस्थित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि जन शिकायतों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ समय से निष्पादन करना सुनिश्चित करें । उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि साप्ताहिक समीक्षा बैठक का परिणाम नजर आनी चाहिए एवं लंबित मामलों को हर हाल में शून्य करें। उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारी नियमित रूप से लॉग बुक,सूचना केअधिकार पंजी, सहित सभी महत्वपूर्ण पंजियो का नियमित से निरीक्षण करें ताकि यह सुनिश्चित कर सके कि ससमय मामलों का निष्पादन हो सके। उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय में लंबित मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखकर कार्य करे । इसमें थोड़ी भी शिथिलता या लापरवाही बरदाश्त नही की जाएगी। समीक्षा के क्रम में सिडब्लूजेसी में शिक्षा विभाग में एवं भूअर्जन विभाग में सबसे अधिक मामले लंबित, पाए गए। जिलाधिकारी इस पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए एक सप्ताह के अंदर प्रगति लाने का निर्देश दिया। उक्त बैठक में प्रभारी एडीएम राजेश कुमार, नगर आयुक्त अनिल चौधरी, डीपीआरओ परिमल कुमार, एनडीसी मयंक सिंह, एसडीसी शशि कुमार, निशांत कुमार, निर्देशक डीआरडीए, जिला परिवहन पदाधिकारी शशि शेखरण,, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
मधुबनी (रजनीश के झा)। जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा द्वारा जिला नीलाम पत्र वाद , जिला स्तरीय जनता दरबार में प्राप्त आवेदन, सी पी ग्राम, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में प्राप्त आवेदनों, माननीय उच्च न्यायालय में चल रहे मामलों, सूचना का अधिकार, मानवाधिकार आदि से संबंधित मामलों की बारी बारी से समीक्षा की गई। नीलाम पत्र वादों की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियो को इसे सर्वोच्च प्राथमिकता में रखकर तेजी से निष्पादन करने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रतिदिन कम से कम चार-पाँच मामले की सुनवाई करे। सेवांत लाभ की समीक्षा के क्रम में ससमय सेवांत लाभ उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के पदाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि रिटायर होने वाले कर्मियों से 6 माह पूर्व से ही उनके सेवांत लाभ से संबधित भुगतान के लिए प्रस्ताव स्वीकृति हेतु सक्षम प्राधिकार को भेज दें ताकि सेवा निवृत्ति के दिन ही उन्हें सभी प्रकार के सेवांत लाभों को दिया जा सके।उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यवाही के मामले में संचालन पदाधिकारी निर्धारित अवधि के अंदर अपनी रिपोर्ट दे।
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