पंडित सुनील शर्मा के अनुसार पहाड़ वन भूमि जल सभी इस भारत भूमि में पूजे जाते है,क्योंकी इन प्राकृतिक संसाधनों के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। प्रकृति भगवान की देन है और इस प्रकृति में भगवान बसते है। शास्त्रानुसार अमावस्या तिथि को पितरों की पूजा करना चाहिए। श्रद्धालुओं को अपने पितरों के आशिर्वाद प्राप्ति के लिए ब्राहम्ण भोजन व्रत कथा भंडारा तर्पण पिंडदान हरियाली अमावस्या पर करना शुभ होता है। पंडित शर्मा के अनुसार पेड़ पौधों में देवी देवताओं्र का वास होता है,वर्षाकाल में पौधारोपण पर्यावरण के लिए भी लाभप्रद है पौधारोपण से पितृदोष ग्रहदोष दूर होते है यही नहीं 12 राशियों व सत्ताईस नक्षत्रों के लिए पौधे लगाना उचित माना गया है। नक्षत्र वाटिका का भी निर्माण किया जा सकता है।
सीहोर। श्रावण मास कृष्णपक्ष हरियाली अमावस्या 24 जुलाई गुरूवार को पुनर्वसु नक्षत्र में मनाई जाएगी। इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग,अमृत सिद्धियोग एवं गुरूपुष्य योग भी रहेगा। प्रकृ़ति को सहजना हम सबकी जिम्मेदारी और धर्म है हरियाली अमावस्या इसी का आध्यात्मिक रूप है। हरियाली अमावस्या में अपने पूर्वजों की स्मृति में फलदार, औषधीय एवं पीपल, वरगद, नीम, शमी, आंवला, बीलपत्र, केला गुलर के पौधे लगाना शास्त्रानुसार शुभ माना गया है।

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