- 2008 मालेगांव ब्लास्ट केस पर बनेगी फिल्म, निर्देशक राजीव एस रूइया होंगे डायरेक्टर
निर्देशक राजीव एस रूइया ने कहा, "यह सिर्फ एक धमाके की कहानी नहीं है — यह उस तूफान की कहानी है जो उसके बाद आया। इसमें मानवीय संघर्ष है, राजनीतिक दवाब है, सच्चाई की खोज है और पीड़ितों व आरोपियों के परिवारों की भावनात्मक व कानूनी जंग है। 'मालेगांव फाइल्स' हमारी कोशिश है उस कड़वे यथार्थ को पर्दे पर लाने की।" 2008 का मालेगांव धमाका 29 सितंबर को हुआ था, जिसमें 6 लोगों की जान चली गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। शुरुआत में इसका आरोप इस्लामिक संगठनों पर लगा, लेकिन बाद की जांच में हिंदू उग्रवाद से जुड़े तत्वों के नाम सामने आए — जिसमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित जैसी विवादास्पद हस्तियों की गिरफ्तारी हुई। यह भारत का पहला मामला था जिसे “हिंदुत्व आतंकवाद” से जोड़ा गया। इस केस में हाल ही में अदालत ने सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया।
प्रोड्यूसर साहिल सेठ ने कहा, "हम इस विषय को पूरी जिम्मेदारी के साथ पेश कर रहे हैं। हमारा मकसद सनसनी फैलाना नहीं है, बल्कि लोगों को सोचने पर मजबूर करना है — न सिर्फ धमाके को लेकर, बल्कि उसके बाद जो कुछ हुआ उसे लेकर भी।" मेकर्स ने यह भी स्पष्ट किया है कि फिल्म की स्क्रिप्ट विभिन्न जांच रिपोर्टों, कोर्ट दस्तावेजों और असली गवाहियों के आधार पर तैयार की जा रही है, ताकि कहानी में यथार्थ और निष्पक्षता बनी रहे। फिल्म में नाटकीयता जरूर होगी, लेकिन टीम ने यह वादा किया है कि सच्चाई से समझौता नहीं किया जाएगा। ‘मालेगांव फाइल्स’ भारतीय सिनेमा में बढ़ती सच घटनाओं और राजनीतिक थ्रिलर फिल्मों की श्रेणी में एक अहम योगदान देगी — खासकर उन फिल्मों की कतार में, जो धर्म, राजनीति और न्याय के टकराव को सामने लाती हैं। फिल्म से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इसमें कई जाने-माने और गंभीर अभिनय के लिए पहचाने जाने वाले कलाकारों को शामिल किए जाने की संभावना है। फिल्म की शूटिंग 2025 के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। कास्ट और शूटिंग से जुड़ी अधिक जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।

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