राजीव गांधी के हत्यारों मुरुगन, संथन और पेरारिवलन को 9 सितंबर को दी जाने वाली फांसी फिलहाल टल गई है। मद्रास हाईकोर्ट ने फांसी पर अंतरिम रोक लगा दी है और केंद्र सरकार को 8 हफ्तों में हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से फांसी में हुई इतनी देरी के लिए हलफनामा दायर करने को कहा है। हत्यारों की तरफ से पैरवी वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने की। उन्होंने कोर्ट से बाहर आकर पत्रकारों से कहा कि वह कोर्ट के शुक्रगुजार हैं कि उसने न्याय की रक्षा की है। कर्नाटक विधानसभा में भी एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार और राष्ट्रपति से उनकी दया याचिका पर एक बार फिर विचार करने का आग्रह किया है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने के बाद दोषियों को तमिलनाडु स्थित वेल्लूर जेल में 9 सितम्बर को फांसी दी जानी थी। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 11 अगस्त को तीनों की क्षमा याचिका खारिज कर दी थी। 21 मई 1991 को चेन्नई के समीप श्रीपेरमबुदूर की एक रैली में एक आत्मघाती महिला ने विस्फोट में खुद को उड़ा लिया था, जिसमें राजीव गांधी की मौत हो गई थी।
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