बिहार : पहले खुद ही सेवन कर लह हो........ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 14 मार्च 2014

बिहार : पहले खुद ही सेवन कर लह हो........

green revolution bihar
दानापुर। क्या आप  साग सब्जियों का सेवन करते हैं? अगर नहीं तो काफी नुकसान करते हैं। आपके शरीर और पॉकेट पर असर पड़ता है। इस शख्स को देख लें। इसने पॉलिथीन में लाल और हरा साग के अलावे टमाटर ले रखा है। मगर यह खुद भोजन में उपयोग नहीं करेंगा। वह गाय हमारी माता को खिलाने के लिए ले रखा है। 
मनेर के रहने वाले भूलइया यादव ने अर्पणा बैंक कॉलोनी, फ्रेज 2 में खटाल खोल रखे हैं। जयदेव पथ के समीप आवास बना रखे हैं। सास और श्वसुर ने भूलइया यादव का नाम परिवर्तन करके मिथलेश यादव रख दिये हैं।मिथलेश यादव कहते हैं कि साग और टमाटर को गाय-भैंस को खिलाने के लिए ले जा रहे हैं। एक सवाल के जवाब में कहते हैं कि आखिर पशु को भी खाने के लिए साग -सब्जी जरूरी है। घास, माड़, खल्ली आदि के अलावे अन्य आहार भी जरूरत है। तब न गाय दूध देगी। दूध को बेचेंगे। दूध बेचने के बादी ही परिवार की गाड़ी चलेगी। इस समय गाय के दूध 35 रू. और भैंस के दूध 40 रू. किलोग्राम बेचते हैं। नमो चाय के प्रचार होने के बाद दूध की मांग तेज हो गयी है। 

स्वादिष्द भोजन लेने के अभ्यस्त हो गए मानवः हम स्वादिष्द भोजन और फास्ट फूड के घनचक्कर में पड़ गए। साग-सब्जी लेते भी हैं। तो उसे पालक -पनीर, आलू-पालक,पालक -चिल्ली के नाम पर ग्रहण करते हैं। इसके अलावे हम आलसी बन गए हैं। खुद के पाचन तंत्र को आराम देकर पशु और जानवरों के जिम्मे देते हैं। जो हरी साग-सब्जी ग्रहण करके अपने खुद के पाचन तंत्र से पचाकर दूध और मांस दें। इसे प्राप्त करने के लिए जेब खाली करनी पड़ती है। मध्य और उच्च वर्ग के लोगों को फायदा होता है। इनके साथ इनके कुकुर को भी रास आता है। दूध से और मांस से बने भराइटी खाकर मौज मस्ती किया करते हैं। वहीं निम्न स्तर के लोगों को दूध और मांस नसीब भी नहीं होता है। इनके बच्चे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं। महिलाओं के स्तन से दूध गायब हो जाता है। रक्तहीनता के शिकार हो जाते हैं। कितना जच्चा-बच्चा की असामयिक मौत हो जाती है। 
सरकारी योजनाएं विराजमानः असामयिक मौत से बचाने के लिए सरकारी योजनाएं विराजमान है। सरकारी योजनाओं से लाभ उठाने के लिए पापड़ बेलना पड़ता है। इस बीच तथाकथित दलाल को आगमन हो जाता है। योजना के नाम पर सेवा शुल्क की मांग करने लगता है। दलाल ही सेवा के नाम पर मेवा खाने लगता है। इससे बचने के लिए किसी भी कार्य को पहले खुद ही करने का प्रयास शुरू कर देना चाहिए। 




आलोक कुमार
बिहार  

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