जम्मू कश्मीर में नयी सरकार के गठन को लेकर तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो पा रही है। र्सवाधिक सीटें हासिल करने वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी.पीडीपी.को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस.नेंकां.के बिना शर्त र्समथन देने की घोषणा पर पीडीपी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोलें हैं . पीडीपी ने सरकार बनाने की कवायद के तहत भारतीय जनता पार्टी.भाजपा.के साथ भी प्रारंभिक स्तर की बातचीत की है लेकिन इस विकल्प पर भी अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। राज्यपाल एन एन वोहरा ने र्सवाधिक सीटें हासिल करने वाली पीडीपी .28.और दूसरी सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने वाली पार्टी भाजपा .25.को सरकार के गठन की संभावनाएं तलाशने के लिए 17 जनवरी तक का समय दिया है।यह समय सीमा खत्म होने में केवल तीन सप्ताह ही बचे हैं लेकिन नयी सरकार को लेकर पसोपेश अब भी जारी है।राज्य विधान सभा की 87 सीटों में से सरकार बनाने वाले दल क ो 44 का जादुई आंकडा हासिल करने की दरकार होगी। पीडीपी के प्रमुख प्रवक्ता नईम अख्तर ने यूनीवार्ता को बताया कि राज्य की त्रिशंकु विधान सभा में र्सवाधिक 28 सीटें हासिल करने वाली पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद का निकट भविष्य में सरकार बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का कोई कार्यक्रम नहीं है।
माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी.माकपा. ने राज्य में लोकप्रिय धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाये जाने का र्समथन किया है।भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए 15 सीटें हासिल करने वाली नेकां और 12 सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस पहले की पीडीपी को बिना शर्त र्समथन देने की घोषणा कर चुकी है।इस बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने राज्य में धर्मनिरपेक्ष दलों पीडीपी.नेकां और कांग्रेस के महागठबंधन से नयी सरकार बनाये जाने की वकालत की है । दूसरी ओर भाजपा के महासचिव राम माधव ने उत्तरी कश्मीर से सांसद और पीडीपी के वरिष्ठ नेता मुजफ्फर हुसैन बेग से श्रीनगर में दो बार मुलाकात की है । हालांकि श्री माधव ने इसे केवल एक शुरूआत बताया है । श्री माधव ने कहा कि राज्य में स्थायी सरकार के गठन के लिए उनकी पार्टी कुछ अन्य पार्टियों के साथ संपर्क में है। श्री अख्तर ने कहा कि इन मुलाकातों का अभी क ोई निष्र्कष नहीं निकाला जाना चाहिए। उनकी पार्टी के सामने अब भी सभी विकल्प ख्ुाले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के गठन को लेकर किसी भी दल से आने वाले किसी भी तरह के प्रस्ताव पर किसी फैसले से पहले संसदीय बोर्ड की बैठक में चर्चा होगी.

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