मंत्री दुर्गापाल की विधान सभा सदस्यता हो समाप्त: नेता प्रतिपक्ष
देहरादून, 25 दिसम्बर(निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखण्ड विधानसभा अजय भट्ट ने कहा कि निर्दलीय विधायक एवं मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल द्वारा कांग्रेस पार्टी की सदस्यता लिये जाने के बाद स्पष्ट होता है कि उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त होनी चाहिए। श्री भट्ट ने कहा कि भारतीय संविधान के 52वें संशोधन अधिनियम द्वारा भारतीय संविधान में दसवीं अनुसूची में विघटन के आधार पर निरर्हता के प्रस्तर 2 के खण्ड 2 में स्पष्ट है कि सदन का कोई निर्वाचित सदस्य जो किसी राजनीतिक दल द्वारा खड़े किये गये अभ्यर्थी से भिन्न रूप में सदस्य निर्वाचित हुआ है, यदि वह किसी राजनीतिक दल की सदस्यता ले लेता है तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जायेगी। श्री भट्ट ने कहा कि इस उपबंध से स्पष्ट है कि यदि कोई सदस्य निर्दलीय रूप में निर्वाचित होकर आता है और चुनाव के पश्चात वह किसी राजनीतिक दल में सम्मिलित होता है तो वह सदन का सदस्य होने के लिए निरर्हित हो जायेगा। उन्होंने कहा कि शार्टर कंस्टिट्यूशन आॅफ इण्डिया 14वाॅ संस्करण ‘‘दुर्गादास वसु’’ द्वारा किसी निर्दलीय सदस्य के निरर्हता के संबंध में स्पष्ट रूप से उल्लिखित किया है कि कोई निर्दलीय सदस्य यदि किसी राजनीतिक दल में सम्मिलित होता है तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जायेगी। श्री भट्ट ने कहा कि इसके सम्बन्ध में भाजपा के एक प्रतिनिधिमण्डल द्वारा सचिव विधानसभा को लिखित ज्ञापन देकर निर्दलीय विधायक हरीश चन्द्र दुर्गापाल की विधानसभा सदस्यता समाप्त किये जाने का अनुरोध किया गया है। क्योंकि जनता ने भी उन्हें बतौर निर्दलीय अपना विधायक निर्वाचित किया था, और इसे जनता के साथ भी धोखाधड़ी के रूप में देखा जाना चाहिए। श्री भट्ट ने कहा कि देखना होगा कि इस सम्बन्ध में विधानसभा अध्यक्ष के विनिश्चय का इन्तजार करना होगा और देखना होगा कि अध्यक्ष का विनिश्चय क्या आता है, इसके बाद ही भाजपा अपना आगे का रूख अख्तियार करेगी। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार को चारों ओर से अपनी कुर्सी बचाने की चिंता दिन-रात सताये जा रही है क्योंकि सभा सचिवों को मंत्री स्तर की सुविधायें देकर जिस तरह से प्रदेष की जनता की गाढ़ी कमाई को पानी की तरह बहाया जा रहा है उससे प्रदेश की माली हालात दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रही है। श्री भट्ट ने कहा कि शायद भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि सत्तापक्ष सभी विधायकों को मंत्री स्तर की तमाम सुख सुविधायें देकर प्रदेश का बंटाधार किया जा रहा है। क्योंकि प्रदेश सरकार को जनता की नहीं बल्कि अपनी कुर्सी की चिंता बनी हुई है। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार चाहे कितनी भी कोशिश कर ले आने वाले दिनों में कांग्रेस मुक्त भारत में यहाॅ से भी इनकी विदाई जल्द ही तय है। ताजा उदाहरण झारखण्ड और जम्मू कश्मीर के चुनाव परिणामों को देखा जा सकता है। श्री भट्ट ने समस्त देश एवं प्रदेशवासियों को क्रिसमस पर्व की शुभकामनायें दी हैं उन्होंने कहा कि यह पर्व आपस में भाईचारे एवं प्रेम व्यवहार को बढ़ावा देता है।
टिहरी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कवायद शुरू
देहरादून, 25 दिसम्बर(निस)। स्मार्ट सिटी के रूप में टिहरी केा विकसित करने एवं यहां के लोगों को रोजगार से कैंसे जोडा जाय इस उद्देश्य से भारत सरकार के शहरी विकास सचिव शंकर अग्रवाल उत्तराखण्ड़ प्रदेश के उच्चाधिकारियों की टीम के साथ टिहरी पहुचे। यहां उन्होंने भागीरथी पुरम् स्थिति टिहरी जल विद्युत विकास निगम लि0 के अतिथिगृह में प्रदेश एवं जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुये कहा कि उत्तराखण्ड़ में चार नगरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने हेतु चयनित किया जाना है। जिसमें टिहरी भी शामिल है। इसको ध्यान में रखते हुये संबंधित प्रस्तावित क्षेत्रों में नागरिक सुविधाओं का जायजा लेने के साथ ही स्थलीय निरीक्षण किया गया। उन्होंने कहा जिन नगरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाना हैं वहां के स्थानीय निकायों के प्रस्ताव लिये जायेगें । श्री अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में भारत की कुल आवादी का 32 प्रतिशत शहरी आवादी हैं और 2050 तक यह आवादी 50 प्रतिशत हो जायेगें। इसको रोकने के लिये भारत सरकार का उद्देश्य स्मार्ट सिटी का विकास कर पलायन व शहरी क्षेत्रों में आवादी के दवाब करना चाहती है। उन्होंने आज प्रदेश के उच्चाधिकारियों के साथ गैरसैंण, केदारनाथ के साथ टिहरी पहुंचकर जायजा लिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का मुख्य उद्देश्य स्वच्ठ भारत अभियान सम्पूर्ण हिन्दुस्तान में संचालित हो ताकि पूरे हिन्दुस्तान को स्वच्छ बनाया जा सकें, बड़े शहरों को सही ढग से नागरिक सुविधा उपलब्ध हो, धरोहर वाले शहरों, वनारस, आगरा, अजमेर, में स्थित पुरातन संस्कृति को संरक्षित करना, इसके अलावा एक लाख से अधिक आवादी के बड़े शहरों में सही ढग से नागरिक सुविधा उपलब्ध हो, इसके अलावा स्मार्ट सिटीके विकास के साथ ही टैक्नोलाॅजी से जोडा, इसके लिये सूचना संचार टैक्नोलाॅजी का 90 प्रतिशत लोग उपयोग करें और सभी प्रकार की सेवाओं को इन्टरनेट, मोवाईल के माध्यम से प्राप्त की जा सके । उन्होंने कहा यूरोपीयन शहरों तथा गुजरात के लवासा शहर की तर्ज पर विकास ओर प्रयास किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्तराखण्ड़ एन. रविशंकर ने कहा कि प्रदेश में नई टिहरी सहित चार अन्य शहरों को समार्ट सिटी बना सकते हैं इसका निर्णय केन्द्र सरकार के स्तर पर होना हैं उन्होंने भी कहा कि संबंधित के चयनित स्थानीय निकायों के माध्यम से इसके प्रस्ताव प्रस्तुत करने के दिशा में स्थानीय प्रशासन के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं ताकि भारत सरकार स्तर पर स्वीकृति हेतु कार्यवाही की जा सके । अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने कहा कि टिहरी में कोटी कालोनी , प्रतापनगर, सहित डील के आस पास के क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रदेश सरकार कार्य करही है। यहां पर शिक्षा हब बनाने के लिये सहासिक खेल संस्थान शीघ्र कार्य रूप में शुरू होगा इसके अलावा हर्वल के क्षेत्र में ढील से लगी ग्रामों सिथत ग्राम पंचायतों के माध्यम से जोडने की दिशा में कार्य किया जायेगा साथ ही पर्यटन के माध्यम रोजगार देना भी शामिल है। इस अवसर पर प्रदेश के आवास एवं शहरी विकास सचिव डी.एस.गब्र्याल भीभ्रमण पर आये थे। जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त ने केन्द्रीय शहरी विकास सचिव का स्वागत करते हुये टिहरी शहर एवं इसके आस पास के गांवों एवं क्षेत्रों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी से अवगत कराया। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक मुख्तार मोहसिन, मुख्य विकास अधिकारी, अर्चना गहरवार, महा प्रबन्धक टिहरी जलविद्युत विकास निगम लि0 मोहर मणि, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 अर्जनसिंह संेगर, अपर जिलाधिकारी, प्रवेश चन्द्र डंडरियाल, उपजिलाधिकारी, अभिषेक त्रिपाठी, जिला पर्यटन अधिकारी जसपालसिंह चैहान, नगरपालिका परिषद अधिशासी अधिकारी एम.एल. शाह सहित अन्य अधिकारी, मौजूद थे।
अल्मोड़ा जिले की समीक्षा बैठक, बिना तैयारी के आने वाले अधिकारियों पर भड़के मुख्यमंत्री
- वन भूमि हस्तान्तरणों की प्रक्रिया मार्च तक हो पूरीः सीएम
देहरादून, 25 दिसम्बर(निस)। लम्बित वन भूमि हस्तान्तरणों को मार्च 2015 तक आनलाइन करने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाय। साथ ही सड़कों के निर्माण कार्य में तेजी लायी जाय। यह निर्देश मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सर्किट हाउस में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि सड़कों का कार्य समय पर पूर्ण हो सके इस बात का पूरा ध्यान रखा जाय। मुख्यमंत्री ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की, कि अधिकारी समीक्षा बैठक में पूर्ण तैयारी के साथ नहीं आते है जिससे कार्यों की वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं मिल पाती है। भविष्य में उन्होंने पूर्ण तैयारी के साथ बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां सड़के कट चुकी है वहां काश्तकारों का मुआवजा तुरन्त बांट दिया जाय, साथ ही क्षतिग्रस्त सिंचाई नहरों की मरम्मत तुरन्त कर दी जाय। मुख्यमंत्री ने बढ़ते हुए यातायात के दवाब को देखते हुए क्वारब मंे एक अतिरिक्त पुल बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। समीक्षा बैठक में भतरौजखान-जीनापानी-उगलिया मोटर मार्ग सहित अन्य लम्बित सड़कों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने पुलों के निर्माण को प्राथमिकता देने की भी बात कही ताकि सड़कों का आवागमन सुचारू हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग के माध्यम से भी सड़कों का निर्माण कराया जायेगा। वर्तमान में प्रत्येक विकासखण्ड में 02-02 किमी0 सड़कों का काम कराया जा रहा है। उन्होंने हमारा गांव हमारी सड़क योजना के अन्तर्गत भी गांवों को जोड़ने की बात कही। सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने नहरों को चालू रखने के साथ निर्माण पर बल दिया साथ ही जिलाधिकारी से समन्वय बनाकर सिंचाई गूलों को चालू रखने की बात कही। मुख्यमंत्री ने धौलछीना में क्षतिग्रस्त नहर का निरीक्षण मुख्य विकास अधिकारी को करने के निर्देश दिये और उसके बाद नहर निर्माण की बात कही। उन्होंने कहा कि जहां पर आवश्यकता है वहां की नहरों का प्रस्ताव जिला योजना में रखें। जहां पर नहरें क्षतिग्रस्त हो चुकी है वहां के लिए एक टैक्नीकल टीम गठित कर उनके निस्तारण की कार्यवाही अमल में लायी जाय। राशन कार्डो का कम्प्यूटरीकरण समय से कर लिया जाय। खाद्यान्न वितरण में ढिलाई को गम्भीरता से लिया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने बेस चिकित्सालय में लगे डिजिटल एक्सरे मशीन को ठीक करने, जिला चिकित्सालय की लिफ्ट मशीन को ठीक करने के निर्देश दिये साथ ही कहा कि चिकित्सालयों में डाक्टरों को निर्देशित कर दिया जाय कि वे मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करें। उन्होंने रिक्त पदों की जानकारी ली और स्वास्थ्य महानिदेशक को व्यवस्था ठीक करने के निर्देश दूरभाष पर दिये। बेस चिकित्सालय सोमेश्वर के के निर्माण में तेजी लाने को कहा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना जो आगामी 26 जनवरी से शुरू होनी है उसके लिए तैयारी अभी से कर ली जाय। मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण की समीक्षा के दौरान पेंशन वितरण में आ रही कठिनाईयों का जायजा लिया और तत्काल बजट उपलब्ध कराने के लिए मुख्य सचिव से दूरभाष पर वार्ता की और कहा कि सभी पेंशनरों के खाते बैंकों में खुलवायें। उन्होंने समाज कल्याण विभाग द्वारा अन्य संचालित योजनाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों से कहा कि वे पूर्ण मनोयोग के साथ कार्य कर प्रदेश की उन्नति में सहयोग प्रदान करें। उनकी समस्याओं का निराकरण किया जायेगा साथ ही लापरवाही को गम्भीरता से लिया जायेगा। इस समीक्षा बैठक के दौरान विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुजंवाल, संसदीय सचिव मनोज तिवारी, विधायक सोमेश्वर श्रीमती रेखा आर्या, नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश जोशी ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को रखा। बैठक में आयुक्त कुमाऊॅ मण्डल के तमाम अधिकारियों सहित पूर्व दर्जा राज्य मंत्री केवल सती, उद्यान निदेशक सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे।
सीएम ने वीर चन्द्र गढ़वाली को दी श्रद्धांजलि
देहरादून, 25 दिसम्बर(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पेशावर कांड के नायक वीर चन्द्र ‘गढ़वाली‘ को उनकी जंयती पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। गढ़वाली को पेशावर कांड का महानायक बताते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा की उन्होने निहत्थे सैनिकों पर गौली न चलाने का आदेश देकर महान देशभक्ति का परिचय दिया था और भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के आन्दोलन में यह घटना एक मील का पत्थर साबित हुई, जिसने भविष्य के लिए एक क्रांतिकारी आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पेशावर क्रांति के बाद वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली राष्ट्र के अग्रणी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की पंक्ति में खडे़ हो गये। महात्मा गांधी ने उन्हें ‘‘ गढ़वाली‘‘ नाम देकर सम्मानित किया था। मुख्यमंत्री ने कहा की श्री गढ़वाली इस उत्तराखण्ड की धरोहर है और उनके द्वारा आजादी के बाद किए गए कार्यो को भी कभी भूलाया नही जा सकता। उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि उनके बताए मार्ग पर चलकर ही प्राप्त होगी।
अनियंत्रित ड्राईविंग रोकने के लिए नहीं किये जाते प्रयास
देहरादून, 25 दिसम्बर। तेज एवं रैश ड्राईविंग के कई मामले सामने आने के बाद भी जिला प्रशासन एवं पुलिस ऐसी कोई सख्त कार्यनीति नहीं बना पाए हैं जिससे कि सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। एक होनहार दरोगा की मौत के बाद अब सरकार को भी अनियंत्रित ड्राईविंग के नुकसान समझ में आ गए हैं, लेकिन यह असर कितने दिन तक रहता है कि यह किसी से छिपा नही है। अक्सर एक घटना के बाद व्यवस्थाएं बनाने वाले चाक चैबंद दावों के बयान तो देते हैं लेकिन यह सब केवल औपचारिकताओं तक ही सिमट कर रह जाता है। ड्यूटी के दौरान ऐसी ही अनियंत्रित ड्राईविंग के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुए दरोगा की मौत के बाद भी यदि सरकार और जिला पुलिस नहीं जागती है तो फिर समझ लेना चाहिए कि यहां व्यवस्थाएं किसी भी दशा में सुधरने वाली नहीं हैं। राजधानी में पिछले कुछ सालों मे सड़कों दुर्घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ा है लेकिन इसके विपरीत पुलिस की व्यवस्थाएं लगातार दम तोड़ती ही नजर आई हैं। पिछले कुछ दिनों में जनपद देहरादून में सड़कों दुर्घटना के मामलों में तेजी देखने को मिली है। खासतौर पर विकासनगर, सहसपुर एवं डोईवाला राजमार्ग एवं चकराता रोड पर ट्रकों एवं डंफरों ने जो आतंक फैलाया उसकी भेंट कई सड़कों चलते लोग चढ़ गए। यूं भी बीमारी से इतने लोग नहीं मरते जितने की सड़कों दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। उत्तराखंड भी ऐसे दर्दनाक हादसों से अछूता नहीं है। आए दिन यहां पहाड़ी मार्गो पर वाहनों के गिरने एवं इसमें कई लोगों के हताहत होने की घटनाएं प्रकाश में आती रहती हैं। न केवल पहाड़ी मार्गों बल्कि अब शहरी क्षेत्रों में भी दुर्घटनाओं का यह ग्राफ लगातार उंचाईयां छू रहा है। तेज गति के वाहन युवाओं की पसंद बन रहे हैं और यही वाहन उनकी जान के दुश्मन भी बने हुए हैं। कुछ दिन पहले ही एक ही रात में प्रदेश की राजधानी दून में तीन युवकों की सड़कों दुर्घटना में मौत हो गयी। तो दो दिन पूर्व ही दो सिपाही भी दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल हो गए। इन दुर्घटनाओं के लिए किसे जिम्मेदार मानें? पुलिस को या फिर इन युवकों को । सीधी सी बात है कि रात के समय शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ पुलिस की अनदेखी ऐसी दुर्घटनाओं का कारण बन रही है। शराब पीकर वाहन चलाना खुद के लिए तो खतरनाक होता ही है साथ ही दूसरों के लिए भी मुसीबत का कारण साबित होता है। पुलिस की ड्यूटी है कि वह नियमित तौर पर शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाए, लेकिन ऐसा होता नहीं है। रात होने के साथ ही सड़कों पर रफ्तार की जंग शुरू हो जाती है और पूरा पुलिस तंत्र कहीं नजर नहीं आता। तीन दिन पूर्व चकराता रोड पंडितवाड़ी में तेज रफ्तार बाईक की चपेट में आकर चैकी पंडितवाड़ी के प्रभारी बहुगुणा को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। मुख्यमंत्री ने खुद इस प्रकार की तेज रफ्तार पर आपत्ति जताते हुए इस दिशा में पुलिस को ठोस रणनीति बनाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन यह भी मालूम हो कि इस प्रकार के दिशा निर्देश तो अक्सर दिए जाते रहे हैं लेकिन यातायात सुधार एवं नियंत्रण के नाम पर सिवाए औपचारिता के और कुछ नहीं होता। सही मायने में वाहन चालकों में जागरूकता जगाने में भी पुलिस एवं सरकार पूरी तरह से कामयाब नहीं हुई है। बेलगाम दौड़ते वाहनों पर नकेल कसने की पूरी जिम्मेदारी पुलिस पर नहीं थोपी जा सकती है। आरटीओ और पुलिस विभाग में कहीं भी आपसी समन्वय नहीं है। जरूरी है कि जगह-जगह पर बैरियर डाल कर रात के समय चैकिंग की जाए तो इस प्रकार के कई हादसों पर रोकथाम लगाई जा सकती है। जिम्मेदारी वाहन चालक की तय है। इतनी समझ तो खुद ही होनी चाहिए कि तेज रफ्तार और शराब का सेवन कर ड्राईविंग करना खतरे से खाली नहीं है। उत्तराखंड की राजधानी में दुर्घटनाओं की संख्या तेजी से बढ रही है। स्थानीय पुलिस के पास भी ऐसी कोई कार्य योजना नहीं है कि बेलगाम वाहन चालकों पर लगाम कसी जा सके। जिम्मेदारियों की ही बातें करें तो अभिभावकों की भी भूमिका तय होनी चाहिए। अधिकांश अभिभावक बच्चों को वाहन तो उपलब्ध करा देते हैं लेकिन खुद नहीं जानते कि उनके नौनिहाल इन बाईकों को किस रफ्तार से चलाते हैं। सीधी सी बात है दुर्घटनाओं से बचाव का एकमात्र रास्ता सावधानी ही है, लेकिन नशे के आवेश में ऐसी सकारात्मक बातें याद नहीं रहती। दुर्घटनाओं में कुछ जिंदगी भर के लिए अपाहिज हो जाते हैं तो कुछ अपने परिजनों को रोता-बिलखता छोड़ कर चले जाते हैं। बात फिर भी वहीं आकर ठहर जाती है कि आखिर इस सब पर रोकथाम कैसे लगे? एक होनहार दरोगा को असमय खोने के साथ ही शायद अब उनका अपना महकमा ही गहरी नींद से जागे, लेकिन यहां समय है ही किसके पास। शाम निकलते ही दून की सड़कों पर रैश ड्राईविंग का नजारा आम है, फिर चाहे इससे किसी की जान जाए या कोई शारीरिक क्षति झेले पुलिस अधिकारियों को इससे कोई लेना-देना नहीं है।
धूमधाम के साथ मनाया गया क्रिसमस
देहरादून, 25 दिसम्बर(निस)। राजधानी में क्रिसमस की धूम रही, गिरजाघरों में सुबह से ही यीशु के जन्म की खुशी मनाई गई। सभी ने एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई दी। सभी धर्म से जुड़े लोगों ने गिरजाघरों में पहुंचकर कैन्डल जला एक दूसरे को केक खिलाया। उसके बाद लोगों ने एक दूसरे को यीशु के जन्म की बधाई दी। इसमें यीशु के जन्म से मृत्यु तक की घटनाएं सुनाई गईं। गुरू वार को सभी गिरजाघर सेंट फांसिस गिरजाघर में ग्लोरिया डेविड और उनकी टीम ने हर्षित हम आए तेरे द्वार, नमन-नमन बालक यीशु जैसे भजन सुनाए। की-बोर्ड पर जेवियर डेविड ने साथ दिया। गिरिजाघर में साढ़े दस बजे से श्रद्धांलु जुटने लगे थे। इस मौके लिए गिरिजाघरों की विशेष सजावट की गई। इस मौके पर फादर वलेरियन पिंटो ने बताया कि आज सुबह पहले अंग्रेजी और हिंदी में प्रार्थना की गई। पादरी जेपी सिंह ने बताया कि गिरिजाघर में सफेद क्रिसमस ट्री के साथ विश्व शांति की कामना की जाती है। इस दिन की तैयार कई दिन पहले से शुरू हो जाती है। सेंट जोंस गिरजाघर में भी सुबह ार्थना हुई। पादरी जेपी सिंह ने बताया कि क्रिसमस की दोपहर में विश्व शांति की कामना के साथ सद्भावना कार्यक्रम होगा।
पति व ससुरालियो पर दहेज उत्पीडन का मुकदमा
देहरादून, 25 दिसम्बर(निस)। डालनवाला थाना क्षेत्र के अंतर्गत पत्नी ने पति समेत ससुरालियों पर दहेज उत्पीडन व मारपीट, गाली गलौज का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए मामलें की जांच शुरू कर दी है। बता दे कि करनपुर निवासी एक महिला का विवाह कुछ समय पहले राजेश निवासी भिवानी हरियाणा के साथ हुआ था। विवाह के बाद से ही महिला को उसके पति व ससुरालियों ने देहेज के लिए प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। महिला ने जब उनका विरोध किया तो उसके साथ गाली गलौज व मारपीट की जाने लगी। आखिरकार थक हारकर महिला मदद के लिए पुलिस के पास पहुंची। जहां उसने पुलिस को सारी आपबीती बताई। पुलिस ने पीडि़त की शिकायत पर दहेज उत्पीडन सहित संलिप्त धाराओं में पति राजेश समेत ससुरालियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस आगे की कार्यवाही कर रही है। महिला अब अपने परिजनों के साथ रह रही है। वहीं राजपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पुलिस ने एक मादक तस्कर को गिरफ्तार किया है। जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि आरोपी क्षेत्र के शैक्षिक संस्थानों में मादक तस्करी का काम करता है। साथ ही बताया कि आरोपी जेम्स पिछले मामलों को लेकर गवाहों को जान से मारने की धमकी भी देता है। पुलिस ने आरोपी जेम्स पर मादक तस्करी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। जिसे कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।

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