नयी दिल्ली, 30 दिसंबर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने आज दावा किया कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में वित्तीय अनियमिततओं की जांच रिपोर्ट में वित्त मंत्री अरुण जेटली को क्लीन चिट नहीं मिली थी बल्कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की गयी थी। श्री आजाद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि डीडीसीए में वित्तीय अनियमितताओं की जांच करने वाले गंभीर अपराध जांच कार्यालय (एसएफआईओ) की रिपोर्ट में श्री जेटली और कई अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की गयी थी लेकिन पिछले तीन वर्षों इस संबंध में कुछ नहीं किया गया। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने दावा किया था कि इस रिपोर्ट में श्री जेटली को क्लीन चिट दी गयी है।
उन्होंने कहा कि एसएफआईओ की सिफारिश पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे साबित होता है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) कानून से ऊपर है। उन्होंने कहा कि खेल संस्थाओं को आरटीआई के दायरे में लाने के लिये पिछली सरकार एक विधेयक लाना चाहती थी लेकिन कुछ नेताओं के दबाव के कारण तत्कालीन खेल मंत्री अजय माकन ऐसा नहीं कर पाये। श्री आजाद ने इस संबंध में श्री जेटली, बीसीसीआई के सचिव और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर, राजीव शुक्ला, ज्योतिरादित्य सिंधिया, फारुक अब्दुल्ला और प्रफुल्ल पटेल का नाम लिया। इनमें से श्री पटेल को छोड़कर बाकी सभी नेता बीसीसीआई से जुड़े हैं। दरबंगा के सांसद ने इस मौके पर श्री ठाकुर को भी आड़े हाथों लेते हुये कहा कि वह एक साथ दो पदों पर नहीं रह सकते हैं। यह हितों के टकराव का मामला है। आप या तो सांसद रह सकते हैं या फिर खेल प्रशासक।

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