भारत विकास परिषद् क्षेत्र 3 के हिन्दी भवन, दिल्ली में आयोजित क्षेत्रीय अधिवेषन में बोलते हुए परिषद् के राष्ट्रीय मन्त्री पर्यावरण श्री रमेष गोयल ने उपस्थित तीनों प्रान्तों के सदस्यों व पदाधिकारियों को बताया कि पर्यावरण प्रकल्प के अन्तर्गत पौधारोपण व तुलसी वितरण ही नहीं बल्कि स्वच्छता, प्रदषण (जल, वायु ,ध्वनि आदि) पर नियन्त्रण व रोकथाम, कागज बचाना, जल उर्जा संरक्षण, पोलीथिन प्रयोग को रोकना आदि अनेक विषयों पर हमें कार्य करना है। बढ़ते प्रदूषण के कारण वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी व उसके कारण हो रहे जलवायु परिवर्तन पर प्रकाष डालते हुए उन्हांेने कहा कि पूरा विश्व इससे प्रभावित व चिंतित है।
गत दिनों फ्रांस में हुई कान्फ्रेंस इसका प्रमाण है। उन्हांेने कहा कि एक ओर असामयिक अति वर्षा के कारण बाढ़ आ रही है वहीं दूसरी ओर नदी जल व भू-जल लगातार घट रहा है जिसके लिए जल संरक्षण अति आवष्यक है। जल बचायेंगे तो बिजली स्वतः बचेगी क्योंकि जल आपूर्ति व घरों में टंकी भरने के लिए मोटरें कम चलेगी और इससे हमारा घन भी बचेगा। उन्हांेने कहा कि सौर उर्जा के अधिकाधिक प्रयोग के लिए सभी षाखाएं जनता को प्रोत्साहित करें जो सार्वजनिक स्थानों पर बैनर लगाकर व विज्ञतियां वितरित करके किया जा सकता है। दिल्ली भारत विकास परिषद् की गंगोत्री है परन्तु प्रदूषण के विशय में विश्व के सर्वाधिक प्रदूषिण नगरों में से एक है।
स्वच्छता के लिए हमें केवल इतना संकल्प करना है कि कभी खुले में कूड़ा कर्कट नहीं डालेंगे और कूड़ादान या केवल निर्धारित स्थान पर ही डालेंगे। उन्हांेने कहा कि लकड़ी से बनी वस्तुओं व कागज का कम से कम प्रयोग करें ताकि वृक्ष कम कटंे। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद् के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार वधवा ने की तथा सेवानिवृत आईएएस अधिकारी व पूर्व उप राज्यपाल तेजेन्द्र खन्ना मुख्य अतिथि थे। श्री गोयल ने जल चालीसा की प्रति श्री खन्ना को भेंट की जिस पर उन्होंने गोयल के सार्थक प्रयास की प्रषंसा की। जल चालीसा की प्रति सभी उपस्थित लोगों को वितरित गई। परिषद् के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भूपेन्द्र मोहन भंडारी व यषपाल गुप्ता, राष्ट्रीय मन्त्री अर्चना सिंगल, विनीत गर्ग, आत्मदेव, राज कुमार जैन सहित क्षेत्र 3 की अध्यक्षा षषि आन्नद व तीनों प्रान्तों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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