नयी दिल्ली 06 मई, सरकार ने आज कहा कि न्यायपालिका में अनुसूचित जाति, जन जाति और अन्य पिछडा वर्ग के लोगों को आरक्षण देने पर सहमति है। विधि मंत्री डी. वी. सदानंद गौडा ने राज्यसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। इससे पहले उन्होंने कहा कि सरकार ने उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायामूर्तियों से अनुरोध किया है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजते समय, अन्य पिछडे वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों और महिलाओं में से उपयुक्त उम्मीदवारों पर विचार किया जाए। हालांकि उन्होंने कहा कि इस संबंध में योग्य उम्मीदवार नहीं मिलते हैं।
इस इस पर बहुजन समाज पार्टी के सतीशचंंद्र मिश्रा ने कहा कि अगर न्यायपालिका में आरक्षण देने पर सभी राजनीतिक दलों में सहमति है तो इसे लागू करने में सरकार देर क्यों कर रही है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी. राजा ने कहा कि ‘योग्य उम्मीदवार का नहीं मिलना’ आपत्तिजनक है। सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। श्री गौडा ने कहा कि राष्ट्रीय पिछडा वर्ग आयोग ने सरकार से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की निचली सेवाओं के साथ साथ उच्चतम न्यायिक सेवाओं में अन्य पिछडा वर्गों के लिए 27 प्रतिशत अारक्षण प्रदान करने के लिए विचार करने का अनुराेध किया है। इस अनुरोध को दिल्ली उच्च न्यायालय को भेज दिया गया है।

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