नयी दिल्ली 06 मई, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी के नेतृत्व में सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से आज शाम मिलकर जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को समाप्त करने की मांग की। श्री येचुरी के नेतृत्व में इन सांसदों ने श्री मुखर्जी को एक ज्ञापन भी दिया जिसमें उन्होंने कहा है कि जेएनयू के छात्रों के खिलाफ मामला अदालत में लंबित है तो जेएनयू प्रशासन ने उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश क्यों की। इन सांसदों ने राष्ट्रपति से यह गुहार तब की जब मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आज राज्यसभा में दो टूक शब्दों में कहा कि वह किसी भी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगी क्योंकि यह विश्वविद्यालय की स्वायत्ता का मामला है। इसके बाद श्री येचुरी के नेतृत्व में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी. राजा, कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और जनता दल (यू) के के. सी त्यागी और पवन कुमार वर्मा एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के माजिद मेमन समेत राज्यसभा के कई सांसद राष्ट्रपति से मिले और उन्होंने ज्ञापन भी दिया।
श्री येचुरी ने पत्रकारों से कहा,“ हमें राष्ट्रपति से केन्द्रीय विश्वविद्यालय के विजिटर होने के नाते उनसे अनुरोध किया कि वह इन छात्रों के मामले में हस्तक्षेप करें क्योंकि मामला जब अदालत में विचाराधीन है तो कोई विश्वविद्यालय अपने छात्रों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही कैसे कर सकता है।” गौरतलब है कि राज्यसभा में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के कामकाज पर परिचर्चा के दौरान कल और आज कई सांसदों ने इन छात्रों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को समाप्त करने की श्रीमती ईरान से मांग की लेकिन श्रीमती ईरानी ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया।

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