सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल), 14 जनवरी, नेपाल, फ्रांस, रूस और ऑस्ट्रेलिया सहित देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु बुधवार को मकर संक्रांति पर होने वाले स्नान के लिए पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में स्थित सागर द्वीप पहुंचे हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर हुगली नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम में स्नान करने के लिए लाखों की संख्या में लोग कोलकाता से करीब 130 किलोमीटर दूर सागर द्वीप में प्रतिवर्ष जमा होते हैं। इस दिन लोग स्नान करने के बाद कपिल मुनी आश्रम में पूजा करते हैं। कुंभ मेला के बाद लोगों की संख्या के लिहाज से गंगासागर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेला है। मेले के महत्व और आकार को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरों, होवरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टरों से लैस सुरक्षा बलों ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। जिलाधिकारी पी. उलगनाथन ने बताया कि पूरी दुनिया से लोग मकर संक्रांति के मेले में आए हैं। जिला प्रशासन इस साल मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का हिसाब कलाई पर बांधे जाने वाले क्यूआर कोड युक्त बैंड की मदद से रख रहा है। उन्होंने मंगलवार को पीटीआई से कहा, ‘‘कल तक मेले में 21 लाख लोग पहुंचे थे। हमें आशा है कि यह संख्या 40 लाख तक जाएगी। नेपाल, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और रूस सहित पूरी दुनिया से श्रद्धालु आए हैं।’’ उन्होंने बताया कि मेले पर करीब से नजर रखने के लिए कुल 20 ड्रोन तैनात किए गए हैं। जिलाधिकारी ने कहा, ‘‘मुरीगंगा नदी से गाद निकालने की परियोजना पूरी होने के कारण फेरी/नौका सेवा भी बेहतर हो गई है। श्रद्धालुओं को यह सेवा रोजाना 18 से 20 घंटे तक उपलब्ध है।’’ तटरक्षक के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पांच गोताखोरों की टीम तैनात की गई है। उनके पास रबड़ ट्यूब से बनी हल्की नावें भी है, ताकि जरुरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जा सके। पश्चिम बंगाल के तट रक्षक के कमांडर और उसके उप महानिरीक्षक एस. आर. दाश ने बताया, ‘‘इसके अलावा दो होवरक्राफ्ट और छह जहाज समुद्र तट की ओर से सुरक्षा में लगाए गए हैं। त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। हवाई निगरानी अभियान पर कोलकाता से नजर रखी जा रही है।’’ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बताया कि उसने गंगासागर मेले में तीन टीमों में कुल 120 कर्मियों को तैनात किया है। बल ने एक बयान में कहा, ‘‘टीमें सागर द्वीप, केचुबेरिया और काकद्वीप में तैनात हैं। उनके पास मोटर बोट और गोताखोरी से जुड़े उपकरण भी हैं।’’
बुधवार, 15 जनवरी 2020
मकर संक्रांति पर स्नान के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगासागर में जुटे
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