जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) सरायकेला में साल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास पर चप्पल फेंके जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. हेमंत सरकार की तरफ से आरोपियों पर दर्ज केस वापस लेने पर बीजेपी ने आंदोलन की चेतावनी दी है. 1 जनवरी 2017 को सरायकेला-खरसावां जिले में आयोजित शहीद दिवस के कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री पर कुछ असामाजिक तत्वों ने अभ्रद व्यवहार किया था. इस मामले में सभी आरोपियों को नई सरकार की तरफ से क्लीन चिट दिए जाने का मामला, अब राजनीतिक रंग ले रहा है. भाजपा ने इसे गलत करार दिया है, तो वहीं इस मामले के आरोपियों में खुशी देखी जा रही है. डेमका सोय हैं आज काफी खुश हैं, आज से कुछ दिन पहले वो खुलकर घुम नहीं सकता था. क्योंकि डेमका सहित 12 लोगों पर खरसावां थाना क्षेत्र में मुख्यमंत्री पर हमला करने का आरोप लगा था और यह छिप- छिपकर रह रहे थे. काफी दिनों के बाद पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया था और जेल भेजा था. फिलहाल उस मामले में वह जेल से बेल लेकर बाहर हैं. लेकिन इन्हें जैसे ही पता चला कि हेमंत सरकार ने इस मामले को वापस लेने के फैसला लिया है तो इनमें खुशी देखी जा रही है. जानकार सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने इस फैसले को काफी गंभीरता से लिया है. हेमंत सोरेन के इस कदम को जिला भाजपा हल्के में नहीं लेने जा रही है. क्योंकि यह हमला तत्कालीन सीएम रघुवर दास पर हुआ था. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत सोरेन के इस फैसले के खिलाफ उग्र आंदोलन की चेतावनी दे डाली है.
गुरुवार, 16 जनवरी 2020

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खरसावां में सीएम पर चप्पल फेंके जाने के मामले ने पकड़ा तूल, आरोपियों को क्लीन चिट पर बिफरी बीजेपी
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