विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 17 मार्च - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 17 मार्च 2020

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 17 मार्च

कोरोना वायरस के बचाव उपायों के संदेशो का धर्मगुरू भी करेंगे प्रचार 

vidisha news
नोवल कोरोना वायरस के प्रति आमजनों को जागृत करने और उनके बीच बचाव के उपायों का अधिक से अधिक सम्प्रेषण करने के उद्वेश्य से मंगलवार को कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा धर्मगुरूओं की बैठक आहूत कर उनसे अपील की कि सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनों में आमजनों तक संदेश प्रसारित कर उन्हें जागरूक करने में सहयोग प्रद करें। कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई इस बैठक में विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओं के अलावा विदिशा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष एवं अन्य व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी तथा अधिकारी मौजूद थे।  कलेक्टर डॉ जैन ने राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस के बचाव उपायों के संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एसओपी की बिन्दुओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक जिले में किसी भी प्रकार के जुलूसों की अनुमति नही प्रदाय की जाएगी। इस माह एवं आगामी माह में अनेक धार्मिक त्यौहारों का आयोजन होना है। अतः कोरोना वायरस को देखते हुए इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों को छोटे-छोटे रूप में कर आमजनों तक वायरस से बचाव के उपायों की जानकारी धर्मगुरूओं को देने का आग्रह किया गया है। सामाजिक धार्मिक समरसता के परिवेश में हम सब त्यौहार मनाते चले आ रहे है। इस समय प्राकृतिक विषम परिस्थितियों को देखते हुए कोरोना वायरस से हम स्वंय को बचाए रखें और ऐसी ही प्रेरणा अन्य को दें। कलेक्टर डॉ जैन ने बताया कि राज्य शासन के द्वारा जारी आदेश के परिपालन में स्कूल, कॉलेज, सिनेमा, जिम, आंगनबाडी को 31 मार्च तक बंद किया जा चुका है वही अब जिले में संचालित होने वाले छात्रावासों में केवल परीक्षार्थी छात्रों को ही रूकने दिया जाएग शेष सभी छात्रों को उनके पैतृक घर पहुंचाया जाएगा। 20 से अधिक व्यक्ति एक ही जगह एक साथ उपस्थित ना हों का अक्षरशः क्रियान्वयन करने में धर्मगुरूओं का सहयोग अति आवश्यक है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने अधिकारियों की बैठक में लिए गए निर्णय का हवाला देते हुए बताया कि जिले में कोचिंग संस्थानो में भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एसओपी का पालन किया जाएगा इसी प्रकार की कार्यवाही शासकीय छात्रावास भवनों के संबंध में भी प्रस्तावित की गई है। सभी धर्मो के धर्मगुरूओं ने एक स्वर मेंं आश्वस्त कराया कि मानव जीवन के उत्थान हेतु जो भी आवश्यक कदम होंगे वे सभी उठाए जाएंगे। मानव सुरक्षित रहें यही सभी धर्मो का सार है। हम सब मिलकर इस विषम परिस्थितियों से निजात पाएंगे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के उपाय बतलाए गए है। उन पर हम स्वंय चलेंगे और दूसरों को भी चलने हेतु अभिप्रेरित करेंगे। इस दौरान अनेक धार्मिक गुरूओं द्वारा परम्परागत आयोजनों को इस बार आयोजित नही करने पर सहमति व्यक्त की गई है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के जो भी उपाय बतलाए जाएंगे उन पर हर समुदाय चलें की नैतिक जबावदेंही है। जागरूकता से हम स्वंय की सुरक्षा कर कल के भविष्य को उज्जवल बना सकते है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने कहा कि राज्य शासन द्वारा लिए गए निर्णयों का क्रियान्वयन प्रशासन द्वारा किया जाएगा। इन क्रियान्वयनों में आप सब का सहयोग अतिआवश्यक है। जिले के सभी रहवासी सुरक्षित रहें इस कार्य में प्रशासन द्वारा तमाम प्रबंध सुनिश्चित किए गए है। एहतियात के तौर पर श्रीमंत माधव राव सिंधिया जिला चिकित्सालय भवन के सामने के भवन में पृथक से ओपीडी संचालित की जा रही है जिसमें केवल सर्दी, जुकाम, खांसी अर्थात कोरोना वायरस के प्रमुख लक्षण परलिक्षित होने वाले रोग जैसे सर्दी, खांसी, बुखार, सरदर्द, गले में खराश इत्यादि प्रकार के मरीजों का ही परीक्षण चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है। उन्हें सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार होने पर भी कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के संसाधनों से अवगत कराया जा रहा है और आवश्यकता पड़ने पर ऐसे मरीजों को निःशुल्क मास्क उपलब्ध कराए जा रहे है। सर्दी, जुकाम के मरीजो को घर में ही रहने ही सलाह दी जा रही है साथ ही हाथो की साफ सफाई, बार-बार साबुन से हाथ धोने से अवगत कराया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केसी अहिरवार ने बताया कि जिला मुख्यालय पर कोरोना वायरस से आकस्मिक पीड़ित मरीजों की देखभाल हेतु पृथक से वार्ड बनाकर उसमें बीस पलंग की व्यवस्था सुनिश्तिच की गई है। कोरोना वायरस प्रभावित क्षेत्र अथवा देश से कोई व्यक्ति जिले में आता है तो चिकित्सकों द्वारा 28 दिन तक लगातार नजर रखी जाएगी। उनके लिए पृथक से वार्ड में रखने के प्रबंध सुनिश्चित किए जाएंगे। इसी प्रकार विदेशो से आने वाले नागरिकों के स्वास्थ्य का भी परीक्षण कर इस बात का पता लगाया जा रहा है कि कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से प्रभावित तो नही है। प्रारंभिक तौर उनके स्वास्थ्य पर पूर्ण निगरानी रखी जा रही है। जिला मुख्यालय के साथ-साथ खण्ड एवं तहसील स्तरीय शासकीय अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड व पलंग आरक्षित किए गए है कि जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अहिरवार ने बताया कि प्रत्येक जन चिकित्सालय में पांच-पांच तथा जन समुदाय स्वास्थ्य केन्द्रों में दो-दो पलंग आरक्षित किए गए है। पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण बहुत जल्दी फैलता है एक मानव से दूसरे मानव में कब संचार कर जाए इसका सुगमता से पता नही चलता है। उन्होंने स्वंय सुरक्षित रहें और दूसरों को सुरक्षित रखें कि तर्ज पर रोल माडल के दायित्व का निर्वहन करने की अपील संबंधितों से की है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुरक्षा के संबंध में जो उपाय बताए गए है उन सबका अनुसरण कर पालन करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने धर्मगुरूओं से भी ततसंबंध में सहयोग करने की अपील की है। इस दौरान विभिन्न धर्मगुरूओं द्वारा धार्मिक आयोजनों को नही करने पर बल देते हुए कहा कि विदिशा जिला का गौरवमयी इतिहास रहा है संकट के समय सभी धर्मबंधु मिलकर एक साथ सामना करते है। इस वायरस के प्रति अधिक से अधिक जनजागृति हो के लिए सभी धर्मगुरूओं द्वारा आश्वस्त कराया गया है। 

कोरोना वायरस क्या है
उक्त बैठक में कोरोना वायरस क्या है के संबंध में बताय गया कि विषाणुओं का समूह है जो संक्रमण से फैलता है एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में सुगमता से पहुंचा जा सकता है। 

प्रमुख लक्षण
कोरोना वायरस के प्रमुख लक्षण के संबंध में बतलाया गया कि सर्दी, खांसी, बुखार, सिरदर्द, गले में खराश इत्यादि है इसका प्रभाव छोटे बच्चों और बुर्जुग व्यक्तियों में अर्थात ऐसे व्यक्ति जिनमें प्रतिरक्षण की क्षमता कम होती है उनमें ये निमोनिया, सांस लेने में तकलीफ इत्यादि गंभीर बीमारियां उत्पन्न करता है। 

फैलता कैसे है
कोरोना वायरस संक्रमण होता है यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा द्वारा, संक्रमित व्यक्ति के निकट सम्पर्क पर कैसे छूने या हाथ मिलाने से अथवा संक्रमित सामग्रियों के सम्पर्क में आने के बाद आंख या नाक को छूने से कोरोना वायरस फैलता है। 

बचाव के उपाय
कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के संबंध में बताय गया कि संक्रमित व्यक्ति के निकट सम्पर्क में आने से बचें, अपने हाथ साबुन से बार-बार धोते रहें, सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार होने पर चिकित्सक की सलाह लें। अनावश्यक यात्रा एवं भीड़ भाड वाले स्थानों से बचें। अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नम्बर 104 पर सम्पर्क किया जा सकता है। कोरोना वायरस से डरे नही सावधान रहें, सुरक्षित रहें कि प्रेरणा स्वास्थ्य समिति के द्वारा दी गई है। 

उपार्जन कार्यो की समीक्षा 

अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने मंगलवार को जिले में उपार्जन संबंधी कार्यो के मद्देनजर किए गए प्रबंधो की समीक्षा कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में की। उन्होंने प्रत्येक उपार्जन केन्द्र पर भौतिक सुविधाएं, इलेक्ट्रॉनिक सुविधाओं की पूर्ति 20 मार्च तक अनिवार्यतः करने के निर्देश दिए है उन्होंने बताया कि 25 मार्च से समर्थन मूल्य पर खरीदी कार्य शुरू होगा।उपार्जन के मद्देनजर किए गए प्रबंधो की जानकारी देते हुए कॉ-आपरेटिव बैंक के सीईओ श्री विनय प्रकाश सिंह ने बताया कि प्रत्येक बोरे पर इस बार नीले रंग की स्याही से छापा लगाया जाएगा, उन्होंने ईपीओ (इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट आर्डर) को रिलीज करने, स्वीकृति पत्र के संबंध में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। प्रत्येक उपार्जन केन्द्र पर जिन कृषकों को एसएमएस प्रेषित कर उपज तुलाई कराने हेतु आमंत्रित किया जाएगा उन्हें सबसे पहले टोकन प्रदाय किया जाएगा। फिर तौल पर्ची, इसके पश्चात एफएक्यू-नॉनएफएक्यू की सेम्पलिंग कार्य सर्वेयर द्वारा की जाएगी। उनके द्वारा रजिस्टर में तमाम जानकारियां अंकित की जाएगी। प्रत्येक काँटे पर 50 किलो 600 ग्राम की एक-एक बोरी को तौला जाएगा जिसमें बोरी का वजन 580 से 600 ग्राम शामिल है। प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक कांटे का सत्यापन कार्य नापतौल अधिकारी के द्वारा किया जाएगा। मेप, तौल, हम्माल, कच्ची पर्ची जारी करेंगे जिस पर बोरे की संख्या एवं वजन लिखा जाएगा। इसके पश्चात् कम्प्यूटराईज जनरेट पक्की पर्ची कृषक को उपलब्ध कराई जाएगी। स्वीकृति पत्रक, उपार्जन पोर्टल पर अपलोड होते ही ईपीओ जारी होगा। भुगतान प्रक्रिया जस्ट इन टाईम (जेआईटी) के माध्यम से की जाएगी। जिसका संचालन एनआईसी के साफ्टवेयर द्वारा किया जाएगा। परिवहन, किसानों, समिति, हम्माल एवं भण्डारण के लिए 15 दिनों के अन्दर स्वीकृति पत्रक की 60 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जाएगा। किसानों के खातो का सत्यापन एनपीआईसी के माध्यम से किया जाएगा। समिति टेग का प्रारूप, उडनदस्ता एवं अन्य बिन्दुओं की जानकारियां दी गई।  प्रत्येक उपार्जन केन्द्र पर फर्स्टएड, किसानो के लिए छाया, पानी तथा सुरक्षा के उपायों को सुनिश्चित किया जाएगा। उक्त बैठक में नान, खाद्य, मार्कफेड के अधिकारीगण तथा डिप्टी कलेक्टर एवं एसडीएम तथा तहसीलदार मौजूद थे।

कलेक्टर द्वारा नगर क्षेत्र का भ्रमण किया माधव उद्यान 31 मार्च तक बंद रखने के निर्देश

vidisha newsकलेक्टर डॉ पंकज जैन ने मंगलवार की प्रातः विदिशा शहर के विभिन्न वार्डो, पीलिया नाला क्षेत्र एवं चरण तीर्थ क्षेत्र तथा माधव उद्यान में अचानक पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। कलेक्टर डॉ जैन ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी को भ्रमण के दौरान मुख्यतः निर्देश दिए है उनमें नालो की साफ सफाई, क्षेत्रों में दवा छिड़काव, समय पर कचरे का उठाव तथा वार्डो में सफाईकर्मियों की क्रास मानिटरिंग करने के प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने चरणतीर्थ के समीप स्थित शनि मंदिर में श्रद्वालुगणों की अत्यधिक भीड़ को  देखते हुए उन्होंने कोरोना वायरस को देखते हुए टुकडो में पूजा अर्चना करने की अपील की। साथ ही सुरक्षा के उपायों का पालन करने का आग्रह किया है। कलेक्टर डॉ जैन ने माधव उद्यान में भी अत्यधिक संख्या में विचरणकर्ता पाए जाने पर कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री सुधीर सिंह ने बताया कि 31 मार्च तक माधव उद्यान को बंद रखा जाएगा। 

शस्त्र लायसेंसधारको के यूनिक यूआईएन क्रमांक 31 मार्च तक जमा कराऐं दस्तावेज

भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा शस्त्र लायसेंस की जानकारी कम्प्यूटर के माध्यम से भरने एवं मॉनीटर करने के लिए एनडीएल-एएलआईएस सॉफ्टवेयर बनाया है। जिसके माध्यम से सभी शस्त्र लायसेंस के लिए एक यूनिक यूआईएन क्रमांक जारी करने का कार्य किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत ऐसे शस्त्र लायसेंस धारक जिनका शस्त्र लायसेंस 31 मार्च 2016 या उससे पहले की दिनांक को जारी किया गया है एवं उनका यूनिक यूआईएन क्रमांक अभी जारी नहीं हुआ है, ऐसे शस्त्र लायसेंस धारको को अपने आवेदन पत्र स्पष्ट एवं सही व संपूर्ण जानकारी सहित 31 मार्च 2020 तक अनिवार्य रूप से जमा कर दें, ताकि उनके आर्म्स लायसेंस का डाटाबेस ऑनलाईन फीडिंग किया जाकर विशिष्टि नम्बर (यूआईएन) सर्जित किया जा सके। नियत अवधि तक आवेदन प्राप्त नहीं होने एवं यूआईएन सर्जित न होने की दशा में उनके शस्त्र लायसेंस स्वतः निरस्त (रद्द) कर दिए जाएंगे।

आकांक्षा योजना के आवेदन 20 मार्च तक वेबसाइट पर उपलब्ध

आकांक्षा योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में आदिवासी विद्यार्थियों को राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिये आवेदन-पत्र विभागीय वेबसाइट tribal.mp.gov.in/MPTAS पर अपलोड कर दिया गया है। इच्छुक छात्र-छात्राएँ अपने आवेदन 20 मार्च  तक भर सकते हैं।  अनुसूचित जनजाति के ऐसे छात्र-छात्राएं जो कक्षा 11वीं एवं 12वीं में अध्ययनरत रहते हुए राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा जेईई, नीट्स, एम्स, क्लेट की तैयारी करना चाहते हैं, उनके लिए चार संभागीय मुख्यालयों जबलपुर, इंदौर, भोपाल एवं ग्वालियर में द्विवर्षीय निःशुल्क कोचिंग दिए जाने हेतु आकांक्षा योजना संचालित है। 

नरवाई से जैविक खाद भू-नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट बनाने की सलाह

कृषि विभाग द्वारा जिले के किसानों को गेहूँ की फसल काटने के बाद बचे हुए अवशेष (नरवाई) नहीं जलाने की सलाह दी गई है। नरवाई जलाने से एक ओर जहां खेतों में अग्नि दुर्घटना की संभावना रहती है वहीं मिट्टी की उर्वरकता पर भी विपरीत असर पड़ता है। इसके साथ ही धुएँ से कार्बन डायआक्साइड से तापक्रम बढता है ओर वायु प्रदूषण भी होता है। मिट्टी की उर्वरा परत लगभग 6 इंच की ऊपरी सतह पर ही होती है इसमें खेती के लिए लाभदायक मित्र जीवाणु उपस्थित रहते हैं। नरवाई जलाने से यह नष्ट हो जाते हैं, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति को नुकसान होता है। नरवाई जलाने की बजाए यदि फसल अवशेषों और ड़ठलो को एकत्र कर जैविक खाद जैसे भू-नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट आदि बनाने में उपयोग किया जाए तो यह बहुत जल्दी सड़कर पोषक तत्वों से भरपूर खाद बना सकते है। इसके अतिरिक्त खेत में कल्टीवेटर, रोटावेटर या डिस्क हेरो की सहायता से फसल अवशेषों को भूमि में मिलाने से आने वाली फसलों में जीवांश के रूप में बचत की जा सकती है। इसके लिए किसान हलधर योजना का लाभ लेकर गहरी जुताई भी कर सकते है। किसान सामान्य हार्वेस्टर से गेहूँ कटवाने के स्थान पर स्ट्रारीपर एवं हार्वेस्टर का उपयोग करे तो पशुओं के लिये भूसा व खेत के लिये बहुमूल्य पौषक तत्वों की उपलब्धता बढने के साथ मिट्टी की संरचना को बिगड़ने से भी बचाया जा सकता है।

सभी सरकारी और निजी महाविद्यालयों में ऑनलाइन होगा एडमिशन

शैक्षणिक सत्र 2020-21 में सभी सरकारी और निजी महाविद्यालयों में ऑनलाइन एडमिशन होंगे। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा ई-प्रवेश प्रक्रिया स्नातक स्तर पर 11 मई से तथा स्नातकोत्तर स्तर पर 21 मई  से तीन चरणों में आयोजित की जायेगी। पहले चरण में प्रवेश प्रक्रिया तथा अन्य दो चरणों में केन्द्रीयकृत कॉलेज लेवल काउंसलिंग (सी.एल.सी) प्रस्तावित होगी। आवेदक पंजीयन के समय अधिकतम 9 के स्थान पर 15 महाविद्यालयों, पाठ्यक्रमों का चयन कर च्वाईस फिलिंग कर सकेंगे। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के प्राचार्यों को समय-सीमा में परीक्षाएँ आयोजित करने तथा परीक्षा परिणाम घोषित करने के निर्देश दिये गये हैं। ई-प्रवेश प्रक्रिया के अन्तर्गत 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक सभी महाविद्यालयों को पोर्टल पर पाठ्यक्रम, विषय, अनापत्ति प्रमाण-पत्र तथा विश्वविद्यालयों की संबद्धता अपलोड करना अनिवार्य होगा। 

डायवर्सन की राशि 31 मार्च तक जमा कराने के निर्देश

मध्यप्रदेश शासन द्वारा भू-राजस्व संहिता में गत 25 सितम्बर, 2018 से कई संशोधन किये गये हैं। भूमि के व्यपवर्तन के पश्चात प्रति वर्ष व्यपवर्तित भूमि पर भू-भाटक एवं पंचायत उपकर शासन के खाते में जमा करना होता है। नवीन संशोधन के पूर्व भू-भाटक एवं पंचायत की बकाया  राशि पर ब्याज नहीं देना पडता था, किन्तु म.प्र. शासन के पत्र द्वारा नवीन संशोधन के पश्चात संहिता की धारा- 143 के प्रावधानों के अनुसार यदि भू-राजस्व का भुगतान नियत कालावधि में नहीं किया जाता है तो बकाया पर प्रथम बारह मास के लिये 12 प्रतिशत और उसके पश्चात् की अवधि के लिये 15 प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण ब्याज भुगतान की तिथि 31 मार्च, 2020 तक  देय होगा। राज्य शासन द्वारा दिये गये लक्ष्य की पूर्ति करने हेतु कलेक्टर के निर्देशन में सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार प्रयासरत हैं। डायवर्सन की बकाया राशि शासन हित में जमा करने हेतु प्रशासन के साथ ही व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी व्यपवर्तित भूमिधारकों की है कि वह समय-सीमा 31 मार्च के पूर्व भू-भाटक एवं पंचायत की राशि शासन के खाते में जमा करायें और अनावश्यक बकाया की राशि पर ब्याज देने से बचें। 

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