वाराणसी : कमीश्नर व डीएम के नाम की फर्जी आईडी से मांगी जा रही मदद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 15 मई 2022

वाराणसी : कमीश्नर व डीएम के नाम की फर्जी आईडी से मांगी जा रही मदद

  • जालसाज ने 9797370756 पर दीपक अग्रवाल की की फोटो लगा कर बनाया है फ़र्ज़ी प्रोफाइल 
  • कमिश्नर के सरकारी फ़ोन की कांटेक्ट लिस्ट के अधिकारियों और व्यक्तियों के मोबाइल पर व्हाट्सएप्प मैसेज करके गिफ्ट और धनराशि मांगने के भेज रहा है मैसेज 
  • डीएम कौशलराज शर्मा ने लोगों से इस फर्जी प्रोफाइल से सतर्क रहने की किया अपील 

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वाराणसी (सुरेश गांधी) ठगी की घटनाओं की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। ठग लोगों की कमजोरियों और असावधानी का फायदा उठा कर उन्हें लाखों, करोड़ों की चपत लगा रहे हैं। लेकिन ताज्जुब इस बात का है कि हौसलाबुलंद ये ठग अब अधिकारियों को भी नहीं बख्श रहे है। ताजा मामला वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल व जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा का है। लोग इस जालसाज के झांसे में आएं उससे पहले जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने मीडिया को जारी विज्ञप्ति में इस ठग का खुलासा किया है।  जिलाधिकरी ने कहा है कि किसी असामाजिक व्यक्ति ने मंडल आयुक्त वाराणसी दीपक अग्रवाल के नाम से एक प्राइवेट मोबाइल नंबर 9797370756 पर उनकी फोटो लगा कर फ़र्ज़ी प्रोफाइल बनाया है। इस फर्जी आईडी से उनके सरकारी फ़ोन की कांटेक्ट लिस्ट के अधिकारियों और व्यक्तियों के मोबाइल पर व्हाट्सएप्प मैसेज करके गिफ्ट और धनराशि मांगने के मैसेज भेज रहा है। इसी प्रकार जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा के नाम से एक दूसरे प्राइवेट मोबाइल नंबर 7286907727 पर उनकी फोटो लगा कर फ़र्ज़ी प्रोफाइल बनाया है। और उनके सरकारी फ़ोन की कांटेक्ट लिस्ट के अधिकारियों और व्यक्तियों के मोबाइल पर व्हाट्सएप्प मैसेज करके गिफ्ट और धनराशि मांगने के मैसेज भेजे जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने कहा है कि ये दोनों मोबाइल नंबर फ़र्ज़ी हैं। इनकी लोकेशन जम्मू कश्मीर के पाकिस्तान बॉर्डर पर बताई जा रही है। इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि इस नंबर से आई किसी भी डिमांड को ना मानें। इसकी शिकायत साइबर सेल को कर दी गई है। यह कोई देश विरोधी व्यक्ति हो सकता है, इसको ट्रेस करने में मदद करें। बता दें, जालसाज नित नए-नए हथकंडों के जरिए ठगी की कोशिश कर रहे हैं। कभी रिवॉर्ड, कभी अच्छा प्रीमियम, कभी कैशबैक आदि का लालच जालसाज लोग, ग्राहकों को देते हैं। फोन कॉल, एसएमएस, ईमेल जैसी टेक्नोलॉजी की मदद से साइबर ठगी को अंजाम दिया जा रहा है। कॉल स्पूफिंग की भी मदद ली जा रही है। जालसाज ऐप के जरिए कॉल को स्पूफ करते हैं और ग्राहकों को वह नंबर शो होता है, जिसे जालसाज दिखाना चाहते हैं। ग्राहकों को लगता है कि बैंक या किसी कंपनी के आधिकारिक कस्टमर केयर नंबर से कॉल या मैसेज आया है, इसलिए वे प्रतिक्रिया देते हैं और फिर जालसाजों के झांसे में आ जाते हैं। अगर ग्राहक थोड़ी सी सावधानी बरतें तो फ्रॉड से बचा जा सकता है।


बचने के उपाय 

ठगी से बचने का सबसे बेस्ट तरीका है कि फोन पर किसी को भी अपने बैंक खाते या कार्ड की डिटेल न दें। मदद मांगने वाले व्यक्ति से तुरंत संपर्क करें। हालांकि बैंक आए दिन यह सूचना ग्राहकों को देते रहते हैं कि बैंक अधिकारी ग्राहकों से कभी भी फोन, मैसेज, ईमेल या किसी लिंक के जरिए उनकी बैंकिंग डिटेल्स नहीं मांगते हैं। इसलिए ग्राहकों को कॉल पर किसी को भी बैंकिंग डिटेल्स देने से बचना चाहिए। कुछ मामलों में यह भी देखा गया कि जालसाज बैंककर्मी या कंपनी का अधिकारी बनकर कॉल करता है और समस्या के समाधान के लिए एक लिंक भेजता है। लिंक पर क्लिक करने पर फॉर्म खुलता है और उसमें कुछ डिटेल्स भरने को कहा जाता है। अगर आपने उसमें डिटेल भरकर भेज दीं तो आपका अकाउंट खाली हो जाता है। इसलिए फोन पर आए हर किसी लिंक पर क्लिक न करें और न ही कोई फॉर्म भरें, खासकर तब जब लिंक किसी अनजान नंबर से आया हो।



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