रांची : दिशोम गुरु शिबू सोरेन आदिवासी, जनजातीय समाज सहित झारखंड की आवाज थे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 8 अगस्त 2025

रांची : दिशोम गुरु शिबू सोरेन आदिवासी, जनजातीय समाज सहित झारखंड की आवाज थे

  • नेमरा पहुंच राज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि 
  • 4 अगस्त को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में हुआ निधन, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने अस्पताल पहुंच किया था अंतिम दर्शन

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रांची , 8 अगस्त, (विजय सिंह)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन, आदिवासी व जनजाति समाज के साथ पूरे झारखंड की आवाज थे, उनके निधन से एक रिक्तता का आभास हो रहा है Iगुरुवार को दिवंगत नेता के पैतृक निवास , रामगढ़ स्थित नेमरा गांव में पहुंच कर झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने स्वर्गीय शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देते हुए उक्त विचार व्यक्त किए I उधर दिवंगत शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म के रीति रिवाजों का परिवार सहित निर्वहन कर रहे उनके बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सोशल मीडिया पर भावनात्मक संदेश लिखते हुए, पिता के निधन से हुई रिक्तता को जाहिर किया है I हेमंत सोरेन ने लिखा कि उनके पिता सिर्फ एक अभिभावक ही नहीं, बल्कि एक आदर्श, पथप्रदर्शक थे, जिन्होंने उन्हें हमेशा कठिन परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारने का हौसला सिखाया है I राज्य की सत्ता में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सहयोगी कांग्रेस पार्टी ने भी गुरुवार को रांची के कांग्रेस भवन में दिशोम गुरु शिबू सोरेन की याद में आयोजित शोक सभा में  राज्य कांग्रेस के  अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, सुबोध कांत सहाय, राधाकृष्ण किशोर, डा. इरफान अंसारी, सीरीबेला प्रसाद, राकेश सिन्हा ,बन्ना गुप्ता, राजेश कच्छप आदि ने स्व. सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की I


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बताते चलें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का विगत सोमवार 4 अगस्त को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया था I 11 जनवरी 1944 को जन्में शिबू सोरेन ने  झारखंड अलग राज्य के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और आंदोलन के दरम्यान कई बार जेल भी गएI वर्ष 2006 में डा. मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार में शिबू सोरेन देश के कोयला मंत्री भी रह चुके हैं। सन् 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड बनने के बाद 2 मार्च 2005 को शिबू सोरेन राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री बने, हालांकि, बहुमत सिद्ध नहीं कर पाने की वजह से मात्र 10 दिन ही वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ पाए और 12 मार्च 2005 को उन्हें त्यागपत्र देना पड़ा। केंद्र की राजनीति से पुन: राज्य में सक्रियता से वे दुबारा 27 अगस्त 2008 से 19 जनवरी 2009 तक झारखंड के मुख्यमंत्री पद पर रहे। इसके बाद 30 दिसंबर 2009 से 1 जून 2010 तक श्री सोरेन ने राज्य के मुख्यमंत्री पद को सुशोभित किया।


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देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिबू सोरेन के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए उन्हें आदिवासियों और पिछड़ों का हितैषी बताया I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिबू सोरेन के निधन पर शोक प्रकट किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वंय सर गंगाराम अस्पताल पहुंच कर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की थी और उनके गमगीन बेटे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ढा़ढस बंधाया था I इस दौरान प्रधानमंत्री से मिलकर हेमंत सोरेन काफी भावुक हो गए थे I हेमंत  सोरेन ने अपने पिता के निधन पर कहा कि , "आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूँ...।" शिबू सोरेन आठ बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं I शिबू सोरेन के निधन पर झारखंड में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है I स्वर्गीय शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार मंगलवार, 5 अगस्त को उनके पैतृक निवास, झारखंड के रामगढ़ स्थित नेमरा गांव में संपन्न हुआ।

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