सीहोर: कुबेरश्वरधाम पर भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 10 अगस्त 2025

सीहोर: कुबेरश्वरधाम पर भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम

  • कंधे पर कांवड़ और 400 किमी की पैदल यात्रा, बोल बम के नारे के साथ जल लेकर पहुंचे शिव भक्त

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सीहोर। जिला मुख्यालय के समीपस्थ कुबेरेश्वरधाम पर इन दिनों सावन के पश्चात भी भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम दिखाई दे रहा है। महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में कांवड़ लेकर श्रद्धालु पहुंच रहे है। हर तरफ हर-हर महादेव का जयकारा गूंज रहा है, कांवड़िए अपने कंधे पर कांवड़ लेकर आते-जाते दिख रहे हैं, हम आपको ऐसे कांवड़ियों के दल के बारे में बता रहे हैं, जो सैकड़ों किलोमीटर दूर से कांवड़ में पवित्र जल लेकर भोलेनाथ को जलाभिषेक करने के लिए आए है और रविवार को इन श्रद्धालुओं ने आस्था और उत्साह के साथ पूजा अर्चना की ओर बाबा का अभिषेक किया। विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि महाराष्ट्र के अकोला निवासी राजेश ने बताया कि वह करीब 400 किलोमीटर से अधिक पैदल चलकर धाम पर पहुंचे है। भव्य प्रतिमा से सुसज्जित करीब 200 किलो वजनी पालकी को कंधे पर उठाकर चलना, इन कांवड़ियों के लिए सिर्फ भक्ति का प्रतीक नहीं बल्कि भोलेनाथ की कृपा का प्रत्यक्ष प्रमाण है। पांच कांवडियों ने विशेष पूजा अर्चना की। इस मौके पर समिति की ओर से पंडित विनय मिश्रा सहित अन्य ने कांवड लेकर पहुंचे इन श्रद्धालुओं का स्वागत और सम्मान किया।


रविवार को पहुंचे 20 हजार से अधिक श्रद्धालु

श्री दीक्षित ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की प्रेरणा से इस कलियुग में एक बार फिर से शिव युग की वापसी हुई है। देश और विदेश में भगवान शिव के मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है और सनातन धर्म मजबूत होकर उभर रहा है। रविवार को भादो का पहला दिन था और पंडित श्री मिश्रा ने भुजारिया पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं से भेंट की। सावन माह का समापन शनिवार को हो गया है इसके साथ ही भादों माह की शुरुआत हो गई है। सावन के समापन के साथ ही भादों माह के वात, त्योहार और धार्मिक आयोजन शुरू हो जाएंगे। इस माह में कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी जैसे प्रमुख पर्व आते हैं। हालांकि, महाराष्ट्रीयन समाज के लिए सावन का रंग अभी फीका नहीं पड़ेगा। उनके पंचांग के अनुसार सावन माह अभी आगामी दिनों तक चलेगा। वहीं प्रतिदिन बड़ी संख्या में महाराष्ट्र के श्रद्धालु बाबा का आशिर्वाद लेने और अभिषेक करने पहुंचेंगे। इसके लिए समिति ने मंदिर परिसर में इंतजाम किए है। वहीं रविवार को करीब 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को शुद्ध घी के लड्डू के साथ भोजन-प्रसादी का वितरण किया गया। 

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