पोस्ट ऑफिस अब नए चेहरे में : सिब्बल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 31 जुलाई 2011

पोस्ट ऑफिस अब नए चेहरे में : सिब्बल

हर गांव और शहर में अपनी मौजूदगी से हमारी यादों का हिस्सा बन चुका पोस्ट ऑफिस अब जल्द ही बिल्कुल नए चेहरे में नजर आएगा। सरकार ने देश में मौजूद 1.5 लाख डाकघरों को बैंक में तब्दील करने की योजना बनाई है। सरकार का मकसद आधुनिक बैंकिंग सुविधाओं को दूरदराज के लोगों तक पहुंचाना है।

दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने बताया कि हम डाक विभाग को कमर्शलाइज करना चाहते हैं। हम इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से लाइसेंस मांगेंगे। गांवों में आधुनिक बैंक सुविधाओं का अभाव है। ऐसे में लोगों को पैसों की जरूरत पूरा करने के लिए अपने किसी जानकार से उधार लेना पड़ता है। उन्हें पैसे जमा करने में भी दिक्कत आती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह योजना तैयार की है। सिब्बल ने कहा कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पूरे देश में हर जगह अपनी ब्रांच नहीं खोल सकता, लेकिन डाकघर तो गांव-गांव में मौजूद हैं। ऐसे में अगर हम इन डाकघरों में बैंकिंग सुविधा शुरू करते हैं, तो लोगों को इससे काफी फायदा होगा।

अभी डाकघरों में केवल फाइनैंशल सर्विस जैसे सेविंग्स बैंक, पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस, पेंशन पेमेंट और मनी ऑर्डर आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं। 31 मार्च 2011 तक इनकी कुल जमा राशि 5,82,832 करोड़ रुपये थी। डाक विभाग का रेवेन्यू भी पिछले साल के 6,266.70 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,954 करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि कुछ सर्कल में निगेटिव ग्रोथ से विभाग का घाटा 6,625 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो उसके कुल सालाना रेवेन्यू के बराबर है।

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