येदुरप्पा के आगे नतमस्तक भाजपा. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 30 जुलाई 2011

येदुरप्पा के आगे नतमस्तक भाजपा.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कथित रूप से कुछ ऐसे लोगों के नामों की सूची सुझायी है जो उनका स्थान लेंगे. येदियुरप्पा ने यह सूची ऐसे समय में सुझायी है जब भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया कि वह पार्टी की प्रदेश इकाई का भी नेतृत्व नहीं करेंगे. पार्टी सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए विकल्प अभी भी खुला हुआ है तथा इसके लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों अरुण जेटली, राजनाथ सिंह तथा येदियुरप्पा खेमे के बीच बातचीत जारी है. येदियुरप्पा ने स्पष्ट रूप से केंद्रीय नेतृत्व को बता दिया है कि वह अपना त्यागपत्र कल सौंप देंगे. उन्होंने कुछ नाम सुझाये हैं और कहा है कि यदि उनके सुझाये नामों की सूची से चयन किया जाता है कि तो वह विरोध नहीं करेंगे.

मुख्यमंत्री पद के लिए दौड़ में कानून एवं न्याय मंत्री सुरेश कुमार एस, उडिपी से सांसद एवं कर्नाटक भाजपा इकाई के अध्यक्ष सदानंद गौड़ा और उच्च शिक्षा मंत्री वी एस अचार्य शामिल हैं. कुमार को एक साफ छवि वाला नेता बताया जा रहा है और वह संघ के नजदीकी भी हैं. यद्यपि उन्हें कद्दावर नेता नहीं माना जाता. इसके साथ ही वह जाति से ब्राह्मण हैं. इस जाति की राज्य में संख्या बहुत अधिक नहीं है.

गौड़ा को लेकर पार्टी केंद्रीय नेतृत्व में दो मत हैं. उन्हें मधुरस्वभाव का माना जाता है इसलिए माना जाता है कि विरोधियों की आवाज को दबाने में सफल नहीं होंगे. पार्टी में कुछ लोगों कामानना है कि वह एक कुशल प्रशासक साबित नहीं होंगे. सूत्रों का कहना है कि जाति से ब्राह्मण आचार्य पार्टी में काफी लोगों को स्वीकार है लेकिन मुख्यमंत्री की दौड़ में वह पिछड़ रहे हैं. पार्टी में कुछ लोगों ने येदियुरप्पा के नजदीकी शोबा करंदलाजे का नाम सुझाया लेकिन स्वयं मुख्यमंत्री की उनमें कोई दिलचस्पी नहीं है. इसलिए उनका नाम छोड़ दिया गया.इसे मुख्यमंत्री के रुख में नरमी लाए जाने के तौर पर देखा जा रहा है.

महत्वपूर्ण बात यह है कि उत्तराधिकार के मुद्दे पर येदियुरप्पा के वफादार जिन कुछ मंत्रियों और विधायकों ने अपनी राय देने के लिए केंद्रीय नेताओं से मिलने से इंकार कर दिया था, उन्होंने अब अपना मन बदल दिया है. मुख्यमंत्री के खेमे ने कल 74 विधायकों के समर्थन का दावा किया था. ऐसा समझा जा रहा है कि यह संख्या अब कम हो गई है. गृह एवं परिवहन मंत्री आर अशोक ने कहा, ‘जो लोग कल मुख्यमंत्री के खेमे में थे, वे अब यहां आ गए हैं. आपने उन्हें देखा है.’ अशोक को येदियुरप्पा विरोधी खेमे का माना जाता है. सूत्रों ने बताया कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने येदियुरप्पा को स्पष्ट कर दिया है कि चूंकि राज्य में कौन अगला मुख्यमंत्री होगा इसमें उनकी बात चलेगी इसलिए वह खुद पार्टी की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनने की मांग को छोड़ देंगे. इसका मतलब यह होगा कि ईश्वरप्पा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे.

येदियुरप्पा के करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने राज्यपाल हंसराज भारद्वाज से अपराह्न एक बजे के बाद मुलाकात का समय मांगा है. उस समय ज्योतिष कैलेंडर के अनुसार अशुभ घड़ी खत्म हो जाएगी. इसके बाद वह इस्तीफा देंगे. सूत्रों ने बताया कि येदियुरप्पा के उत्तराधिकारी के संबंध में तस्वीर कल साफ होगी. कर्नाटक में नेतृत्व मुद्दे पर गतिरोध को खत्म करने के प्रयासों के तहत जेटली, राजनाथ और पार्टी में उनके सहयोगी वेंकैया नायडू ने पार्टी विधायकों और सांसदों के साथ विचार-विमर्श किया. अवज्ञा का संकेत देते हुए येदियुरप्पा ने कल अपने वफादार विधायकों और मंत्रियों को लामबंद किया था. ये लोग उन्हें पद पर बनाए रखने के लिए जोर दे रहे थे. इसने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को उलझन में डाल दिया था.

इस बीच, शिमला में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शांता कुमार ने आज येदियुरप्पा को सलाह दी कि वह पार्टी के फैसले का पालन करें और बिना किसी और विलंब के इस्तीफा दे दें. गौरतलब है कि शांता कुमार ने हाल में येदियुरप्पा को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग कर पार्टी नेतृत्व को असमंजस में डाल दिया था.

कोई टिप्पणी नहीं: