करोड़ों रुपये के कुख्यात चारा घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने यहां मंगलवार को 64 लोगों को दो से पांच वर्षो के कारावास की सजा सुनाई।
एक अधिकारी ने कहा कि पशुपालन विभाग के 23 अधिकारियों सहित ये सभी 64 व्यक्ति रांची के डोरंडा सरकारी खजाने से 12.22 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने के आरोपी थे। सीबीआई न्यायालय के न्यायाधीश एनएन सिंह ने दोषियों पर तीन लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी ठोक दिया।
सीबीआई ने 2000 में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप 2004 में तय किए गए थे। चारा घोटाला 1990 के अंतिम दिनों में सामने आया था। अधिकारियों और नेताओं ने चारा खरीदने की आड़ में अवैध तरीके से सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये की धनराशि निकाल ली थी। इस घोटाले में कुल 61 मामले दर्ज किए गए थे और बिहार से झारखण्ड के अलग होने के बाद 53 मामले झारखण्ड स्थानांतरित कर दिए गए थे। मंगलवार के फैसले के साथ ही रांची में सीबीआई की विभिन्न अदालतें 40 मामलों में फैसले दे चुकी हैं। बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्री, लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र पांच मामलों में आरोपी हैं। दोनों के खिलाफ विभिन्न सीबीआई अदालतों में सुनवाई चल रही है।
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