कांग्रेस योग गुरु बाबा रामदेव पर बीजेपी और आरएसएस का एजेंट होने का आरोप लगाती रही है लेकिन, अब बाबा खुलकर बीजेपी के समर्थन में उतर आए हैं। रामदेव ने बीजेपी को दूसरों दलों से ज्यादा अच्छा बताते हुए उसे वोट देने की अपील की है। रामदेव का दावा है कि बीजेपी कालेधन के मुद्दे पर दूसरे दलों की तुलना में ज्यादा गंभीर है।
स्वामी रामदेव के मुताबिक, 'कालेधन के मुद्दे पर बीजेपी हमारी मांगों से 100 फीसदी सहमत है. ऐसे में लोगों को उसका साथ देना चाहिए और जिन लोगों को इस मांग पर आपत्ति है जनता उन्हें सबक सिखाए। इससे पहले स्वामी रामदेव ने कभी भी बीजेपी का इस अंदाज में समर्थन नहीं किया था। हालांकि वो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को भी कालेधन के मुद्दे पर गंभीर बता रहे हैं। लेकिन सबको पता है कि उत्तराखंड में असली लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही है और रामदेव की साफ राय है कि जनता को बीजेपी को मौका देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों में कमोबेश भ्रष्टाचार है, लेकिन बीजेपी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी काले धन को भारत वापस लाना चाहती है इसलिए जनता को उसे मौका देना चाहिए।
स्वामी रामदेव का दावा है कि उन्होंने कालेधन और भ्रष्टाचार के सात मुद्दों पर सभी दलों को पत्र लिखा था, लेकिन केवल बीजेपी अध्यक्ष नीतिन गडकरी और सीपीआई नेता ए बी वर्धन ने इस मसले पर गंभीरता दिखाई। उन्होंने कहा कि मुझे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गडकरी ने पत्र लिखकर कालेधन के मुद्दे पर हमारी मांगों पर सहमति जताई है। इसके साथ ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के एबी वर्द्धन भी हमारे साथ हैं। स्वामी रामदेव और कांग्रेस के बीच छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। खासकर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के साथ जुबानी जंग तो जग जाहिर है। देहरादून में भी स्वामी रामदेव ने अपने विरोधियों पर निशाना साधा। हालांकि इस मौके पर उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया।
रामदेव ने कहा कि मैं राजनीतिक गुंडों और पार्टी के राक्षसों के निशाने पर हूं। देहरादून में भी स्वामी रामदेव ने कालेधन के मुद्दे पर कांग्रेस को जमकर कोसा। उनके मुताबिक, 'बहुत आश्चर्य की बात है कि भ्रष्टाचार और काले धन के मुद्दे पर एक ही पार्टी को आपत्ति है।' स्वामी रामदेव चुनाव वाले सभी पांच राज्यों में मतदाता जागरुकता कार्यक्रम चलानेवाले हैं, लेकिन इस कार्यक्रम की शुरुआत में ही उन्होंने जिस तरह से बीजेपी की वकालत की है वो कांग्रेस को काफी नागवार गुजरनेवाली है। अब देखना है कि कांग्रेस स्वामी रामदेव की इन चुनौतियों का किस अंदाज में जवाब देती है।
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