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मंगलवार, 24 जनवरी 2012

पाक के साथ सामान्य सम्बन्ध आसान नहीं.


अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ विश्वास में आई कमी को दूर करने के लिए भारत ने गंभीर प्रयास किए हैं। पाकिस्तान के साथ भारत के जटिल संबंधों के इतिहास का जिक्र करते हुए राव ने भावी कठिन चुनौतियों को लेकर चिंता जाहिर की। 
    
निरुपमा राव ने कहा कि हम बहुत ही सतर्क, गंभीर और ईमानदार प्रयास कर रहे हैं ताकि पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों को लेकर विश्वास में आई कमी दूर हो सके और सामंजस्यपूर्ण प्रक्रिया को सामान्य तरीके से आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि हालांकि यह आसान नहीं होगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा आगे कई कठिन चुनौतियां हैं। हम समझते हैं। इनके बारे में हम यथार्थवादी हैं।
    
निरुपमा ने कहा कि अपने पड़ोसी पाकिस्तान के साथ छह दशक से अधिक समय में भारत के कठिन, जटिल और उतार चढ़ाव भरे संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा लेकिन व्यापार और उद्योग संबंधों को बढ़ाने की जरुरत है और दोनों देशों के बीच यात्रा भी बिना किसी बाधा के हो। अमेरिका में भारत की राजदूत ने कहा जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में, हम विश्वास बहाली उपायों पर सतर्कतापूर्वक काम कर रहे हैं ताकि नियंत्रण रेखा के दोनों ओर व्यापार, बेहतर परिवहन सुविधाएं हो सकें जिससे लोगों का एकदूसरे से आसानी से संपर्क हो सके।
    
निरुपमा ने कहा लेकिन मूल रूप से मुझे लगता है कि हमने पाकिस्तान पर इस बात के लिए जोर दिया है कि आतंकवाद के मुद्दे पर उन्हें कार्रवाई करने की जरुरत है। इससे आज खुद उनके लिए ही खतरा है। मेरे विचार से, वह उसे भलीभांति समझते हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का खतरा इसके हर ओर फैलने तथा सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार की आशंका के चलते और बढ़ जाता है। अमेरिका में भारत की राजदूत ने कहा हमारे पड़ोस में गोपनीय तरीके से परमाणु प्रसार के खतरे का हम पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि भारत परमाणु सुरक्षा बढ़ाने के लिए रचनात्मक रूप से अंतरराष्ट्रीय प्रयासों से जुड़ा है। दीर्घकालिक संदर्भ में इस खतरे से सार्वभौमिक और गैर भेदभावपूर्ण तरीके से निरस्त्रीकरण के जरिये ही निपटा जा सकता है, जिसके लिए भारत को वर्षों से जाना जाता है।
    
निरुपमा ने कहा जैसा कि अमेरिका देखता है, भारत इस क्षेत्र में स्थिरता के एक स्तंभ के तौर पर खड़ा है। वह वैश्विक शक्ति के रुप में भारत के तार्किक विचार शीर्षक वाले एक सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। इस सम्मेलन का आयोजन सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी ने द जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ संयुक्त रूप से किया था। निरुपमा ने कहा कि भारत उप महाद्वीप के भूगोल को उम्मीद के भूगोल में बदलना चाहता है। उन्होंने कहा हम चाहते हैं कि हमारे विकास में वृद्धि से मिलने वाले लाभ का फायदा हमारे पड़ोसियों को भी हो। 

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