ओड़िशा, एनसीटीसी मामले में केन्द्र सरकार जिस तरह का व्यवहार कर रही है , वह राज्यों के लिए कत्तई ग्रहणीय नहीं है। मुख्यमंत्री ने इस विषय में दुबारा पत्र लिखा है, उन्होने अपने पत्र में लिखा है कि केन्द्र सरकार ने राज्यों पर एनसीटीसी जबरन थोपने जैसा कार्य किया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एनसीटीसी मामले में प्रधानमंत्री के नाम दूसरी चिट्ठी लिखकर इस मुद्दे पर राज्यों के साथ आलोचना करने की मांग रखी है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ पूरे देश में संयुक्त तौर पर लड़ाई लड़ने की आवश्यकता है । मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि तीन फरवरी को केन्द्र सरकार द्वारा एनसीटीसी मामले में जारी निर्देश को तुरन्त वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने पत्र में लिखा है कि देश के नागरिक के तौर पर वे भी आतंकवाद का विरोध करते हैं, मगर आतंकवादी विरोधी कार्यक्रम का राजनीतिकरण के विरोध में खड़े हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश को तुरन्त वापस लेते हुए एनसीटीसी मामले में राज्यों के साथ सलाह मशविरा कर कानून में संशोधन किया जाए और संशोधित कानून लागू करने को अलग से निर्देश जारी किया जाए। इस मुद्दे पर वर्तमान केन्द्र सरकार बैकफुट पर आई दिखाई दे रही है। गौरतलब है कि ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एनसीटीसी मामले में पहली बार केन्द्र के निर्देश को गलत बताते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था और सभी गैरकांग्रेसी मुख्यमंत्रियों को लामबंद करने का काम किया था। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के आह्वान पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, गुजरात की मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, बिहारी के मुख्यमंत्री नितीश कुमार, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता सहित 10 राज्यों के मुख्यमंत्री केन्द्र के निर्णय को गलत बताते हुए अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा दुबारा पत्र लिखे जाने का क्या परिणाम होता है, यह तो समय ही बताएगा।
(प्रफुल्ल मिश्र)
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