आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले की जांच के लिए जांच आयोग गठित किए जाने के एक साल बाद महाराष्ट्र सरकार ने आयोग से एक अंतरिम रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार ने दो सदस्यीय जांच आयोग के समक्ष इस सिलसिले में एक अर्जी दायर की है। इसके जरिए 13 मुददों से उन दो की अंतरिम रिपोर्ट मांगी गई है जिसकी जांच न्यायिक आयोग कर रहा है।
इन दोनों मुद्दों में प्रथम के तहत दक्षिण मुंबई में उस भूमि का मालिकाना हक शामिल है जिसपर 31 मंजिला आदर्श भवन खड़ा है। वहीं, दूसरे मुद्दे के तहत इस बात की जांच की जानी थी कि क्या यह भूमि कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं और उनके रिश्तेदारों के लिए आरक्षित रखी गई थी।
सेवानिवृत न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेए पाटील के नेतृत्व वाला आयोग 24 फरवरी को इस अर्जी की सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि घोटाले के उजागर होने पर सरकार ने पिछले साल जनवरी में आयोग का गठन किया था। जांच आयोग को तीन महीने के अंदर अपना काम पूरा करना था लेकिन इसके कार्यकाल में समय समय पर विस्तार किया गया। आयोग द्वारा अब मई 2012 में रिपोर्ट सौंपा जाएगी।
अर्जी में कहा गया है, जिन नियमों और शर्तों के तहत आयोग का गठन किया गया था, वह सरकार को अंतरिम रिपोर्ट प्राप्त करने का अधिकार देता है। इसमें आगे कहा गया है कि चूंकि आयोग ने अब तक 36 गवाहों से पूछताछ की है, इसलिए भूमि के मालिकाना हक के बारे में निष्कर्ष अवश्य निकलना चाहिए। यह स्पष्ट होना चाहिए कि क्या यह किसी वर्ग के लिए आरक्षित रखी गई थी।
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