भाजपा के कपूर को आठ मतों से किया पराजित
उत्तराखण्ड के इतिहास में तीसरी विधानसभा के लिए सोमवार को पहली बार दो प्रमुख राजनैतिक दलों के बीच विधानसभा अध्यक्ष के लिए विधानसभा सदस्यों द्वारा मतों से विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव किया गया, जिसमें बाजी कांग्रेस के हाथ लगी। कांग्रेस को 39 और भाजपा के पक्ष में 31 भाजपा विधायकों ने मतदान किया। विधानसभा अध्यक्ष के लिए सामेवार प्रातः 11 बजे जैसे ही विधायकों को विधान मण्डप में बुुलाया गया। भाजपा सदस्यों ने सबसे पहले एंगो इण्डियन कोटे से नामित विधायक आर.वी. गार्डनर के मामले में जमकर विरोध किया, वहीं भाजपा सदस्यों ने प्रोटम स्पीकर के मामले के लेकर मण्डप में हंगामा किया। मनोनीत विधानसभा सदस्य के मामले में भाजपा का कहना था कि इस प्रक्रिया को कांग्रेस द्वारा विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद किया जाना चाहिए था, उन्होंने ने इसे विधानसभा की पंरपराओं के खिलाफ बताया। वहीं प्रोटम स्पीकर मामले में भाजपा के विधानसभा सदस्यों का कहना था कि प्रोटम स्पीकर परंपरा के अनुसार उस व्यक्ति को बनाया जाता है, जो विधानसभा में सर्वाधिक बार चुनकर आया हो।
इन दोनों मामलों में हंगामे के बाद विधानसभा मण्डप की कार्यवाही 11ः05 पर 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विधानसभा अध्यक्ष के लिए निर्वाचन प्रक्रिया शुरू की गई। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष के पद पर कांग्रेस प्रत्याशी गोविंद सिंह कुंज्वाल को 39, भाजपा प्रत्याशी हरबंस कपूर को 31 मत मिले और विधानसभा अध्यक्ष के पद पर गोविंद सिंह कुंज्वाल निर्वाचित हुए। जिसके बाद प्रोटम स्पीकर डा. शैलेन्द्र मोहन सिंघल ने नवनिर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंज्वाल को कार्यभार ग्रहण करवाया। आज 27 मार्च (मंगलवार) से उत्तराखण्ड की तीसरी निर्वाचित विधानसभा का प्रथम चार दिवसीय विधानसभा सत्र शुरू होगा, जिसमें राज्यपाल के अभिभाषण से इसकी शुरूआत होगी।
(राजेन्द्र जोशी)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें