पाक सुरक्षा एजेंसियों ने संसद के संयुक्त सत्र पर आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया। पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक ने शनिवार को इस बात का खुलासा किया। आतंकियों ने गत 17 मार्च को संसद के संयुक्त सत्र के दौरान हमले की योजना बनाई थी। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने वाले थे। मलिक ने कहा कि विदेश मंत्रालय का एक कर्मचारी इस साजिश में शामिल था। हालांकि उन्होंने इस बारे में ज्यादा कुछ बताने से इंकार कर दिया।
आतंकी 17 मार्च को उस समय संसद पर हमला करने वाले थे जब जरदारी संयुक्त सत्र को संबोधित करने वाले थे। मलिक ने इस साजिश के लिए किसी आतंकी संगठन का नाम नहीं लिया। इसी वजह से 17 मार्च को संसद के संयुक्त सत्र के जरदारी के संबोधित करने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। इस्लामाबाद में संसद जहां स्थित है, उस इलाके में सैकड़ों सुरक्षाकर्मी लगाए गए और निगरानी के लिए हेलीकाप्टरों का भी इस्तेमाल किया गया। मीडिया रिपोर्टो के मुताबिक, आतंकियों ने पहाड़ों से इमारतों पर रॉकेट दागने की साजिश रची थी जिसके बाद आत्मघाती दस्ते हमला करते।
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