बहुमत के बावजूद कांग्रेस में घमासान जारी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 29 मार्च 2012

बहुमत के बावजूद कांग्रेस में घमासान जारी



प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने भले ही विश्वास मत हासिल कर लिया हो, लेकिन पार्टी के भीतर अब भी एक-दूसरे से दो-दो हाथ किया जा रहा है। इसी कड़ी में गुरूवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय राज्यमंत्री हरीश रावत ने बीते दिन सतपाल महाराज के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनकी इच्छा मुझे मुख्यमंत्री न बनने देने की थी, जिसे कांग्रेस ने पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि अच्छा होता कि सतपाल महाराज किसी भी तरह की बात को लेकर सीधे मुझसे सम्पर्क करते तो इसका हल निकाला जा सकता था। उन्होंने महाराज पर पार्टी की लड़ाई को मीडिया को साथ लेकर सार्वजनिक करने की बात कही। जबकि उनका कहना था कि पार्टी के भीतर यदि किसी को कोई समस्या है या मतभेद है तो उसे पार्टी फोरम के भीतर ही हल किए जाने की कोशिश की जानी चाहिए थी न कि मीडिया में बयान देकर। उल्लेखनीय है कि इसी क्रम में बीते दिन सतपाल महाराज की पत्नी और उत्तराखण्ड सरकार में मंत्री अमृता रावत ने मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से 11 सदस्यों के साथ मिलने की बात कही। उनका यह कहना था कि उनके साथ 10 से ज्यादा विधायक हैं, लेकिन उन्होंने विधायकों का नाम नहीं खोला है। अपने बयान में पहले सतपाल महाराज और अब उनकी पत्नी ने पार्टी के कुछ नेताओं पर केंद्रीय आलाकमान पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है और वह इस दबाव के कारण मलाईदार कुर्सी पाने में कामयाब भी हुए हैं। उनका कहना है कि पार्टी में जो घटनाक्रम चल रहा है, उससे आम कार्यकर्ता बेहद निराश है। उनका कहना है कि वे भी चाहती तो ऐसा कर सकती थी, लेकिन यह उनकी फितरत में नहीं है। 

बहुमत साबित होने के बाद भी कांग्रेस में जंग का दौर अभी भी जारी है। कांग्रेस जंग के इस दौर को खत्म करने के लिए मशक्कत में लगी हुई है, लेकिन उत्तराखण्ड के आलानेता एक-दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। कांग्रेस में यह जंग एनडी तिवारी के शासनकाल की तरह पांच साल तक चलते रहने की संभावनाएं बनी रहेंगी। माना जा रहा है सभी को संतुष्ट करने के बाद भी कुर्सी की लड़ाई की कसक नेताओं के मन में बरकरार रहेगी, जो कांग्रेस के लिए 2014 के साथ-साथ राज्य में होने वाले कई चुनावों को प्रभावित करने की तरफ भी साफ इशारा करती हुई नजर आएगी। माना जा रहा है नेताओं की इस बयानबाजी के चलते कांग्रेस को मंत्रियों के विभागों के बंटवारें में भी बड़ी चुनौती सामने आ रही है, वहीं कई मंत्री पसंदीदा विभागों को लेकर हाईकमान के साथ-साथ मुख्यमंत्री के सामने अपनी राय पेश कर चुके हैं। माना जा रहा है 30 मार्च को होने वाले राज्यसभा के चुनाव के बाद मंत्रियों के विभागों का बंटवारा किया जा सकता है। 


(राजेन्द्र जोशी)

कोई टिप्पणी नहीं: