बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अधिकार यात्रा के दौरान गुरुवार को एक बार फिर बेगूसराय और खगड़िया में विरोध झेलना पड़ा। बेगूसराय में जहां लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाए तथा सभा स्थल पर कुर्सियां तक फेंकी गई वहीं खगड़िया में काफिले पर पथराव किया गया तथा लोगों ने तीन वाहनों को फूंक दिया। नीतीश अपनी अधिकार यात्रा के दौरान बेगूसराय से खगड़िया पहुंचने वाले थे। इसके पूर्व ही उनके आने वाले सड़क पर ही लोग खगड़िया के विकास की मांग को लेकर बैठ गए थे। किसी तरह समझा-बुझाकर अधिकारियों ने उनके काफिले को तो वहां से निकाल दिया। परंतु कुछ दूर आगे जाने के बाद ही कुछ प्रदर्शनकारियों ने काफिले पर पथराव कर दिया।
पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों के इस पत्थरबाजी से कुछ वाहनों के शीशे टूट गए। पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया तथा आंसू गैस के गोले छोड़े गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पुलिस ने गोली भी चलाई है। इसके पूर्व बेगूसराय में सभास्थल जाने के दौरान ही उनकी सुरक्षा को भेदते हुए प्रदर्शनकारी उनकी कार तक पहुंच गए और उन्हें काला झंडा दिखाए। एक अधिकारी के अनुसार विरोध करने वालों में अनुबंध पर काम करने वाले शिक्षकों के साथ नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के कार्यकर्ता भी शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व बुधवार को नियोजित शिक्षकों ने दरभंगा में मुख्यमंत्री की अधिकार सम्मेलन सभा के दौरान भी इन शिक्षकों ने अन्य शिक्षकों के समान वेतन देने की मांग को लेकर नारेबाजी की थी और पोस्टर-बैनर लेकर प्रदर्शन किया था। इसके बाद सभा में मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान इन शिक्षकों को फटकार लगाई थी।
गौरतलब है कि पिछले 19 सितम्बर से मुख्यमंत्री बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लकर अधिकार यात्रा पर निकले हैं तथा जन समर्थन जुटाने के लिए सभाएं कर रहे हैं। इसके पूर्व अनुबंध पर नियोजित शिक्षकों ने बेतिया, मोतिहारी, मधुबनी में भी मुख्यमंत्री की सभाओं में विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं।
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