शिक्षा के व्यवसायीकरण पर तुली है राज्य व केन्द्र सरकारः विजेन्द्र - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 31 अक्तूबर 2013

शिक्षा के व्यवसायीकरण पर तुली है राज्य व केन्द्र सरकारः विजेन्द्र

  • आईएसएफ का 30 वां जिला सम्मेलन संपन्न, प्रिंस बने सचिव व विष्णु बने अध्यक्ष

aisf aurangabad
औरंगाबाद। एआईएसएफ का 30 वां जिला सम्मेलन आज शहर के कर्पूरी स्मारक में शिक्षा के निजीकरण-व्यवसायीकरण, समान स्कूल प्रणाली, निजी विश्वविद्यालय कानून, दाउदनगर को जिला बनाने आदि मांगों के साथ संपन्न हो गया। सम्मेलन की अध्यक्षता अंजली कुमारी ने की। सम्मेलन का उद्धाटन करते हुए पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विजेन्द्र केशरी ने कहा कि राज्य व केन्द्र सरकार शिक्षा के निजीकरण-व्यवसायीकरण पर तुली हुई है। एआईएसएफ की पहली प्राथमिकता इसे रोकना है। आज देश में धर्म को नाम पर आसाराम बापू जैसे पापी संत बदनाम कर रहे हैं वहीं कुछ पार्टियां विधानसभा और लोकसभा में जाने के लिए धर्म का सहारा ले रही है। उनके पास शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी मुद्दा नहीं है। धर्म के नाम पर देश में उन्माद फैलाने की उनकी साजिश को एआईएसएफ नाकाम करेगा। सभी को एक समान शिक्षा मिले इसके लिए आंदोलन तेज करना होगा। सम्मेलन को संबोधित करते हुए संगठन के राज्य सचिव विश्वजीत कुमार ने कहा कि 16 से 18 नवंबर को दरभंगा में आयोजित राज्य सम्मेलन निजी विश्वविद्यालय कानून, समान स्कूल प्रणाली, शिक्षा के व्यवसायीकरण-निजीकरण के खिलाफ आहुत है। बिहार में शिक्षा व्यवस्था चैपट होती जा रही है। इसके खिलाफ राज्य में संधर्ष तेज किया जायेगा।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष परवेज आलम ने कहा कि हमारा संगठन उन विर क्रांतिकारी शहीदे आजम भगत सिंह, अस्फाक उल्ला खां द्वारा प्रमाणित है जिसका इतिहास बताने की जरूरत नहीं है। जिस तरह देश और समाज के अच्छे निमार्ण के लिए इन लोगों ने आहुती दे दी उसी का अनुआई एआईएसएफ का हर सदस्य है। सबको शिक्षा और सबको काम दिलाने के लिए संधर्षशील है। उन्होंने छात्रों से राज्य सम्मेलन में आने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य में सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं में धाधली पायी जाती थी। एआईएसएफ के आंदोलन के कारण इस पर लगाम लगा है।

सम्मेलन में प्रिंस कुमार को जिला सचिव, विष्णुदत्त त्रिपाठी को जिलाध्यक्ष, भूलन कुमार सिंह को सह् सचिव, प्रियंका कुमारी व शाबीर अंसारी को उपाध्यक्ष चुना गया है। इसके अलावा 25 सदस्यीय जिला कमिटी का गठन किया गया। सम्मेलन को प्रमुख रूप से मगध विश्वविद्यालय के संयुक्त सचिव धमेन्द्र कुमार, रवि कुमार, नितेश कुमार, अविनाश कुमार, नीरज कुमार, शैलेन्द्र कुमार, मो. दानिश, अंशु कुमार, पप्पु कुमार, अमित कुमार, तारीक, विकास आदि ने संबोधित किया। वहीं सम्मेलन में औरंगाबाद में एम.ए. की पढ़ाई आरंभ कराने, अल्पसंख्य छात्रावासों को छात्रों के हवाले करने, दाउदनगर अनुमंडल को जिला बनाने, कुटुम्बा प्रखंड में संबंध महाविद्यालय स्थापित करने, समान शिक्षा प्रणाली लागु करने के अलावा अन्य मुद्दों पर संधर्ष करने का प्रस्ताव पारित किया।

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