नीतीश के योग विरोध के बावजूद भाजपा ने शराबबंदी का समर्थन किया : सुशील - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 20 जनवरी 2017

नीतीश के योग विरोध के बावजूद भाजपा ने शराबबंदी का समर्थन किया : सुशील

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पटना 20 जनवरी, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जारी हमले में नरमी लाते हुये आज कहा कि श्री कुमार के योग का विरोध करने के बावजूद भाजपा ने शराबबंदी और मानव श्रृंखला का समर्थन किया है। श्री मोदी ने यहां कहा कि दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस का नीतीश कुमार ने न केवल मजाक उड़ाया था, बल्कि बिहार में इसके आयोजन में बाधा भी डाली थी। इसके बावजूद भाजपा ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी और मानव श्रृंखला का समर्थन कर सामाजिक मुद्दों को राजनीति से परे रखा है। भाजपा जागरुकता कार्यक्रम के लिए जबरदस्ती न करने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करती है। भाजपा नेता ने कहा कि यदि स्कूलों में प्रारंभ से ही योग की शिक्षा दी जाए, तो बच्चों को शराब या किसी दूसरे नशे की लत नहीं लगेगी लेकिन मुख्यमंत्री ने राजनीतिक कारणों से योग का विरोध किया था। उन्होंने नोटबंदी के फैसले का समर्थन तो किया, लेकिन कम नकदी वाले लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए दूसरे राज्यों जैसी पहल नहीं की। 

पूर्व उप मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि यदि श्री कुमार प्रभावी शराबबंदी के लिए गंभीर हैं, तो बतायें कि उत्पाद विभाग के पूर्व प्रधान सचिव के. के. पाठक के समय बनी 1,000 करोड़ रुपये की योजना ठंडे बस्ते में क्यों डाल दी गई। श्री मोदी ने कहा कि शराबबंदी पर निगरानी के लिए योजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य उच्च पथों पर 600 जांच चौकी और 700 बैरियर बनने थे। करीब 90 करोड़ की लागत वाले ट्रक स्कैनर की खरीद होनी थी और रेलवे स्टेशनों तथा हवाई अड्डों पर निगरानी के लिए 14 एक्स-रे मशीनें लगनी थीं। प्रत्येक जिले में विशेष न्यायालय बनाने का फैसला भी धरा रह गया। श्री मोदी ने कहा कि अब तक 30 हजार से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी और लगभग पांच लाख लीटर देसी-विदेशी शराब बरामद होने के बावजूद राज्य में शराब का अवैध धंधा जारी है। उन्होंने मुख्यमंत्री को नसीहत देते हुये कहा कि श्री कुमार ने मानव श्रृंखला बनवाने और इसे ऐतिहासिक बनाने में जितनी दिलचस्पी ली है, उतनी गंभीरता उन्हें शराबबंदी योजना को लागू करने में भी दिखानी चाहिए। 

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