पटेल का शतक, गुजरात पहली बार बना रणजी चैंपियन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 14 जनवरी 2017

पटेल का शतक, गुजरात पहली बार बना रणजी चैंपियन

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इंदौर , 14 जनवरी, कप्तान पार्थिव पटेल (143) के करियर की सबसे यादगार शतकीय पारी के दम पर गुजरात ने 41 बार के चैंपियन मुंबई को फाइनल में पांचवे और अंतिम दिन शनिवार को पांच विकेट से हराकर पहली बार रणजी चैंपियन बनने का इतिहास रच दिया। गुजरात के सामने 312 रन का लक्ष्य था और कप्तान पटेल ने 196 गेंदों पर 24 चौकों की मदद से 143 रन की मैच विजयी पारी खेली। पटेल जब पांचवें बल्लेबाज के रूप में आउट हुये तो गुजरात का स्कोर 299 पहुंच चुका था और मंजिल करीब थी। गुजरात ने 89.5 ओवर में पांच विकेट पर 313 रन बनाकर ऐतिहासिक जीत अपने नाम की। गुजरात ने इसके साथ ही रणजी ट्राफी के 83 वर्ष के इतिहास में फाइनल में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकार्ड भी बना दिया। गुजरात ने हैदराबाद का रिकार्ड तोड़ा जिसने 1937-38 में नवानगर के खिलाफ 310 रन का लक्ष्य हासिल किया था। 66 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद गुजरात अपना पहला रणजी फाइनल खेल रहा था। गुजरात इससे पहले 1950-51 में रणजी ट्राफी के फाइनल में पहुंचा था लेकिन तब उसे खिताबी मुकाबले में होल्कर से हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद से गुजरात ने एक लंबा सफर तय करते हुये 66 साल बाद जाकर फाइनल में जगह बनाई और मुंबई का 42 वीं बार खिताब जीतने का सपना तोड़ दिया। मुंबई इससे पहले आखिरी बार वर्ष 1990-91 के फाइनल में हारी थी। पार्थिव पटेल ने गुजरात को चैंपियन बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पटेल ने दिसंबर 2015 में अपना पहला लिस्ट ए शतक बनाया था और गुजरात को 50 ओवर की घरेलू चैंपियनशिप विजय हजारे ट्राफी में पहली खिताबी जीत दिलायी थी। उसके एक साल बाद पटेल ने एक और सैकड़ा जड़ा और गुजरात को रणजी चैंपियन बना दिया। पटेल का यह 25 वां प्रथम श्रेणी शतक था जिसके लिये उन्हें मैन आफ द मैच का पुरस्कार मिला। पटेल ने पहली पारी में 90 रन बनाये थे। मनप्रीत जुनेजा ने 54 ,प्रियांक पांचाल ने 34 ,समित गोहेल ने 21 और रुजूल भट्ट ने नाबाद 27 रन बनाकर गुजरात को ऐतिहासिक जीत दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

गुजरात को खिताब के लिये मात्र ड्रा की जरूरत थी क्योंकि उसे पहली पारी के आधार पर 100 रन की बढ़त हासिल थी लेकिन उसके बल्लेबाजों ने मुंबई की चुनौती को स्वीकार करते हुये शानदार अंदाज में बल्लेबाजी करते हुये जीत अपने नाम की। गुजरात के खिलाड़ियों ने जिस तरह दूसरी पारी में लक्ष्य का पीछा किया वह वास्तव में जीत के हकदार थे। कप्तान पटेल ने कप्तानी पारी खेलते हुये अकेले मोर्चा संभालते हुये मुंबई के गेंदबाजों को छकाये रखा। उन्होंने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुये 196 गेंदों की अपनी मैराथन पारी में 24 चौके जड़े। उन्होंने 89 रन पर तीन विकेट गिर जाने के बाद मनप्रीत के साथ शतकीय साझेदारी निभाई और टीम को जीत की ओर अग्रसर किया। मनप्रीत जब मैदान पर उतरे तो उस समय तक गुजरात के तीन विकेट 89 रन पर गिर चुके थे। गुजरात ने सुबह कल के बिना विकेट पर 47 रन से आगे खेलना शुरु किया। प्रियांक पांचाल ने 34 रन से तथा समित गोहेल ने आठ रन से अपनी पारी को आगे बढ़ाया। गुजरात को जीत के लिये 265 रन की जरूरत थी और उसके सभी 10 विकेट सुरक्षित थे। गुजरात को पहला झटका कल के स्कोर पर ही लग गया जब बलविंदर संधू ने पांचाल को आउट करर दिया। भार्गव मेरई दो रन बनाकर संधू का अगला शिकार बन गये। अभिषेक नायर ने समित (21) को आउट किया। मैदान पर उतरे मनप्रीत ने अपने कप्तान का बखूबी साथ निभाया और दोनों ने चौथे विकेट के लिये 116 रन जोड़कर मैच का रुख गुजरात के पक्ष में मोड़ दिया। जुनेजा अखिल हेरवदकर पर स्वीप मारने की कोशिश में विकेटकीपर आदित्य तारे को कैच थमा बैठे। गुजरात का चौथा विकेट के 205 के स्कोर पर गिरा। 

इस समय एक और विकेट से मैच का नक्शा बदल सकता था लेकिन मुंबई के कप्तान आदित्य तारे ने शार्दुल ठाकुर की गेंद पर रुजूल भटट का कैच टपका दिया। भट्ट ने उस समय एक रन ही बनाया था। तारे ने कैच को सफाई से लपकने से पहले ही जश्न मनाना शुरु कर दिया जिसका मुंबई को भारी नुकसान उठाना पड़ा। पार्थिव और रूजूल भट्ट (नाबाद 27) ने पांचवें विकेट के लिये 94 रन की साझेदारी करते हुये टीम की जीत सुनिश्चित कर दी। पार्थिव टीम के 299 के स्कोर पर पवेलियन लौटे तब जीत की मात्र औपचारिकता बची थी। चिराग गांधी (नाबाद 11) ने रुजूल के साथ मिलकर 89.5 ओवर में टीम को जीत दिला दी और इसी के साथ ही गुजरात ने पहली बार इस प्रतिष्ठित ट्राफी पर कब्जा जमाया। चिराग गांधी ने ठाकुर की गेंद पर लगातार दो चौके जड़कर जैसे ही खिताब गुजरात की झोली में डाला, गुजरात के खिलाड़ियों ने जश्न मनाना शुरु कर दिया। गुजरात के लिये यह वाकई ऐतिहासिक क्षण था। इस तरह गुजरात ने लगातार तीन सत्र में राष्ट्रीय खिताबों का अपना खजाना पूरा कर लिया। मुंबई के लिये बलविंदर संधू ने 24 ओवर में 101 रन देकर दो विकेट, शार्दुल ठाकुर ने 90 रन पर ,नायर ने 31 रन पर तथा हेरवदकर ने 17 रन पर एक-एक विकेट लिया। 

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