नीतीश हिंदू त्योहारों के प्रति गंभीर नहीं : सुशील मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 15 जनवरी 2017

नीतीश हिंदू त्योहारों के प्रति गंभीर नहीं : सुशील मोदी

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पटना 15 जनवरी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गंगा नदी में नौका दुर्घटना में 24 लोगों की हुई मौत को नीतीश सरकार की गंभीर लापरवाही का नतीजा बताया और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अन्य धर्मो के त्योहारों के प्रति जितने गंभीर रहते है उतने वह हिंदू धर्म के त्योहारों के प्रति नहीं रहते है । भाजपा विधान मंडल दल के नेता और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हाल में सम्पन्न प्रकाशोत्सव और कालचक्र पूजा के इंतजाम को लेकर मुख्यमंत्री जिस तरह गंभीर थे और कई बार उसकी तैयारियों की वह समीक्षा करते थे उस तरह वह मकर संक्रांति के मौके पर आयोजित होने वाले पतंग उत्सव को लेकर गंभीर नहीं थे । उन्होंने कहा कि पतंग उत्सव का आयोजन राज्य के कला संस्कृति विभाग ने किया था लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे भगवान भरोसे छोड़ दिया था । श्री मोदी ने कहा कि प्रकाश पर्व पर राज्य सरकार के खजाने से 200 करोड़ रूपये से भी अधिक खर्च किया गया लेकिन पटना में गंगा नदी के दियारा क्षेत्र में आयोजित होने वाले पतंग उत्सव के लिए एक पैसा भी खर्च नहीं किया । उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि प्रकाशोत्सव और कालचक्र पूजा की व्यवस्था बेहतर हो सकती है तो हिन्दुओं के पर्व की व्यवस्था अच्छी क्यों नहीं हो सकती है । भाजपा नेता ने कहा कि प्रकाशोत्सव और कालचक्र पूजा के अच्छे इंतजाम का श्रेय मुख्यमंत्री ले रहे हैं तो पतंग उत्सव से लौट रहे 24 लोगों की नौका दुर्घटना में हुई मौत की भी जिम्मेवारी उन्हें ही लेनी चाहिए । उन्होंने कहा कि अच्छी प्रशासनिक व्यवस्था का श्रेय यदि मुख्यमंत्री को जाता है तो विफलता के लिए प्रशासनिक पदाधिकारी को जिम्मेवार ठहराना सही नहीं है । श्री मोदी ने कहा कि पतंग उत्सव में एक लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे जिनमें अधिकांश गरीब तबके के थे । इतनी बड़ी भीड़ के लिए किये गये इंतजाम पर नजर रखने के लिए वहां कोई भी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद नहीं था । उन्होंने कहा कि प्रकाशोत्सव और कालचक्र पूजा के इंतजाम पर खुद मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव नजर रख रहे थे लेकिन पतंग उत्सव की तैयारियों की समीक्षा मुख्यमंत्री तो क्या मंत्री तक ने नहीं की । भाजपा नेता ने कहा कि पतंग उत्सव स्थल तक लोगों को ले जाने के लिए सरकार की ओर से नि:शुल्क व्यवस्था की गयी थी लेकिन उनके लौटने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी । उन्होंने कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए कि जब दो बजे स्टीमर खराब हो गयी तो फिर वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गयी और लौटने के लिए पर्याप्त नाव की व्यवस्था क्यों नहीं थी । सरकार को यह भी बताना चाहिए कि कार्यक्रम स्थल पर वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी क्यों नहीं मौजूद थे । 

श्री मोदी ने कहा कि सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए मनोरंजन पार्क के मालिक को जिम्मेवार ठहरा रही है कि उसके कारण ही वहां भारी भीड़ जुटी थी जबकि सच्चाई यह है कि मनोरंजन पार्क अभी वहां शुरू भी नहीं हुआ है । उन्होंने कहा कि अब सारण और पटना जिला प्रशासन एक दूसरे पर लापरवाही का आरोप लगा रहा है । भाजपा नेता ने कहा कि यदि राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में छठ के दौरान 22 लोगों और वर्ष 2014 में दशहरा में भगदड़ के दौरान 33 लोगों की हुई मौत से सबक लेकर पर्याप्त व्यवस्था की होती तो कल के हादसे को टाला जा सकता था । उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि पूरा प्रशासनिक महकमा कल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के आवास पर दही चूड़ा भोज और मुख्यमंत्री की अगवानी में व्यस्त था । श्री मोदी ने कहा कि इस हादसे में पटना के महेन्दू मोहल्ला के 11 लोगों की तथा एक परिवार के चार सदस्यों की मौत हुई है । इस दुर्घटना के कारण पूरा बिहार दुखी और मर्माहत है । सरकार ने गंगा नदी पर बने महात्मा गांधी सेतु के जीणोर्द्धार कार्य के कार्यारम्भ का कार्यक्रम और सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने दही-चूड़ा भोज को रद्द कर दिया । उन्होंने कहा कि इस तरह सरकार को चाहिए कि वह 21 जनवरी को नशे के खिलाफ मानव श्रृंखला के कार्यक्रम को कुछ दिनों के लिए टाल दे । भाजपा नेता ने कहा कि बिहार में पिछले एक साल में 1000 लोगों की डूबने से मौत हुई है । इस तरह के हादसे से बचने के लिए सरकार को सुरक्षा के इंतजामों पर विचार करना चाहिए । कुछ लोगों का सुझाव है कि नावों पर सवारी करने वालों के लिए लाइफ जैकेट पहना अनिवार्य किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि यह सुझाव अच्छा है । सरकार हादसे में मरने पर लाखो रूपये मुआवजे के तौर पर देती है उससे कम रकम पर लाइफ जैकेट को खरीदा जा सकता है और सकड़ों लोगों की जान बचायी जा सकती है । श्री मोदी ने हादसे की जांच के लिए बनायी गयी कमेटी पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि जो लोग हादसे के लिए जिम्मेवार ठहराये जा सकते हैं उन्हें ही जांच का जिम्मा दिया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों को अपनी कमियों को छुपाने का मौका मिल गया है। आखिर सरकार कैसे यह अपेक्षा करती है कि जिन्हें जांच का जिम्मा दिया गया है वे ही अपनी कमियों को बतायेंगे । इस बीच नाव हादसे के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी के गठन पर राजद के वरिष्ठ नेता और विधायक भाई वीरेंद्र ने भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इस हादसे के लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार है तो फिर इस कमेटी में जिलाधिकारी संजय अग्रवाल को कैसे शामिल किया है । उन्होंने कहा कि जांच में उनके शामिल होने से जांच की पारदर्शिता प्रभावित हो सकती है । हालांकि उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को जांच कमेटी में शामिल करना ठीक है लेकिन जिलाधिकारी को इस कमेटी में रखना सही नहीं है । गौरतलब है कि इस पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी आपादा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, पटना के पुलिस उप महानिरीक्षक शालीन और जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल को दी गयी है । 

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