झारखंड विधानसभा में प्रश्नोत्तरकाल की कार्यवाही बाधित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 21 जनवरी 2017

झारखंड विधानसभा में प्रश्नोत्तरकाल की कार्यवाही बाधित

question-hour-jharkhand-disturbed
रांची 21 जनवारी, झारखंड विधानसभा में छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) और संतालपरगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी) में हुये संशोधन को वापस लेने की मांग को लेकर प्रश्नोत्तरकाल की कार्यवाही आज भी पूरी तरह से बाधित रही जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विधायकों के शोर-शराबे के बीच ही राज्य के संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2016.17 की प्रति सभा पटल पर रखी। भोजनावकाश के बाद सदन ने चालू वित्त वर्ष के तृतीय अनुपूरक व्यय विवरिणी को बिना चर्चा के कुछ ही मिनटों में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। बजट सत्र के पांचवें दिन सभा की कार्यवाही आज पूर्वाह्न 11 बजे शुरु होने के साथ ही झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रवक्ता मनमोहन वैध के आरक्षण पर दिये गये बयान का जिक्र करते हुए सदन में इसके खिलाफ निन्दा प्रस्ताव पारित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि संविधान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग को जो अधिकार प्राप्त हैं उसे भी छीनने की कोशिश की जा रही है। श्री यादव ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक जरूरतों के मुताबिक आज भी इन वर्गों को शैक्षणिक और सरकारी नौकरियों की जरूरत है। इसलिए आरक्षण को लेकर आरएसएस की ओर से जो बयान आया है उसके खिलाफ विधानसभा से निन्दा प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए। वहीं, श्री राय ने इस टिप्पणी पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह का बयान देने के पहले माननीय सदस्य को पूरी खबर पढ़नी चाहिए। इस संबंध में पहले ही स्थिति स्पष्ट की जा चुकी है। इस बीच झामुमो के चंपई सोरेन समेत कई विधायक सीएनटी-एसपीटी अधिनियम में संशोधन को वापस लेने की मांग को लेकर वेल में आ गये। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी अधिनियम पर हमला बर्दास्त नहीं किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अनंत ओझा ने सीएनटी-एसपीटी अधिनियम के मुद्दे पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाया। इस दौरान झामुमो के कई सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। 

संसदीय कार्यमंत्री ने सीएनटी-एसपीटी अधिनियम में संशोधन के मसले पर चर्चा कराने और मतदान कराने के लिए तैयार होने की बात कही। विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने भी हंगामा कर रहे सदस्यों से इस प्रस्ताव पर गौर करने की बात की और प्रश्नकाल शुरू करते हुए झाविमो के प्रदीप यादव से अल्पसूचित प्रश्न पर पूरक प्रश्न पूछने को कहा लेकिन श्री यादव ने पहले सदन के व्यवस्थित होने की बात उठायी। झामुमो सदस्यों के नारेबाजी के बीच विधानसभा अध्यक्ष श्री उरांव के निर्देश पर संसदीय कार्यमंत्री ने झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 की प्रति सभा पटल पर रखी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही भोजनावकाश दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। भोजनावकाश बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही सीएनटी-एसपीटी अधिनियम में संशोधन को वापस लेने की मांग को लेकर झामुमो के कई विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। इस बीच झाविमो के प्रदीप यादव ने तृतीय अनुपूरक बजट पर रखे गये कटौती प्रस्ताव चर्चा की शुरुआत करते हुए सरकार से मांग की कि यदि उनकी नौ शर्तें पूरी कर दी जाए तो वह कटौती प्रस्ताव को वापस लेने के लिए तैयार हैं। उन्होंने नौ सूत्री मांगों में सीएनटी-एसपीटी अधिनियम में संशोधन को वापस लेने, स्थानीयता की परिभाषा को पुनः परिभाषित करने, लौह अयस्क खनन पट्टों में नियमों की अनदेखी की सीबीआई जांच कराने और पिछड़ों के आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग की। 

भाजपा के राधाकृष्ण किशोर ने भी चर्चा में भाग लेते हुए अपनी बातें रखने की कोशिश की लेकिन झामुमो सदस्यों के शोर-शराबे के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्यमंत्री को तृतीय अनुपूरक बजट पर सरकार की ओर से उत्तर रखने का निर्देश दिया गया। श्री राय ने बताया कि वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 2069.67 करोड़ रुपये के तृतीय अनुपूरक बजट को सरकार की ओर से पेश किया गया है। उन्होंने बताया कि अनुपूरक बजट से राज्य सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा बल्कि केंद्र सरकार से प्राप्त होने वाले अनुदान तथा विभागों के बीच राशि के प्रत्यार्पण के तहत ही राशि का उपबंध किया जाना है। अनुपूरक बजट में सबसे अधिक 310.51 करोड़ रुपये पथ निर्माण और 301 करोड़ रुपये ऊर्जा विभाग के लिए प्रावधान किये गये है। श्री राय ने सभा पटल पर रखे गये आर्थिक सर्वेक्षण का जिक्र करते हुए बताया कि इस वर्ष राज्य की आर्थिक विकास दर 8.8 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से दो प्रतिशत अधिक है। विकास दर का राष्ट्रीय औसत अभी 6.8 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि विकास की रफ्तार यही रही तो अल्पविकसित प्रदेश की श्रेणी में शामिल झारखंड विकास के मामले में 18 वर्षाें में राष्ट्रीय औसत को प्राप्त कर लेगा। उन्होंने बताया कि झारखंड की विकास दर में यदि एक प्रतिशत और वृद्धि हासिल कर ली जाए तो वर्ष 2030 तक प्रदेश विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल हो सकता है। तृतीय अनुपूरक बजट व्यय विवरिणी को झामुमो सदस्यों के हंगामे के बीच ही ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। साथ ही झारखंड विनियोग संख्या-01 विधेयक 2017 को भी स्वीकृति देने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 

कोई टिप्पणी नहीं: