‘मिशन परिवार विकास’ के जरिए जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने की तैयारी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 16 जून 2017

‘मिशन परिवार विकास’ के जरिए जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने की तैयारी

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नयी दिल्ली,15जून, सरकार ने देश में जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने की तैयारी के तहत सर्वाधिक कुल प्रजनन दर (टीआरएफ) वाले सात राज्यों के 145 जिलों में मिशन परिवार विकास अभियान द्रुत गति से शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज यहां स्वास्थ्य मंत्रालय की तीन वर्ष की उपलब्धि का ब्योरा देने के अवसर पर बताया कि देश के सात राज्यों- उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश ,छत्तीसगढ़, झारखंड और असम में कुल प्रजनन दर देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी ज्यादा है। इनमें देश की कुल आबादी का 28 फीसदी निवास करता है। इन राज्यों में टीआरएफ दर करीब तीन प्रतिशत है, जिसे साल 2025 तक घटाकर 2़1 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा गया है। श्री नड्डा ने कहा कि देश की जनसंख्या वृद्धि में सबसे ज्यादा योगदान करने वाले इन राज्यों में मिशन परिवार विकास के जरिए उन कारणों का पता लगाया जा रहा है, जो जनसंख्या वृद्धि की वजह बन रहे हैं। इनमें परिवान नियोजन सुविधाओं का अभाव , पर्याप्त चिकित्सा केन्द्रों और वहां डाक्टरों और चिकित्साकर्मियों की कमी तथा ढांचागत सुविधाओं का अभाव जैसे कारक शामिल है। एक बार वजह पता लगने के बाद उसी हिसाब से इनके समाधान की नीतियां तय की जाएंगी । इस बीच, परिवार नियोजन जागरूकता अभियान के तहत कई नयी पहल की गई है। नवविवाहित जोड़ों को नियोजन पहल किट उपलब्ध करायी जा रही है और परिवारों में सास -बहू के बीच बेहतर संवाद की व्यवस्था के लिए दरबार आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें छोटा परिवार रखने के महत्व को समझाया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में हर जगह परिवार नियोजन से संबंधित सुविधाएं देने की तैयारी हो रही है। परिवार नियोजन के तरीके अपनाने वालों को प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की गई है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि उच्च गुणवत्ता के परिवार नियोजन विकल्प उपलब्ध कराने के अलावा, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएं विकसित करने और प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों में पर्याप्त संख्या में डाक्टरों और चिकित्साकर्मियों की व्यवस्था करने का काम भी हो रहा है। सरकार के इस महत्वाकांक्षी अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन और कई निजी संस्थायें सहयोग कर रही हैं।

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